मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने आॢथक विकास दर पर महंगाई नियंत्रित करने के प्रयासों को तरजीह देते हुए चालू वित्त वर्ष की रिण एवं मौद्रिक नीति की पहली तिमाही की समीक्षा की घोषणा करते हुए मंगलवार को नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं की लेकिन एसएलआर में एक प्रतिशत की कमी की है जिससे बैंङ्क्षकग तंत्र में तकरीबन ६६००० करोड़ रूपए आयेंगे। आरबीआई के नीतिगत दरों में कटौती नहीं करने पर उद्योग जगत ने गहरी निराशा प्रकट की और कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने का बैंक ने एक मौका गंवा दिया है।बैंक के इस कदम से घर, फ्लैट और वाहन आदि खरीदने के लिये सस्ते ऋण की उम्मीद लगाये लोगों को निराशा हुई है। वित्त मंत्रालय के मुख्य आॢथक सलाहकार कौशिक बसु ने चालू वित्त वर्ष की रिण एवं मौद्रिक नीति की घोषित तिमाही समीक्षा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश मुद्रास्फीति जनित मंदी की समस्या का सामना नहीं कर रहा है। नीति में सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को २४ से घटाकर २३ प्रतिशत किए जाने पर बसु ने कहा कि इस कदम का बैंकों पर कोई प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा मेरी राय में रिजर्व बैंक ने ''सही कदमÓÓ उठाया है। रिजर्व बैंक गवर्नर डी सुब्बाराव ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की रिण एवं मौद्रिक नीति की समीक्षा घोषित करते हुए २०१२-१३ के लिए विकास दर के अपने पहले के ७.३ प्रतिशत अनुमान को घटाकर ६.५ प्रतिशत कर दिया है। दूसरी तरफ महंगाई का अनुमान ६.५ प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। डॉ. सुब्बाराव ने कहा कि विदेशी कारकों से विकास दर प्रभावित हो रही है।मानसून के दौरान बारिश की कमी और विश्व बाजार में ङ्क्षजसों की कीमतों में उछाल से मुद्रास्फीति पर लगातार दबाव बना हुआ है। वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अल्पकालिक रिण दरों, (रेपो और रिवर्स रेपो), नकद सुरक्षित अनुपात (सीआरआर) और बैंक दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा रहा है। रेपो रेट जिस पर रिजर्व बैंक से बैंक रिण लेते हैं वह आठ प्रतिशत बनी रहेगी जबकि रिवर्स रेपो दर सात प्रतिशत रहेगी। सीआरआर ४.७५ प्रतिशत बना रहेगा। बैंकिग तंत्र में तरलता को बढ़ाने के उपाय के तहत रिजर्व बैंक ने एसएलआर को एक प्रतिशत घटाकर २४ से २३ प्रतिशत कर दिया है। इससे बाजार में ६६००० करोड़ रूपए आने की उम्मीद है। इंडियन बैंक एसोसिएशन ने रिजर्व बैंक के कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि एसएलआर में कटौती से ६६ हजार करोड़ की राशि उपलब्ध होगी।
MSA News Agency is going to launch Rural News Service, Weekly News Paper and Rural Internet TV/Mobile TV for Gramin Bharat . At present MSA News Agency is having a vast reach across the Rural India , We are going to appoint journalists / stringers from all Districts of India.If you want to be a part of the Agency Mail us your information to: msanewsagency@gmail.com / www.msanewsagency.com
Wednesday, August 1, 2012
नीतिगत दरों में कटौती नहीं
मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक ने आॢथक विकास दर पर महंगाई नियंत्रित करने के प्रयासों को तरजीह देते हुए चालू वित्त वर्ष की रिण एवं मौद्रिक नीति की पहली तिमाही की समीक्षा की घोषणा करते हुए मंगलवार को नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं की लेकिन एसएलआर में एक प्रतिशत की कमी की है जिससे बैंङ्क्षकग तंत्र में तकरीबन ६६००० करोड़ रूपए आयेंगे। आरबीआई के नीतिगत दरों में कटौती नहीं करने पर उद्योग जगत ने गहरी निराशा प्रकट की और कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था को गति देने का बैंक ने एक मौका गंवा दिया है।बैंक के इस कदम से घर, फ्लैट और वाहन आदि खरीदने के लिये सस्ते ऋण की उम्मीद लगाये लोगों को निराशा हुई है। वित्त मंत्रालय के मुख्य आॢथक सलाहकार कौशिक बसु ने चालू वित्त वर्ष की रिण एवं मौद्रिक नीति की घोषित तिमाही समीक्षा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि देश मुद्रास्फीति जनित मंदी की समस्या का सामना नहीं कर रहा है। नीति में सांविधिक तरलता अनुपात (एसएलआर) को २४ से घटाकर २३ प्रतिशत किए जाने पर बसु ने कहा कि इस कदम का बैंकों पर कोई प्रभाव नहीं होगा। उन्होंने कहा मेरी राय में रिजर्व बैंक ने ''सही कदमÓÓ उठाया है। रिजर्व बैंक गवर्नर डी सुब्बाराव ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही की रिण एवं मौद्रिक नीति की समीक्षा घोषित करते हुए २०१२-१३ के लिए विकास दर के अपने पहले के ७.३ प्रतिशत अनुमान को घटाकर ६.५ प्रतिशत कर दिया है। दूसरी तरफ महंगाई का अनुमान ६.५ प्रतिशत से बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया है। डॉ. सुब्बाराव ने कहा कि विदेशी कारकों से विकास दर प्रभावित हो रही है।मानसून के दौरान बारिश की कमी और विश्व बाजार में ङ्क्षजसों की कीमतों में उछाल से मुद्रास्फीति पर लगातार दबाव बना हुआ है। वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अल्पकालिक रिण दरों, (रेपो और रिवर्स रेपो), नकद सुरक्षित अनुपात (सीआरआर) और बैंक दर में किसी प्रकार का बदलाव नहीं किया जा रहा है। रेपो रेट जिस पर रिजर्व बैंक से बैंक रिण लेते हैं वह आठ प्रतिशत बनी रहेगी जबकि रिवर्स रेपो दर सात प्रतिशत रहेगी। सीआरआर ४.७५ प्रतिशत बना रहेगा। बैंकिग तंत्र में तरलता को बढ़ाने के उपाय के तहत रिजर्व बैंक ने एसएलआर को एक प्रतिशत घटाकर २४ से २३ प्रतिशत कर दिया है। इससे बाजार में ६६००० करोड़ रूपए आने की उम्मीद है। इंडियन बैंक एसोसिएशन ने रिजर्व बैंक के कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि एसएलआर में कटौती से ६६ हजार करोड़ की राशि उपलब्ध होगी।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment