Friday, January 13, 2012


                   'खुर्शीद की शिकायत  पीएम से'
नई दिल्ली।। सलमान खुर्शीद के हालिया बयान पर कार्रवाई करने की अपेक्षा करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एस.वाई. कुरैशी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से कानून मंत्री की शिकायत की है। कुरैशी ने कहा कि विधि मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपने सार्वजनिक बयान में चुनाव आयोग जैसी संस्था को कमतर आंकने की कोशिश की है। दूसरी तरफ, खुर्शीद अपने बयान पर अभी भी अडिग हैं। 
प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखने के बारे में पूछे जाने पर कुरैशी ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। सूत्रों की मानें तो चुनाव आयुक्त ने खुर्शीद के संवैधानिक संस्था के खिलाफ दिए गए सार्वजनिक बयानों का मुद्दा उठाया है। कुरैशी ने पीएम को पखवाड़ा पहले भी पत्र लिखा था, उसमें उन्होंने कानून मंत्री खुर्शीद के उस बयान का हवाला दिया जिसमें कहा गया था, सभी संस्थाओं को कुछ नियंत्रण में रहना चाहिए। पीएम ने तब कहा था कि कोई भी चुनाव आयोग को कमजोर नहीं मानता है। आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और उसकी अपनी संवैधानिक हैसियत है। 
हाल के दिनों में यह दूसरा मौका है जब खुर्शीद फिर से चुनाव आयोग का गुस्सा झेलने को तैयार हैं। आयोग ने फर्रुखाबाद में रविवार को अपनी पत्नी के चुनाव प्रचार के दौरान यूपी में अल्पसंख्यकों को 9 
% आरक्षण कोटा देने का वादा करने वाले बयान का बीजेपी द्वारा विरोध करने पर उन्हें मंगलवार को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। 
खुर्शीद ने चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दे दिया है। गुरुवार को अपने जवाब में खुर्शीद ने दावा किया कि भाषण में उन्होंने किसी तरह की आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया। उन्होंने अपने भाषण में सरकार के उस वादे का उल्लेख भर किया था, जो 2009 के चुनावों में जनता से किया गया था। खुर्शीद का कहना था कि इसका जिक्र कांग्रेस के मेनिफेस्टो में भी किया गया था। विधि मंत्री ने कहा कि भाषण में उन्होंने सिर्फ 'अल्पसंख्यक' शब्द का उल्लेख किया है, किसी विशेष जाति या समुदाय का नाम नहीं लिया है। इसलिए यह सीधे तौर पर चुनावी संहिता का उल्लंघन नहीं है। सूत्रों के मुताबिक, खुर्शीद की पत्नी और फर्रुखाबाद से कांग्रेस की कैंडिडेट लुईस खुर्दशी ने अभी तक आयोग को अपना जवाब नहीं भेजा है। शुक्रवार को जवाब देने की अंतिम तारीख है।

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