पीएम बोले, तरक्की में भागीदार बनें NRI
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रवासी भारतीय समुदाय का आह्वान किया है कि वह आधुनिक भारत के निर्माण में और अधिक सक्रिय भूमिका निभाए। उन्होने कहा कि विदेशों में रह रहे भारतीयों के साथ साझेदारी बढ़ाने के लिए भारत सरकार हर संभव कोशिश करने के तैयार है।प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर विदेशों में और खासतौर से खाड़ी के देशों में काम कर रहे 50 लाख से अधिक भारतीय कामगारों को स्वेदश वापसी, पुनर्वास और बुढ़ापे के लिए बचत करने का एक ज़रिया देते हुए प्रवासी भारतीय कामगारों के लिए नईपेंशन और जीवन बीमा योजना की घोषणा की।
50 लाख से अधिक भारतीय कामगारों कोस्वदेश वापसी , पुनर्वास और बुढ़ापे के लिए बचत करने काएक जरिया देते हुए प्रवासी भारतीय कामगारों के लिए नईपेंशन और जीवन बीमा योजना की घोषणा की।
मनमोहन प्रवासी भारतीय सम्मेलन 2012 के उद्घाटन सत्रमें बोल रहे थे। प्रधानमंत्री ने माना कि देश इस वक्त कठिनदौर से गुजर रहा है। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई किमौजूदा वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी की दर से आगे बढ़ने की उम्मीद है और इसे वापस 9-10 फीसदीपर लाने की आशा व्यक्त की।
मनमोहन प्रवासी भारतीय सम्मेलन 2012 के उद्घाटन सत्रमें बोल रहे थे। प्रधानमंत्री ने माना कि देश इस वक्त कठिनदौर से गुजर रहा है। लेकिन उन्होंने उम्मीद जताई किमौजूदा वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था के 7 फीसदी की दर से आगे बढ़ने की उम्मीद है और इसे वापस 9-10 फीसदीपर लाने की आशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि हमारी घरेलू बचत दर विकास लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करेगी। भारत की मौजूदा घरेलू बचत दर जीडीपी का 33-35 फीसदी है। बढ़ती महंगाई के मुद्दे पर उन्होने कहा – महंगाई दर से निपटने के लिये हमारी कोशिशें नतीजे ला रही है और हालात में सुधार हुआ है। महंगाई दर में नरमी आई है और यह पिछले साल नवंबर में 9.1 फीसदी पर आ गई, जबकि ताजा आंकड़ों के अनुसार खाने-पीने की चीज़ों की महंगाई नकारात्मक अंक में पहुंच गई हैं। पिछले 6 साल में ऐसा पहली बार हुआ है।
प्रधानमंत्री ने कहा , सरकार लोगों को शिक्षा , पोषक आहार और स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराने को लेकर प्रतिबद्धहै। शासन तंत्र में पारदर्शिता लाने के मुद्दे पर उन्होंने आरटीआई एक्ट का जिक्र किया और कहा , मुझे भरोसा हैकि इन मुद्दों से जुड़े ऐसे ही कुछ और कानून आने वाले बरसों में आरटीआई सरीखा प्रभाव डालेंगे।
No comments:
Post a Comment