भंवरी के शव को ठिकाने लगाने वाले दो शख्स गिरफ्तार
जोधपुरः राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण मामले में सीबीआई को बड़ी सफ़लता हाथ लगी, जब जांच एजेंसी ने मामले के एक आरोपी बिशनाराम बिश्नोई को पुणे के पास लोनावला से और बिश्नोई गिरोह के सदस्य कैलाश जाखड़ को जोधपुर के निकट गिरफ्तार कर लिया. इनपर भंवरी के शव को ठिकाने लगाने का आरोप है. साथ ही इस मामले में आरोपी भैरा राम और उसके बेटे को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. पुलिस को शक है कि इन्होंने भंवरी को जलाने के लिए लकड़ी सप्लाई की थी. इस बीच सीएफएसएल की टीम आगे की जांच के लिए जोधपुर पहुंच चुकी है.
पुणे के नगर पुलिस आयुक्त मीरान बोरवानकर ने बताया कि आरोपी बिश्नोई कल रात लोनावला में एक गोदाम में मिला. पुलिस को इस संबंध में सीबीआई से सूचना मिली थी. इसके बाद पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया था. गिरफ्तार किए जाने के बाद बिश्नोई को अदालत में पेश किया गया जहां उसे दो दिनों के लिए ट्रांजिट रिमांड में भेज दिया गया. उसे जोधपुर पुलिस को सौंपा जाएगा.
पुलिस के अनुसार बिश्नाई शातिर अपराधी है और राजस्थान में कई आपराधिक मामलों में उसकी तलाश है. उधर जाखड़ को परसों रात गुप्त सूचना के आधार पर जोधपुर-अजमेर राजमार्ग पर एक ट्रक से गिरफ्तार किया गया. जाखड़ पर आरोप है कि उसने भंवरी देवी को सोहन लाल बिश्नोई और शहाबुद्दीन से एक सितंबर को लिया. इन दोनों ने भंवरी को बिलारा से लिया था.
पुलिस सूत्रों के अनुसार जाखड़ ने स्वीकार किया है कि भंवरी देवी उसके साथ थी और उसने फ़लौदी के निकट जालोदा गांव में कहीं उसके शव को ठिकाने लगाया था. सूत्रों के अनुसार, उसने स्वीकार किया है कि उसने भंवरी को जलाया और अब हम उसे उस जगह की निशानदेही के लिए ले जाएंगे, जहां उसने भंवरी को जलाया.
जाखड़ बिशनाराम बिश्नोई गिरोह का सक्रिय सदस्य है. सीबीआई को भंवरी देवी अपहरण मामले में उसकी तलाश थी और उसके सिर पर पांच लाख रूपए का इनाम है. केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने उसके भाई ओम प्रकाश बिश्नोई को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है. वह भी इस समय जांच एजेंसी की हिरासत में है.
अब तक की जांच से पता चला है कि जाखड़ ही वह व्यक्ति है, जो एक सितंबर की शाम को हलके हरे रंग की स्कोर्पियो कार में नेरवा रोड पर आया और सोहन लाल और शहाबुद्दीन ने वहां भंवरी देवी को उसको सौंप दिया. उन्होंने भंवरी देवी का निपटारा करने के लिए उसे जाखड़ के हवाले कर दिया और साथ ही यह ताकीद भी की कि उसकी पहचान का कोई निशान बाकी नहीं रहना चाहिए.
पुलिस ने कुछ दिन पहले वह स्कोर्पियो कार बरामद कर ली और सीएफ़एसएल के दल ने कार का मुआयना किया था. जाखड़ ने वह कार किसी श्रवण सिंह को बेच दी थी. श्रवण ने सीबीआई के सामने यह बात कुबूल की कि उसने वह कार जाखड़ से खरीदी थी. सीबीआई ने जाखड को आगे पूछताछ के लिए जोधपुर के सर्किट हाउस स्थित अपने कार्यालय में रखा है और ओम प्रकाश को जगह की पहचान के लिए जालोदा ले जाया गया है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि भंवरी के शव को ठिकाने लगाने के दौरान वह भी जाखड़ के साथ था.
इस गिरफ्तारी और भंवरी के शव को ठिकाने लगाने की जगह की निशानदेही के बाद अब सीबीआई राजस्थान उच्च न्यायालय में जवाब दाखिल कर सकेगी, जहां भंवरी के पति अमरचंद की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका विचाराधीन है और उसपर 10 जनवरी को सुनवाई होनी है.
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