सरकार और सेना के बीच कोई मतभेद नही : एंटनी
नई दिल्ली। थल सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह की आयु पर विवाद को प्रमुखता न देते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने मंगलवार को कहा कि इस मुद्दे को सरकार व सेना के बीच टकराव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना की दो शाखएं 36 साल से सेना प्रमुख के दो अलग जन्म दिनांकों के दस्तावेज रखे हुए हैं और सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। एंटनी ने एक पुरस्कार समारोह से इतर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद लम्बे समय से लम्बित यह विवाद समाप्त हो जाएगा। मैं इस बात से सहमत हूं कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह असैन्य-सैन्य विवाद का सवाल नहीं है। दुर्भाग्यवश ऐसा हुआ, हो सकता है कि इसके पीछे कोई मंशा न रही हो लेकिन 36 साल से सेना के पास उनके जन्म की दो तारीखें हैं, इसलिए इस विवाद ने जन्म लिया। एंटनी ने कहा कि सरकार ने केवल वही स्वीकार किया जो उन सालों के दौरान के सैन्य प्रमुखों ने कहा। उन्होंने कहा कि सरकार को लगा कि विवाद समाप्त हो गया है और दस्तावेजों में संशोधन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमें लगा कि मामला समाप्त हो गया है लेकिन पिछले साल फिर शिकायत सामने आई। तब सरकार ने तीन बार मामला कानून मंत्रालय और महान्यायवादी के पास भेजा। सरकार के पास कार्रवाई का केवल यही रास्ता था। एंटनी ने कहा कि अब यह मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष है और वहां जो भी फैसला हो उसे मानने के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। गौरतलब है कि एडजुटेंट जनरल व भारतीय सैन्य मुख्यालयों की शाखाओं के सैन्य सचिव के विभिन्न दस्तावेजों में सिंह की उम्र अलग-अलग बताई गई है। भुगतान, भत्तों एवं पेंशन से सम्बंधित एडजुटेंट जनरल की शाखा का कहना था कि सिंह का जन्म 1951 में हुआ और नियुक्ति व पदोन्नति से सम्बंधित सैन्य सचिव शाखा के दस्तावेजों में उनका जन्म 1950 में होने की बात कही गई थी।
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