Monday, January 16, 2012


सुखराम को 7 अगस्त तक मिली राहत

नई दिल्ली: पूर्व टेलीकाम मंत्री सुखराम को सुप्रीम कोर्ट ने राहत देते हुए 7 अगस्त तक जमानत दे दी है। गौरतलब है कि सीबीआई ने 1993 में आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें सुखराम और पूर्व नौकरशाह रुनु घोष पर हैदराबाद के व्यापारि पी रामा राव के साथ मिलकर अपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाया था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 9 जनवरी को इन तीनों को जमानत दी थी । 1993 के दूरसंचार घोटाला मामले में तीन साल की सजा की तामील के लिए सुखराम ने निचली अदालत के सामने सरेंडर कर दिया था।
दूरसंचार घोटाले में सुखराम और राव को तीन तीन वर्ष और रूनू को दो वर्ष जेल की सजा को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ तीनों की अपीलों को पांच जनवरी को पीठ ने सुनने से इंकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि सजा के खिलाफ उनकी अपीलों की सुनवाई तभी की जाएगी जब वह हाईकोर्ट के फैसले का पालन करते हुए अपनी सजा की तामील के लिए निचली अदालत में आत्मसमर्पण करेंगे। रूनू और राव ने उसी दिन आत्मसमर्पण कर दिया था।
हाईकोर्ट ने पिछले साल 21 दिसंबर को सुखराम, रूनू और घोष की सजा को बरकरार रखा था। तीनों पर दूरसंचार उपकरणों की आपूर्ति का ठेका हैदराबाद की एडवांस्ड रेडियो मास्ट्स को देकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप है। कंपनी ने दूरसंचार विभाग को घटिया दर्जे के उपकरण अधिक कीमत पर बेचे सुखराम 18 जनवरी 1993 से 16 मई 1996 तक तत्कालीन नरसिंहा राव सरकार में टेलीकॉम मंत्री थे।

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