ममता बेनर्जी के रोज रोज के नखरों से दुखी होकर काग्रेस ने आखिर ममता से पीछा छुड़ाने का मन बना लिया है इसके बदले कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी से हाथ मिलाने जा रही है इस सिलसिले में कांग्रेस की मुलायम सिंह से बात हो चुकी है. क्योकि इस गठजोड़ से कांग्रेस और मुलायम दोनों को यूपी चुनाव में फायदा होगा इस कारण नए गठजोड़ पर जल्द ही अम्ल होने जा रहा है . बताया जा रहा हैकि मुलायम भी इस गठबंधन के लिए राजी हैं . गौरतलब है कि उप में कांग्रेस अजित सिंह से पहले ही समझोता कर चुकी है . मुलायम और कांग्रेस दोनों को फायदा होने कि उमीद है . गौरतलब है कि आलाकमान भूमि अधिग्रहण बिल, रीटेल में एफडीआई और फिर लोकपाल बिल पर तृणमूल कांग्रेस के रवैये से काफी क्षुब्ध है। इन मुद्दों पर टीएमसी के रवैये और बयानबाजी के चलते सरकार को कदम पीछे खींचने पड़ चुके हैं, जिससे काफी किरकिरी भी हुई है। ममता के इस व्यवहार ने यूपीए सरकार के विरोधियों को भी यह कहना का पूरा मौका दिया कि सरकार के सहयोगी ही विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि अब समय आ गया है जब अड़ियल रुख वाली ममता बनर्जी को टा-टा कहकर समाजवादी पार्टी के साथ पूर्ण गठबंधन कर लिया जाए। कांग्रेस के एक गुट का कहना है कि लोकसभा में 19 सांसद वाली टीएमसी से बेहतर है कि 22 सांसदों वाली एसपी का दामन थाम लिया जाए। वरिष्ठ कांग्रेसियों का मानना है कि वैसे भी यूपी विधानसभा चुनाव के बाद यह गठबंधन उत्तर प्रदेश में भी कांग्रेस सत्ता के सिंहासन तक पहुंच सकता है। इस बारे में पूछे जाने पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा कि अभी तक कांग्रेस से इस मसले पर कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी कोई भी फैसला चुनाव के बाद लेगी।
वैसे जब से ममता बंगाल कि मुख्यमंत्री बनी है तब से उसके तेवर बदले हुए है और उन पर हमेशा गठबंधन धर्म नहीं निभाने के आरोप लगते रहे हैं। बंगाल में कांग्रेस को दगा देने वालों को भी ममता ने अपनी सरकार और पार्टी में बढ़िया हैसियत दी है। मालदा के कांग्रेस अध्यक्ष एस.मित्रा आजकल ममता की कैबिनेट में महिला-बाल विकास मंत्री हैं, तो चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ टीएमसी में शामिल होने वाले श्यामपदा मुखर्जी पर भी ममता मेहरबान हैं और उन्हें भी कैबिनेट में जगह दी गई है। अब त्रिपुरा ओर गोवा में भी ममता अपने प्रत्याशी उतारने की बात कहकर कांग्रेस की आंखों की किरकिरी बन गई हैं।
वैसे जब से ममता बंगाल कि मुख्यमंत्री बनी है तब से उसके तेवर बदले हुए है और उन पर हमेशा गठबंधन धर्म नहीं निभाने के आरोप लगते रहे हैं। बंगाल में कांग्रेस को दगा देने वालों को भी ममता ने अपनी सरकार और पार्टी में बढ़िया हैसियत दी है। मालदा के कांग्रेस अध्यक्ष एस.मित्रा आजकल ममता की कैबिनेट में महिला-बाल विकास मंत्री हैं, तो चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ टीएमसी में शामिल होने वाले श्यामपदा मुखर्जी पर भी ममता मेहरबान हैं और उन्हें भी कैबिनेट में जगह दी गई है। अब त्रिपुरा ओर गोवा में भी ममता अपने प्रत्याशी उतारने की बात कहकर कांग्रेस की आंखों की किरकिरी बन गई हैं।
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