बुलंदशहर।। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) गहन जांच-पड़ताल के बाद इस नतीजे पर पहुंची है कि आचार्य बालकृष्ण की चारों डिग्रियां, पूर्व मध्यमा (हाई स्कूल), मध्यमा (इंटरमीडिएट), शास्त्री (ग्रेजुएट) और आचार्य (पोस्ट ग्रेजुएट), जाली हैं। अब इस मामले में सीबीआई को खुर्जा कस्बे में स्थित राधाकृष्णन संस्कृत कॉलेज के प्रिंसिपल की तलाश है। प्रिंसिपल पर योग गुरु रामदेव के सहयोगी बालकृष्ण को जाली डिग्री बांटने का आरोप लगाया गया है । खुर्जा कॉलेज के प्रिंसिपल नरेश चंद द्विवेदी पर बालकृष्ण को आचार्य (एम. ए.) की जाली डिग्री देने का भी आरोप लगाया गया है, जिसका इस्तेमाल बालकृष्ण ने 1996 में कथित रूप से पासपोर्ट हासिल करने के लिए किया था। राधाकृष्णन संस्कृत कॉलेज वाराणसी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से संबद्ध है। वहां जांच-पड़ताल के दौरान सीबीआई ने पाया कि बालकृष्ण नाम के किसी व्यक्ति ने कभी इस विश्वविद्यालय में दाखिला ही नहीं लिया था । उच्च पदस्थ पुलिस सूत्रों के अनुसार सीबीआई इस मामले की जांच के बाद इस नतीजे पर पहुंची है कि आचार्य बालकृष्ण के पास मौजूद पूर्व मध्यमा, मध्यमा, शास्त्री और आचार्य की डिग्री फर्जी है। गौरतलब है कि इन सभी डिग्रियों पर खुर्जा कॉलेज के प्रिंसिपल नरेश चंद द्विवेदी के हस्ताक्षर हैं।
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