योजना आयोग व मंत्रालय में समझौता: UID
नई दिल्ली।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का महत्वाकांक्षी यूनिक आइडेंटिटी प्रोजेक्ट जारी रहेगा। पहचान पत्र कौन जारी करे, इसपर गृह मंत्री पी चिदंबरमऔर यूआईडी अथॉरिटी के प्रमुख नंदन नीलेकणि के बीच का विवाद अब सुलझ गया है। केंद्र सरकार इस पर कितना गंभीर है, यह बात शुक्रवार शाम तब सिद्ध हुई, जब गृह मंत्रालय और योजना आयोग ने आपसी मतभेद खत्म कर लिये। साथ ही देश के 16 राज्यों व संघ शासित प्रदेशों में नामांकन प्रक्रिया जारी रहेगी। साथ ही कैबिनेट ने 40 करोड़ अतिरिक्त आधार कार्ड बनाने के प्रस्ताव पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। नंदन नीलेकणि के यूआईडी और गृहमंत्रालय का नेशनल पॉपुलेशन रजिस्ट्रर देश की आधी-आधी आबादी के लिए पहचान नंबर देंगे। 120 करोड़ नागरिकों में आधे लोगों को यूडीएआई पहचान नंबर देगा जबकि बाकी लोगों को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्ट्री में कवर किया जाएगा। इन फैसलों के तहत यूआईडी में बायोमेट्रिक डेटा देने पर एनपीआर में दोबारा डेटा नहीं देना पड़ेगा। नीलेकणि ने कहा कि यूआईडीएआई और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) नामांकन वर्ष 2013 तक पूरी कर ली जायेगी। कैबिनेट द्वारा अतिरिक्त कार्ड बनाने पर सहमति दिये जाने के बाद गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि आगे का काम शुरु करने से पहले इस प्रोजेक्ट की समीक्षा की जाएगी। बाकी पॉपुलेशन रजिस्टर का काम यथावत चलता रहेगा। यूआईडी के लिए बायोमेट्रिक डाटा का संग्रह केवल एक प्राधिकरण ही करेगा। लगभग 8,850 करोड़ रुपये की इस योजना के अंतर्गत आने वाले यूआईडी कार्ड का उपयोग सभी सरकारी व निजी संस्थानों में आईडी के रूप में किया जा सकेगा। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बताया कि अगले साल जून तक सभी लोगों को यूआईडी और एनपीआर देने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी कहा है कि सुरक्षा के मुद्दों की समीक्षा जल्दी ही यूआईडीएआई करेगी। वहीं योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया का कहना है कि पूरी जनसंख्या के लिए यूआईडी नंबर बनाया जाए और एनपीआर कार्ड पर आधार नंबर ही रहेगा। यूआईडीएआई चेयरमैन नंदन निलेकेणि के मुताबिक एनपीआर भी पहले से ही आधार नंबर दे रही है। वहीं यूआईडीएआई और एनपीआर दोनों ही एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। ऐसे में आंकड़े जुटाने में दोहराव की स्थिति नहीं आएगी।
No comments:
Post a Comment