'2 जी' मामले में PMO भी सवालों के घेरे में
नई दिल्ली।। 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला में पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए. राजा के खिलाफ मुकदमे की इजाजत देने में देरी के मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को झटका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी मामले में सक्षम अधिकारी को तीन महीने के भीतर फैसला देना होगा और अगर वह ऐसा नहीं करता है तो चौथे महीने उसकी सहमति मान ली जाएगी। जस्टिस जी. एस. सिंघवी की अध्यक्षता वाली बेंच के फैसले के बाद प्रधानमंत्री और उनके कार्यालाय पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, 2जी मामले में जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने ए. राजा के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। स्वामी ने कोर्ट में तब तर्क दिया था कि चूंकि ए राजा एक मंत्री थे इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री की इजाजत जरूरी थी। लेकिन स्वामी के मुताबिक कार्रवाई की इजाजत के लिए उन्हें 15 महीने तक इंतजार करना पड़ा और उसके बाद भी जब प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब नहीं मिला तो उन्हें अदालत में याचिका दायर करनी पड़ी । अदालत ने न सिर्फ स्वामी की इस याचिका को गंभीरता से लिया बल्कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद प्रधानमंत्री कार्यालय से स्वामी और पीएमओ के बीच पत्राचार का लेखाजोखा मांगा।
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