'रुश्दी मुद्दे पर गहलोत सरकार चौकस'
भारतीय मूल के विवादित लेखक सलमान रश्दी का भारत आने की खबरों पर विरोध जारी है।उनकी यात्रा के दौरान सुरक्षा इंतजामों पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गृहमंत्री पी चिदंबरम से मंगलवार को मुलाकात की. बताया जा रहा है कि गहलोत ने चिदंबरम से मुलाकात कर कहा है कि रश्दी के भारत आने से कानून व्यवस्था बिगड़ने का खतरा है। सलमान रश्दी को जयपुर में साहित्य सम्मेलन में शरीक होने के लिए भारत आना है। रुश्दी यह साफ कर चुके है कि वह भारत के नागरिक हैं और देश में आने के लिए उन्हें किसी तरह के वीजा की जरुरत नहीं है। सलमान रश्दी और विवाद दोनो का चोली दामन का साथ है। लेकिन इस बार जो विवाद उठा है उसका इतिहास 22 साल पुराना है। उनकी किताब सैटेनिक वर्सेस पर 22 साल पहले पाबंदी लगी। पाबंदी लगाने वालों में भारत दुनिया का पहला मुल्क था। लेकिन भारतीय मूल के इस लेखक के भारत आने पर कभी रोक न थी। लेकिन इस बार मंजर बदला हुआ है। रश्दी के जयपुर आने को लेकर अब भी असमंजस की स्थिति बरकरार है। दरअसल राजनीतिक सरगर्मी के बीच रश्दी की यात्रा को सीधे यूपी चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। बहरहाल, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस विरोध पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने याद दिलाया है कि रश्दी पहले भी भारत आ चुके हैं। लिहाजा राजनीतिक कारणों से विरोध जताना गलत है। उधर, देश के साहित्यिक जमात ने भी इस मसले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। मशहूर कवि और आलोचक अशोक वाजपेयी ने विरोध की निंदा की है। इस मामले में सबसे असमंजस की स्थिति कांग्रेस के लिए है। केंद्र में उसी की सरकार है लेकिन सरकार के मंत्रियों के पास भी फिलहाल कानून की दुहाई देने के सिवा कोई चारा नहीं। बहरहाल, चुनावी मौसम अपना पहला शिकार विवेक को ही बनाता है। लिहाजा विरोध के सुर मद्धिम पड़ने की उम्मीद बहुत कम है। इस बीच ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर रश्दी की भारत यात्रा पर रोक लगाने की मांग की है।
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