' पाक पीएम गिलानी सुप्रीम कोर्ट में पेश'
' SC से गिलानी को मिली दो हफ्ते की मोहलत'
इस्लामाबाद।। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युसुफ रजा गिलानी के लिए हालत इस समय गंभीर बने हुए हैं। गिलानी अवमानना के केस में आज सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए हैं। मामले की अभी सुनवाई जारी है और इस बीच उनके कैबिनेट के कई महत्वपूर्ण मंत्री कोर्ट में मौजूद हैं । अगर न्यायालय गिलानी को अवमानना का दोषी पाता है तो वे किसी भी सरकारी पद पर नहीं रह पाएंगे और 6 महीने की सजा भी हो सकती है। सुनवाई के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट के आसपास कड़े सुरक्षा बंदोबस्त किए गए हैं । गिलानी की पार्टी पीपीपी की ओर से कहा गया है कि गिलानी संविधान सम्मत कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने गिलानी सरकार को आदेश दिया था कि वह राष्ट्रपति जरदारी के खिलाफ करप्शन केस खुलवाने के लिए स्विस अधिकारियों को लेटर लिखे। ताकि, स्विस बैंकों में छिपाए गए काले धन के बारे में जानकारी मिल सके। ऐसा न किए जाने पर अदालत ने गिलानी को अवमानना का नोटिस भेजा था और यह सुनवाई कोर्ट की अवमानना करने के इसी सिलसिले में हुई । गिलानी स्विट्जरलैंड को ज़रदारी के विरुद्ध जांच का आवेदन करने से मना करते रहे हैं। उनका तर्क है कि जब तक राष्ट्रपति अपने पद हैं उन पर अभियोग नहीं चलाया जा सकता। लेकिन, बुधवार को गिलानी के वकील ने ऐतजाज अहसान ने संकेत दिया था कि अब भी स्विट्जरलैंड को जांच का आवेदन भेजा जा सकता है । राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी और उनकी दिवंगत पत्नी तथा पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को साल 2003 में स्विट्जरलैंड की एक अदालत ने करोड़ों डॉलर की हेराफेरी का दोषी पाया था। जरदारी और भुट्टो ने स्विट्जरलैंड में इस निर्णय के विरुद्ध अपील की थी। साल 2008 में पाकिस्तानी सरकार के निवेदन पर स्विट्जरलैंड ने ये जांच बंद कर दी थी। इस दौरान भुट्टो के खिलाफ हजारों मामले बंद कर दिए गए थे। साल 2009 में पाक सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों को बंद करने के आदेश को असंवैधानिक घोषित कर दिया था।
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