Saturday, June 30, 2012


राष्ट्रीय शहरी मिशन शुरू करेगी सरकार : पीएम
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को कहा कि शहरों में स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझ रहे लोगों की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार नया राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन शुरू करने का प्रस्ताव रखने जा रही है, जबकि राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) अगले पांच वर्ष तक और जारी रहेगा। जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (जेआईपीएमईआर) के तीसरे दीक्षांत समारोह में प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने एनआरएचएम को अगले पांच वर्ष तक और जारी रखने का फैसला किया है। हम अब शहरों में स्वास्थ्य चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए नवीन राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन का प्रस्ताव करने जा रहे हैं। एनआरएचएम को कारगर करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शिशु एव मातृ मृत्यु दर में कमी आई है और अस्पतालों में प्रसव का चलन बढ़ा है। लेकिन लोगों को सस्ती स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की दिशा में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है।  चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता के मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने कहा कि गिरावट को स्वीकार नहीं किया जा सकता। मानक विकसित करने के लिए विश्वसनीय और संस्थागत तंत्र होना चाहिए।  उन्होंने यह भी कहा कि चिकित्सक स्वास्थ्य सेवा को नैदानिक तथा तकनीकी दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि नैतिक दृष्टि से देखें।

राजधानी के वाशिन्दों को चार जुलाई से नहलाएगे : मेघ
 नई दिल्ली। काले मेघा के बरसने का इंतजार करते-करते लोग थक चुके हैं, लेकिन दिल्लीवासी कुछ राहत की सांस ले सकते हैं। मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में चार जुलाई तक मानसून पहुंच सकता है। दिल्ली के अलावा पूरे उत्तर भारत में लोग तपिश और उमस से जूझ रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री अधिक 42 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री अधिक 31.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, दिल्लीवासियों को इस तपिश से अभी कम से कम एक सप्ताह और जूझना पड़ेगा। शनिवार को आसमान साफ रहेगा और तापमान उच्च स्तर पर बना रहेगा। मौसम विभाग के अधिकारी ने कहा कि उत्तर प्रदेश से आने वाली मानसूनी हवाओं के दिल्ली और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में न पहुंचने के कारण कम से कम एक सप्ताह तक यही स्थिति बनी रहेगी। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के कारण, जो कि मानसून से सम्बंधित नहीं है, सप्ताहात में शहर के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश होने से राहत मिल सकती है। शुक्रवार को दिल्ली में आ‌र्द्रता का स्तर अधिकतम 46 और न्यूनतम 27 प्रतिशत तक पहुंच गया। जबकि एक दिन पहले न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ऊपर 31.6 डिग्री था। गुरुवार को राजधानी का अधिकतम तापमान सामान्य से पाच डिग्री अधिक 41.6 डिग्री और न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।




पीएम बन सकती थी सोनिया : कलाम
पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनने पर कोई आपत्ति नहीं थी। वह तो सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए तैयार थे।
2004 में हुए लोकसभा चुनावों के परिणाम आने के बाद राष्ट्रपति भवन में सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री नियुक्त किए जाने संबंधी निमंत्रण पत्र भी तैयार कर लिए गए थे। 
कलाम ने बताया है कि सोनिया गांधी अगर प्रधानमंत्री पद के लिए दावा पेश करतीं तो उस समय उनके पास कोई विकल्प मौजूद नहीं था। विभिन्न राजनीतिक दलों, नेताओं और संस्‍थाओं ‌के विरोध के बावजूद वह उन्हें प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए तैयार थे। कलाम के संस्मरणों पर आने वाली किताब 'टर्निंग प्वाइंट्स' में इन बातों का जिक्र किया गया है। यह जल्द ही प्रकाशित ‌होने वाली है।
प्रणव आज से करेगें रायसीन हिल्स की रेस के लिए : प्रचार
राष्ट्रपति चुनाव के उम्मीदवार एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी शनिवार से चेन्नई से अपना प्रचार अभियान शुरू करेंगे। मुखर्जी प्रचार अभियान के तहत एक जुलाई को कर्नाटक के दौरे पर भी जाएंगे। राष्ट्रपति पद के चुनाव में संप्रग के प्रत्याशी मुखर्जी द्वारा 19 जुलाई के मतदान से पूर्व देश के अधिकांश राज्यों का दौरा करने की संभावना है। एम. करुणानिधि की अध्यक्षता वाली द्रमुक राष्ट्रपति पद के चुनाव में मुखर्जी का समर्थन करने की घोषणा करने वाली पहली पार्टी है। करुणानिधि ने राजग समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी एवं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा की तुलना में मुखर्जी को बेहतर उम्मीदवार बताया है।  मुखर्जी के प्रचार अभियान शुरू करने का निर्णय कांग्रेस द्वारा गठित उच्च स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में लिया गया है। करुणानिधि और उनके विधायक पुत्र एमके स्टालिन ने हाल ही में दिल्ली में मुखर्जी से मुलाकात के दौरान उनसे चुनाव प्रचार अभियान तमिलनाडु से शुरू करने का आग्रह किया था। पूर्व वित्त मंत्री तमिलनाडु पहुंचने के बाद करुणानिधि के आवास पर जाएंगे। उसके बाद वह यहां के एक होटल में संप्रग सांसदों और द्रमुक के विधायकों से भेंट कर प्रचार अभियान की औपचारिक शुरुआत करेंगे। राज्य में राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 81,550 मत हैं। इसमें 234 विधायकों के 41,184 मत और सांसदों के 40,356 मत शामिल है। सांसदों में 39 लोकसभा और 18 राज्यसभा सदस्य शामिल हैं। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक ने मुखर्जी के विरुद्ध चुनाव लड़ रहे संगमा का समर्थन किया है। राजग के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पीए संगमा का समर्थन करने के लिए पार्टी से निलंबित वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने कहा कि वक्त का तकाजा है कि एक आदिवासी देश का राष्ट्रपति बने। उन्होंने कहा कि यह सही समय है जब एक आदिवासी को देश का अगला राष्ट्रपति बनाना चाहिए। साथ ही कहा कि मैंने राष्ट्रपति पद के लिए एक आदिवासी उम्मीदवार का समर्थन करके कुछ गलत नहीं किया है। नेताम के अनुसार कई बार मुझे लगता है कि आदिवासियों का कोई पेशेवर राजनेता नहीं होने की वजह से इस स मुदाय को समस्या का सामना करना पड़ा। यह सुनिश्चित करना बहुत जरूरी है कि आदिवासी हर पहलू से विकास करें। कांग्रेस ने गत बृहस्पतिवार को 70 वर्षीय आदिवासी नेता को पार्टी से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था क्योंकि राष्ट्रपति पद की होड़ में उन्होंने पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी की बजाय पीए संगमा का समर्थन किया। पार्टी के इस फैसले पर नेताम ने कहा कि यह कांग्रेस को तय करना है कि वह मेरे साथ क्या करना चाहती है, मैं इसकी चिंता नहीं करता।  

Friday, June 29, 2012


'यूपी विधानसभा में सपा बसपा भिडे आपस में'
उत्तर प्रदेश में चल रहे विधानसभा के मौजूदा सत्र के दौरान सत्ताधारी समाजवादी पार्टी (सपा) और विपक्षी बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सदस्यों के बीच शुक्रवार को तीखी नोंकझोंक हुई। दोनों दलों के नेताओं ने एक-दूसरे पर कई आरोप लगाए।  लम्बे अवकाश के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुक्रवार को दिन में 11 बजे शुरू हुई। इस दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, "पूर्ववर्ती सरकार की गलत नीतियों का खामियाजा हमारी सरकार को भुगतना पड़ रहा है। बसपा की सरकार ने सारा धन पार्को में लगा दिया। हमारी सरकार अब उन पार्को में हरियाली लाने के लिए उचित कदम उठाएगी।" गोमती नदी की सफाई के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि गोमती नदी के घाटों की सफाई जल्द ही कराई जाएगी। कई वर्षो से उसकी सफाई नहीं कराई गई है। हालत यह है कि बाढ़ के दौरान मुख्यमंत्री आवास के डूबने का खतरा बना हुआ है। मुख्यमंत्री के अलावा लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव और नगर विकास मंत्री आजम खान ने भी पूर्ववर्ती बसपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। सरकार के आरोपों से नाराज बसपा के सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। बसपा सदस्यों ने सपा सरकार पर आरोप लगाया कि उसके कार्यकाल में राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है और सपा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। मौजूदा सत्र के दौरान तीन जुलाई को उत्तर प्रदेश का बजट पास होने वाला है। नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर विधानसभा के मौजूदा सत्र को 21 जून से 28 जून तक स्थगित कर दिया गया था।    

सरबजीत सिंह को आतंकवादी ठहराया
इस्लामाबाद.पाकिस्तान में 30 साल जेल में गुजारने के बाद गुरुवार को भारत लौटे सुरजीत सिंह का एक बयान सरबजीत की रिहाई की उम्मीद पर भारी पड़ सकता है। पाकिस्तानी मीडिया ने सुरजीत सिंह के हवाले से उनका एक अजीब-ओ-गरीब बयान छापा है कि सरबजीत सिंह आतंकवादी है और भारत और पाकिस्तान आतंकवादियों को आजाद नहीं करते हैं।  सुरजीत को बयान का हवाला देते हुए 'द न्यूज' के वेब एडिशन और जियो टीवी की वेबसाइट पर छपी खबरों में कहा गया है कि सरबजीत सिंह आतंकवादी है और आतंकवादियों को न भारत छोड़ता है और न पाकिस्तान।  पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के मुताबिक सुरजीत सिंह ने कहा, 'पाकिस्तानी जेलों में भारतीयों कैदियों की अच्छे से देखभाल होती है, लेकिन सरबजीत सिंह का रिहाई का मसला बहुत मुश्किल है।' पाकिस्तान के अखबार 'द ट्रिब्यून' में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि सरबजीत सिंह की रिहाई की खबर आने के बाद जमात-ए-इस्लामी ने पाकिस्तानी सरकार पर दबाव बनाया और सरकार को कमजोर कहा। जमात-ए-इस्लामी का तर्क था कि बम धमाके के आरोपी सरबजीत को सरकार माफ नहीं कर सकती। इस्लामी कानून के मुताबिक सरबजीत को माफ करने का हक सिर्फ उन 14 लोगों के परिवारों को है, जिनकी जान बम धमाके में गई। पाकिस्तान सरबजीत को आतंकवादी करार दे चुका है जबकि भारत का कहना है कि सरबजीत सिंह रास्ता भटक कर पाकिस्तान में दाखिल हो गया था। गौरतलब है कि मंगलवार को मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि पाकिस्तान सरकार ने सरबजीत सिंह की फांसी की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है और उसकी जल्द रिहाई का रास्ता साफ हो सकता है। हालांकि देर रात को पाकिस्तानी राष्ट्रपति कार्यालय की ओर से जारी बयान में साफ किया कि रिहाई सरबजीत की नहीं बल्कि सुरजीत सिंह की हो रही है। सुरजीत सिंह ने भी भारत पहुंचने पर पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि उनकी ही रिहाई के आदेश दिए गए थे, लेकिन नाम उर्दू में लिखा होने के कारण अधिकारियों को गलतफहमी हो गई। सुरजीत सिंह ने यह भी कहा था कि सरबजीत सिंह जेल में बिलकुल ठीक हैं और वह उनकी रिहाई के लिए प्रयास करेंगे। 



 16 नक्सली ढेर छह जवान हुए घायल : छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा क्षेत्र में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने मुठभेड़ में 16 नक्सलियों को मार गिराया, जबकि इस घटना में छह जवान घायल हुए हैं।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कोरसागुडा क्षेत्र के जंगल में सीआरपीएफ जवान गश्त पर थे। इसी दौरान उनका नक्सलियों से सामना हो गया। एक घंटे से अधिक समय तक चले मुठभेड में 16 नक्सली मारे गए। जवानों ने मुठभेड़ के बाद दो नक्सलियों को गिरफ्तार करने में सफल रहे, जिन्हें राज्य की राजधानी रायपुर ले जाया गया है। नक्सलियों से हथियार और गोलाबाद भी बरामद किए गए हैं। उन्होंने बताया कि मुठभेड़ में सीआरपीएफ के छह जवान घायल हुए हैं, जिनमें दो कोबरा कमांडो भी शामिल हैं। गंभीर रूप से घायल जवानों को उपचार के लिए रायपुर भेजा गया है जबकि शेष जवानों को बीजापुर में उपचार मुहैया कराया जा रहा है। यह पहला मौका है जब सीआरपीएफ ने इतनी संख्या में नक्सलियों के शवों को बरामद किया है। मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार किए गए नक्सलियों को राज्य की राजधानी रायपुर भेजा गया है।
 62 के युद्ध से सबक ले भारत : चीन
बीजिंग। चीन ने कहा है कि भारत को 1962 के युद्ध से सबक लेना चाहिए कि चीन भले ही शांति चाहता है, लेकिन वह अपनी जमीनकी सुरक्षा दृढ़ता से करेगा। चीन की सत्ताधारी पार्टी के मुखपत्र में प्रकाशित एक लेख में यह बात कही गई है। यह बात ऐसे समय में सामने आई है जब जुलाई में दोनों देशों के प्रतिनिधि सीमा विवाद सुलझाने के लिए वार्ता करने वाले हैं।  सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्सके वेब संस्करण पर डाले गए इस लेख में कहा गया है कि 1962 के युद्ध का मकसद भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को अमेरिका और सोवियत संघ के प्रभाव से जगाने के लिए मजबूत ठोकर लगाना था। लेख में दावा किया गया है कि चीन के नेता माओ-त्से-तुंग के गुस्से का असली निशाना वाशिंगटन और मॉस्को थे। इस लेख का शीर्षक चाइना वॉन, बट नेवर वांटेड सिनो-इंडियन वार (चीन जीता, लेकिन वह भारत-चीन युद्ध नहीं चाहता)है। इसके लेखक हांग युआन चीन की समाज विज्ञान अकादमी के सेंटर ऑफ वल्र्ड पॉलिटिक्स के उप महासचिव हैं।  लेख में कहा गया है, ‘पचास साल पहले जब चीन कई तरह की घरेलू और अंतरराष्ट्रीय समस्याओं से जूझ रहा था तब 1959 से 1962 के बीच नेहरू ने भारत-चीन सीमा पर और मुश्किलें पैदा कीं।लेख में जीत के बाद संघर्षविराम घोषित करने की चीन की शांतिपूर्ण इच्छाओंऔर युद्ध लड़ने में उसकी अनिच्छाका जिक्र किया गया है।   रोचक बात है कि इस लेख में कहा गया है कि चीन ने यह युद्ध भारत से शांति बनाने के लिए छेड़ा था। इसके मुताबिक, ‘युद्ध समझौते की एक रणनीति थी न कि लक्ष्य। पचास साल पहले भारतीय सरकार स्वार्थी हितों में अंधी हो गई थी और चाहती थी कि चीन कॉलोनियल शक्तियों की तय की गई सीमा को स्वीकार कर ले। इसे नामंजूर कर दिया गया।लेख में आगे कहा गया है, आज दोनों देशों को इस युद्ध के सबक और अपने प्राचीन संबंधों से सीखना चाहिए। चीनी लोग तो शांतिप्रिय हैं लेकिन वे अपनी जमीन की रक्षा भी करेंगे।
 1.माओ का मानना था कि भारत से युद्ध एक राजनीतिक लड़ाई भी थी और मुख्य निशाना चीन के खिलाफ षड्यंत्र करने वाले अमेरिका और सोवियत संघ थे।
 2.माओ ने युद्ध के जरिए भारत को महाशक्तियों के प्रभाव से मुक्त किया। साथ ही भारत-चीन की प्राचीन साझा विरासत का महत्व याद दिलाया।
 3.जीत के बाद भी संघर्षविराम की घोषणा कर सौहार्द का हाथ बढ़ाया। इससे लंबी दोस्ती का रास्ता खुला।


 


'शेयर बाजारों में रौनक सेंसेक्स 17 हजार के पार'
एशियाई बाजारों की अच्छी स्थिति और रुपये में मजबूती से भारतीय बाजार शुक्रवार को उछाल के साथ खुले। निवेशकों के उत्साह के चलते करीब एक घंटे के अंदर बाजार 2 फीसदी से ज्यादा चढ़ गए हैं। सुबह 10:10 बजे, सेंसेक्स 326 अंक चढ़कर 17317 और निफ्टी 92 अंक चढ़कर 5241 के स्तर पर हैं। मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में 1 फीसदी से ज्यादा की तेजी है। इससे पहले सुबह नौ बजे सेंसेक्स 144 अंक चढ़कर 17135 और निफ्टी 42 अंक चढ़कर 5191 पर खुला। शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 250 अंक से ज्यादा चढ़ा है और निफ्टी ने 5200 का स्तर पार कर लिया। रुपये में मजबूती बढ़ने से कैपिटल गुड्स शेयर 2.5 फीसदी से ज्यादा उछले हैं। बैंक, पावर, एफएमसीजी, ऑटो, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, रियल्टी शेयरों में 2.5-2 फीसदी की तेजी है। हेल्थकेयर, मेटल, आईटी, पीएसयू, तकनीकी, ऑयल एंड गैस शेयर 1.75-0.8 फीसदी मजबूत हैं।  इससे पहले एशियाई बाजारों की अच्छी स्थिति और रुपये में मजबूती से भारतीय बाजार शुक्रवार को उछाल के साथ खुले। सेंसेक्स 144 अंक चढ़कर 17135 और निफ्टी 42 अंक चढ़कर 5191 पर खुला। शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 250 अंक से ज्यादा चढ़ा है और निफ्टी ने 5200 का स्तर पार कर लिया है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 25 पैसे की मजबूती लेकर 56.55 पर खुला है। गुरुवार के कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 35 पैसों की जोरदार उछाल लेकर 56.80 पर बंद हुआ था। जानकारों ‌कि माने तो अंतर्राष्ट्रीय बाजारों की खराब चाल और यूरोपियन यूनियन समिट में यूरो संकट पर आमराय नहीं बनने का असर रुपये पर देखने को मिल सकता है। को उम्मीद के मुताबिक आर्थिक आंकड़े रहने के बावजूद अमेरिकी बाजारों पर बिकवाली का दबाव नजर आया। डाओ जोंस -0.2 फीसदी, एसएंडपी 500 0.2 फीसदी और नैस्डैक कंपोजिट -0.9 फीसदी गिरकर बंद हुए। जर्मनी में बेरोजगारी बढ़ने और यूरोजोन में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस घटने की वजह से यूरोपीय बाजार फिसले। डीएएक्स 1.3 फीसदी टूटा। वहीं, सीएसी -0.4 फीसदी और एफटीएसई -0.6 फीसदी कमजोर हुए।


 रेलवे की तत्काल स्कीम हो सकती है बंद
नई दिल्‍ली.ट्रेन टिकट रिजर्वेशन की तत्‍काल स्‍कीम खत्‍म हो सकती है। इस स्‍कीम पर एक तरह से दलालों का कब्‍जा हो गया है। इसे लेकर हाल में मीडिया में काफी खबरें प्रकाशित हुई हैं। इसके बाद हालात सुधारने को लेकर रेलवे में विचार चल रहा है। एक सुझाव यह स्‍कीम बंद करने का भी आया है।  हालांकि इस पर अमल आसान नहीं होगा, क्‍योंकि रेलवे को यात्रियों का गुस्‍सा भी झेलना पड़ सकता है। इसलिए कुछ और विकल्‍पों पर विचार किया जा रहा है। संभव है कि रेलवे तत्‍काल स्‍कीम के तहत टिकट कटाने वाले यात्रियों से बुकिंग के समय ही पहचान पत्र मांगे और अचानक यात्रा का कारण पूछे। एक और प्रस्‍ताव यह है कि तत्‍काल रिजर्वेशन कराने वाले हर व्‍यक्ति से पहचान पत्र मांगा जाए। अभी उसी व्‍यक्ति का पहचान पत्र दिखाना जरूरी होता है जो यात्रा कर रहा होता है।  एक विचार यह है कि तत्‍काल स्‍कीम के तहत बुकिंग की सुविधा काउंटर से बंद कर केवल इंटरनेट तक ही सीमित कर दिया जाए। साथ ही, तत्‍काल टिकट बुक कराने का वक्‍त भी बदल दिया जाए। रेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तत्‍काल स्‍कीम में हो रही गड़बड़ी को रोकने के लिए उपायों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्‍द ही इसे अमल में ला दिया जाएगा। पहले रेलवे ने एक फॉर्म पर दो यात्रियों को ही टिकट देने, बुकिंग के बाद यात्रियों के नाम बदलने की इजाजत नहीं देने, तत्‍काल टिकट कैंसल कराने के नियम कड़े करने जैसे कुछ कदम उठाए थे। पर ये उपाय  असर साबित हुए हैं। 
एक  नजर में 
आईआरसीटीसी की वेबसाइट से रोजाना 3.5 लाख टिकट बुक होती है।
इसमें 1.5 लाख टिकट तत्‍काल की  होती है।
सुबह 8 से 10 बजे के बीच 30 लाख लोग  साइट पर आते हैं।
रेलवे की कुल टिकट बुकिंग में 45 % टिकट साइट के जरिए बुक होती है।
इस साल की गई कार्रवाई
अब तक 1502 लोग प्राक्‍सी टिकट में पकड़ाए।
100 अवैध दलाल पकड़ाए।
215 रेलवे कर्मचारी पकड़ में आए।
23 अवैध ट्रेवल एजेंट शिकंजे में आए।
648 दलाल टिकट बनवाते 
पकडें गए

Thursday, June 28, 2012


जेल से छोडने के बाद भी नही खोली हथकडी
वाघा बॉर्डर. 30 साल बाद सुरजीत सिंह पाकिस्‍तान की जेल से रिहा हो गए हैं। वाघा बार्डर पर पाकिस्‍तानी अफसरों ने उन्‍हें भारतीय अधिकारियों को सौंप दिया है। उनके साथ कई मछुआरों को भी रिहा किया गया है। सुरजीत ने माना कि वह जासूसी के लिए पाकिस्‍तान गए थे। उन्‍होंने सरबजीत की रिहाई में मीडिया हाइप को बाधा बताया। सुरजीत के बयान से पाकिस्‍तान में सरबजीत की रिहाई के खिलाफ माहौल मजबूत  होने का डर है। भारत पहुंच कर सुरजीत सिंह ने कहा कि पाकिस्‍तान सरकार की ओर से बुधवार को उनकी ही  रिहाई का आदेश  हुआ था, सरबजीत का नहीं। सरबजीत और सुरजीत उर्दू में लिखने पर एक जैसा ही पढ़ा जाता है जिस कारण गलतफहमी हुई। सुरजीत सिंह ने कहा, 'मैं सरबजीत को रिहा करवा लूंगा, कुछ न कुछ करेंगे, मंत्रियों से मिलेंगे। सरबजीत की दिमागी हालत बिलकुल ठीक है, वो हर किस्म की बात करते हैं लेकिन आज सुबह मैं आने से पहले उनसे नहीं मिल पाया।' जब पत्रकारों ने सुरजीत से पूछा कि वो पाकिस्तान क्या करने गए थे तब उन्होंने कहा, 'मैं जासूसी करने पाकिस्तान गया था।' हालांकि जब इसके बाद पत्रकारों ने सवाल किए तो सुरजीत ने कहा,  'सरकार के खिलाफ कोई बात मत पूछो मैं कुछ भी नहीं बताऊंगा।' यह कहकर सुरजीत अचानक उठकर चले गए।   सुरजीत सिंह ने कहा कि अब वह कभी पाकिस्‍तान नहीं जाएंगे। उन्‍होंने कहा, 'मैं आऊंगा तो फिर शक होगा कि जासूसी के लिए आया हूं। इसलिए मैं पाकिस्‍तान नहीं आऊंगा।' उन्‍होंने अपील की कि सरबजीत को भी जल्‍दी से जल्‍दी रिहा किया जाए। जेल में हुए सुलूक के बारे में उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की जेल में उनके साथ अच्‍छा सलूक किया गया। सुरजीत सिंह आधिकारिक रूप से गुरुवार सुबह को ही जेल से रिहा हो गए थे लेकिन जब वो वाघा बार्डर पहुंचे तो उनके हाथ हथकड़ियों में जकड़े थे। हथकड़ी से बंधी लोहे की चेन पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी की बेल्ट से बंधी थी। 69 वर्षीय सुरजीत सिंह ने सफेद कुर्ता पाजामा पहन रखा था और उनके साथ दो बैग भी थे।  जब पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी सुरजीत के साथ पुलिस वैन से उतरा तो उसने सुरजीत की हथकड़ियां नहीं खोली। सुरजीत को गुरुवार सुबह को ही लाहौर की कोट लखपत जेल से रिहा किया गया था।  पूरी तरह आजाद होते ही सबसे पहले सुरजीत सिंह ने अपने पाकिस्तानी वकील को गले लगाया। सुरजीत सिंह ने कहा कि पाकिस्तान जेल में उनका सही से ख्याल रखा गया और वो इसके लिए पाकिस्तान अधिकारियों का शुक्रिया अदा करते हैं।  सुरजीत को 1982 में गलती से सीमा पार कर पाकिस्‍तान में दाखिल होने पर जासूसी के आरोप में पकड़ा गया था। लेकिन आतंकी विस्‍फोट के आरोप में पकड़े गए सरबजीत सिंह की रिहाई की उम्‍मीद अब भी नहीं जग रही है। इसके लिए सरबजीत के परिजन गुरुवार को जंतर मंतर पर धरना दे रहे हैं। सरबजीत के परिजनों ने आज विदेश मंत्री एसएम कृष्णा से भी मुलाकात करके रिहाई की गुहार लगाई।   11 बजकर 35 मिनट पर सुरजीत सिंह ने जब भारत की धरती पर कदम रखा तब उनके गृह जिले फिरोजपुर से वाघा बार्डर आए सैंकड़ों लोगों ने फूलमालाएं पहनाकर उनका स्वागत किया। सुरजीत सिंह 30 साल पाकिस्तान की जेल में बिताकर लौटे हैं। इस दौरान बहुत कुछ बदल चुका है। उनके एक बेटे की मौत हो गई है जबकि अन्य बच्चों की शादी हो गई है। सुरजीत सिंह के बेटे कुलविंदर सिंह तब मात्र तीन साल के थे जब सुरजीत सिंह गायब हो गए थे। कुलविंदर को अब अपने पिता का चेहरा भी याद नहीं है। कुलविंदर ने कभी सोचा भी नहीं था कि वो अपने पिता से मिल पाएंगे लेकिन अब वो उनका चेहरा देख सकेंगे। सुरजीत के स्वागत के लिए उनके गांव में भी खास तैयारियां की गई हैं। गांव की महिलाएं सामूहिक रसोई लगाकर आने वालों के लिए खाना बना रही हैं। सुरजीत के स्वागत में पटाखें भी फोड़े जाएंगे और भांगड़ा भी किया जाएगा।  सुरजीत को मृत मान बैठे उनके परिजनों को साल 2004 तक उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। 2004 में पाकिस्तान की जेल से रिहा हुए एक कैदी ने सुरजीत का पत्र उनके परिजनों को सौंपा था। उस पत्र से ही परिवार को पता चला था कि सुरजीत पाकिस्तान की जेल में आजीवन कारावास काट रहे हैं। सुरजीत की सजा अक्टूबर 2010 में समाप्त हो गई थी। 

प्रणव के नामांकन के  समय दिखी काग्रेस की ताकत 
       'भाजपा के लिए जया ने बढाई मुश्किलें'  
नई दिल्‍ली। प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए यूपीए उम्‍मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए चीफ सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा मुलायम सिंह, लालू यादव, राम विलास पासवान, फारुख अब्‍दुला, टी आर बालू सहित कई नेता मौजूद रहे। जिस वक्‍त प्रणब मुखर्जी ने नामांकन दाखिल किया तो गठबंधन दल के सभी नेताओं ने फार्म को हाथ लगाकर उनके प्रति अपने समर्थन का संकेत दिया। इस मौके पर कांग्रेस शासित सभी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री भी मौजूद थे।  कांग्रेस ने प्रणब को समर्थन दे रहे सभी दलों के नेताओं को साथ रख कर एक तरह से ताकत जताने की कवायद की और ममता बनर्जी को संदेश देने की कोशिश भी की। तृणमूल प्रणब की उम्‍मीदवारी के हक में नहीं थी। प्रणब के नामांकन के दौरान पार्टी का कोई नेता मौजूद नहीं था।   नामांकन भरने के बाद प्रणब मुखर्जी ने कहा कि बड़ी संख्‍या में पार्टियां उनका सपोर्ट कर रही हैं। इसमें सपा और बसपा जैसे दल शामिल हैं। कई ऐसे दल भी हैं, जो यूपीए में शामिल नहीं हैं लेकिन मुझे सपोर्ट कर रही हैं। इनमें जेडीयू, शिवसेना दल हैं। मैं इन सभी लोगों का शुक्रिया करता हूं। उधर, भाजपा समर्थित उम्‍मीदवार पीए संगमा भी आज ही नामांकन दाखिल करने वाले हैं। लेकिन उन्‍हें एक झटका लगने के संकेत हैं। ऐसी खबर आ रही है कि एआईएडीएमके चीफ जयललिता  ने उनके समर्थन को लेकर राय बदल ली है। बताया जा रहा है कि जया ने लालकृष्‍ण आडवाणी को फोन कर इसके संकेत दिए हैं। भाजपा संगमा के साथ है, जबकि एनडीए में उसके साथी दल  जेडी-यू और शिवसेना प्रणब को समर्थन दे रहे हैं।  संगमा के नामांकन दाखिल करने के समय बीजद के चीफ नवीन पटनायक मौजूद रहेंगे। पटनायक ने कहा कि संगमा बीजद के उम्मीदवार हैं। हमने सबसे पहले उनकी उम्मीदवारी का ऐलान किया था। बाद में अन्य दलों ने उन्हें समर्थन दिया। 
प्रणब के राष्‍ट्रपति पद के लिए दौड़ में शामिल हो जाने के बाद मनमोहन सिंह और कांग्रेस के लिए उनकी जगह भरने की चुनौती है। मनमोहन सिंह फिलहाल खुद वित्‍त मंत्री का काम संभाल रहे हैं। उन्‍हें जल्‍दी ही नियुक्‍त करना होगा, जबकि नेता सदन का चयन करने के लिए अभी कांग्रेस अध्‍यक्ष के पास थोड़ा वक्‍त है।


प्रणव और  संगमा आज करेंगे नामांकल राष्ट्रपति पद के लिए  
देश के महामहिम बनने की डगर पर अग्रसर प्रणब मुखर्जी की राष्ट्रपति भवन तक पहुंचने की यात्रा की पहली औपचारिक शुरुआत आज से होने जा रही है। भले ही दादा के नामांकन भरने की औपचारिकता गाजे बाजे से न हो, मगर इसे भव्य और ऐतिहासिक बनाने के साथ ही यूपीए सरकार इसके जरिए अपनी शक्ति का प्रदर्शन करने का मौका हाथ से जाने देना नहीं चाहती। वहीं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा भी आज अपना नामांकन भरेंगे। यूपीए प्रणब के समर्थन में जुटे मुलायम सिंह यादव को नामांकन के जलसे में शामिल करेगा, तो मायावती और शरद यादव को भी प्रस्तावक बनाकर विपक्षी गठबंधन एनडीए को चिढ़ाने की पूरी कोशिश करेगा। यही नहीं, दादा के नामांकन के चार सेट में करीब 500 सांसदों और विधायकों के हस्ताक्षर करवा कर भी यूपीए के रणनीतिकारों ने चुनावी मैदान में अपनी ताकत दिखाई है। 
भाजपा समर्थित उम्मीदवार पीए संगमा के नामांकन पत्र दाखिल करते समय वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में नेता विपक्ष सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली से लेकर बीजद नेता और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी संसद भवन में मौजूद रहेंगे।  प्रणब के नामांकन के चार सेट में से पहले सेट में सोनिया गांधी प्रस्तावक और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पहले अनुमोदक होंगे। नामांकन के हर सेट में 60 के लगभग प्रस्तावक और इतने ही अनुमोदक होंगे। इसके बाद प्रणव दा अपना चुनाव अभियान शुरू करेंगे। वह सबसे पहले चेन्नई जाएंगे। उसके बाद हैदराबाद और बंगलूरू पहुंचेंगे। नामांकन के बाद प्रणब के प्रचार के पूरे कार्यक्रम का ऐलान भी किया जाएगा। संगमा के नामांकन के लिए भाजपा की ओर से दो सेट जमा कराए जाएंगे। इनमें आडवाणी, सुषमा और जेटली के अलावा डॉ. मुरली मनोहर जोशी समेत लगभग सभी प्रमुख नेता व पार्टी के बड़ी संख्या में सांसदों व विधायकों ने बतौर प्रस्तावक व अनुमोदक हस्ताक्षर किए हैं।  सबसे पहले संगमा को अपना उम्मीदवार घोषित करने वाले बीजू जनता दल की ओर से भी नामांकन पत्र का एक सेट जमा कराया जाएगा। पटनायक समेत पार्टी के 100 से ज्यादा सांसदों व विधायकों ने इस सेट पर हस्ताक्षर किए हैं। अन्नाद्रमुक की ओर से थंबी दुरई समेत कई सांसद व विधायक संगमा के नामांकन के प्रस्तावक व अनुमोदकों में शामिल हैं।  संगमा का चुनाव प्रबंधन संभालने के लिए जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी और भाजपा नेता सुधीन्द्र कुलकर्णी पहले से सक्रिय हैं। भाजपा नामांकन प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद संगमा के प्रचार के लिए खुलकर सामने आने की तैयारी में है।

Wednesday, June 27, 2012


अबू हमजा को नही जानता पाक : रहमान मलिक
पाकिस्तान ने 26/11 को हुए मुंबई हमले में पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई के शामिल होने की खबर का खंडन किया है। साथ ही दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अबू हमजा उर्फ रियासत अली उर्फ अबू जिंदाल के बारे में किसी भी तरह की जानकारी होने से इंकार किया है।  पाक के आंतरिक मामलों के मंत्री और प्रधानमंत्री के सलाहकार रहमान मलिक ने प्रेस वार्ता में कहा कि भारत की ओर से सौंपे गए मोस्ट वांटेड लिस्ट में हमजा नाम के दो-दो व्यक्ति का नाम है। ऐसे में भारत पहले ये बताए की गिरफ्तार हुआ हमजा कौन हैरहमान मलिक ने कहा कि लोग पाकिस्तान की खूफिया एजेंसी आईएसआई को बदनाम करना चाहते हैं, जबकि यह सरकार की ओर से वैद्य जांच एजेंसी है। आईएसआई हमारे देश की सबसे अच्छी एजेंसी है, हमें इसपर गर्व है। उन्होंने कहा कि अगर कोई आईएसआई को बदनाम करने का प्रयास करेगा तो पाकिस्तान इसे बर्दाश्त नहीं करेगा।  उल्लेखनीय है कि 21 जून को दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार हुआ आतंकी अबू हमजा उर्फ रियासत अली उर्फ अबू जिंदाल ने पूछताछ में कबूल किया है कि 26/11 को हुए हमले के दौरान वह कराची में बैठकर हमलावरों को हैंडल कर रहा था। उसने बताया कि कराची स्थित कंट्रोल रूम में आईएसआई का एक अधिकारी भी मौजूद था। हमजा ने यह भी कबूला है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इन्टर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के अधिकारियों को मुंबई हमले की पहले से पूरी जानकारी थी। इससे पहले संदिग्ध आतंकवादी अबू हमजा की भारत में गिरफ्तारी से 26/11 के मुंबई हमले में पाकिस्तान की भूमिका उजागर होने की बात कहते हुए एक अमेरिकी विशेषज्ञ ने पाकिस्तानी सरकार से इस आतंकवादी घटना में शामिल सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है। कंजरवेटिव थिंक टैंक हेरिटेज फाउंडेशन की दक्षिण एशिया मामलों की वरिष्ठ शोधार्थी लीसा कर्टिस ने लिखा कि जिंदल ने कथिततौर पर स्वीकार किया है कि उसने जिस कमरे से आतंकवादियों को निर्देश दिए थे, उस कमरे में पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी मौजूद थे। इस बीच अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता विक्टोरिया नूलैंड ने मंगलवार को मुम्बई हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय दिलाने के भारतीय प्रयासों को अमेरिकी सहयोग देने की बात दोहराई थी। उन्होंने कहा कि हमें इस बात की जानकारी है कि मुम्बई में हुए 2008 के आतंकवादी हमले के एक संदिग्ध साजिशकर्ता की गिरफ्तारी हुई है।  हम चाहते हैं कि सभी संदिग्धों की गिरफ्तारी हो, उन पर मुकदमे चलें और उन्हें सजा मिले। हम इसके लिए सहयोग करने के लिए तैयार हैं। नूलैंड ने कहा कि मुम्बई हमले में उनके देश के छह नागरिक भी मारे गए थे।

 'चिदमबरम का दावा अंडरवर्ल्ड डांन दाऊद है पाक में'  
अंडरवर्ल्ड डॉन और 1993 के मुंबई धमाकों के आरोपी दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में ही है। गृह मंत्री पी चिदंबरम के मुताबिक दाऊद इब्राहिम के पाकिस्तान में होने की पक्की खबर है। साथ ही 26/11 के गुनहगारों को पाकिस्तान की ओर से मदद भी मिल रही है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2008 के मुंबई हमलों के सिलसिले में गिरफ्तार अबु जिंदाल हमजा की स्वीकारोक्ति से इस आतंकवादी हमले में विदेशी तंत्र की भूमिका साबित हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार पिछले एक साल से हमजा को तलाश रही थी।  चिदम्बरम ने कहा, 'हम जिंदाल को पिछले एक वर्ष से ढूंढ रहे थे। उसकी स्वीकारोक्ति से 26/11 के हमले में विदेशी तंत्र की भूमिका साबित हो गई है।' हमजा (30) को 21 जून को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था।  इससे पहले गृह सचिव जीके पिल्लई ने भी कहा था कि दाऊद पाकिस्तान में ही है। गृह सचिव के मुताबिक उनकी जानकारी में दाऊद पाकिस्तान छोड़कर कहीं नहीं गया है। वहीं अमेरिका ने दाऊद को आतंकी घोषित कर रखा है। केंद्र सरकार ने भी भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों की सूची में दाऊद का नाम शामिल किया हुआ है। मुंबई छोड़कर पाकिस्तान में रह रहे दाऊद का नाम वर्ष 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट सहित कई मामलों में शामिल है। भारत, पाकिस्तान सरकार को कई बार दाऊद के उसके यहां होने का सबूत दे चुका है, लेकिन इसलामाबाद उसकी अपने यहां मौजूदगी से इनकार करता रहा है।


'प्रणब की विदाई के बाद राहुल के स्वागत की तैयारी' 
नई दिल्‍ली। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को केंद्र सरकार में शामिल करवाने के लिए एक बार फिर से लामबंदी शुरू हो गई है। इस बार इसकी शुरूआत विदेश मंत्री एसएम कृष्‍णा ने की। कृष्‍णा की माने तो देश की समस्‍याओं से अब राहुल गांधी ही छुटकारा दिलवा सकते हैं।  एसएम कृष्‍णा का कहना है कि मैं उन लोगों में से एक हूं, जो यह मानते हैं कि राहुल गांधी को सरकार में शामिल होकर उन समस्‍याओं से निजात दिलाना चाहिए, जो देश के सामने है। विदेश मंत्री कहते हैं कि प्रणब मुखर्जी के बाद वित्‍त मंत्रालय खाली पड़ा है। ऐसे में राहुल गांधी को मंत्री बनाना चाहिए।  यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्‍मीदवार प्रणब मुखर्जी 19 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन कर चुके हैं। मुखर्जी अब तक सिर्फ कांग्रेस को ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार को भी मौके बे मौके पर मुसीबतों से निकालते रहे हैं। वित्‍त मंत्री के पद से इस्‍तीफा देने के बाद यह पद अभी खाली है। ऐसे में कांग्रेस का एक तबका राहुल को इस पद पर बैठे हुए देखना चाहता है। इसी तरह वीरभद्र सिंह के इस्‍तीफे के बाद भी मंत्री पद की एक और कुर्सी खाली हुई है। हिमाचल प्रदेश की एक अदालत ने वीरभद्र सिंह तथा उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ सोमवार को ही भ्रष्टाचार के आरोप तय किए थे।  इससे पहले खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्रिमंडल विस्‍तार का संकेत दे चुके हैं। फिलहाल वित्‍त मंत्रालय का अतिरिक्‍त प्रभार भी प्रधानमंत्री के पास ही है। जबकि वीरभद्र सिंह के मंत्रालय का प्रभाग विज्ञान व तकनीकी मंत्री विलासराव देशमुख को दिया गया है। दूसरी ओर, नई दिल्‍ली के गुरुद्वारा रकब रोड पर स्थित बंगला नंबर 15 पर भी सक्रियता बढ़ गई है। यहीं से प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद  के तौर पर लांच किया गया था। अब यह राष्ट्रपति चुनाव की पोलिंग के लिए यूपीए का केंद्रीय अभियान कार्यालय बन चुका है। केंद्र सरकार के कई वरिष्‍ठ मंत्री और कांग्रेस नेता पवन बंसल हर शाम यहां आते हैं और घंटों इस वार रूम का जायजा लेते हैं। इसे लोकसभा चुनाव के दौरान बनाए गए वार रूम की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। यहां की दीवारों को कैलेंडरों और बड़े बडे ग्रॉफिक्‍स के चार्ट से ढंक दिया गया  है। इसमें प्रणब मुखर्जी के कार्यक्रम की तारीख के अलावा दिन और स्‍थान भी लिखे गए हैं। इसका प्रमुख कॉडिनेटर मप्र के वरिष्‍ठ नेता सुरेश पचौरी को बनाया गया है। नए कम्‍प्‍यूटर, फैक्‍स मशीनों को इस ऑफिस में लगाया गया है। वहीं, प्रणब मुखर्जी अपने पक्ष में अधिक से अधिक वोटों के जुगाड़ में दक्षिण भारत की यात्रा पर हैं। तीस जून से दो जुलाई की यात्रा पर गए मुखर्जी का पहला पड़ाव चेन्‍नई रहेगा। इसके बाद वो डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि से मिलने उनके घर जाएंगे। वो तमिलनाडु के कई क्षेत्रीय दल के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। एक जुलाई को हैदराबाद से वो बैंगलोर चले जाएंगे और दो की रात को मुखर्जी मुंबई के लिए  रवाना हो जाएंगे।


हमजा और कसाब हटाएगें 26/11 से 'पर्दा'
मुंबई हमले का मास्टरमाइंड अबू हमजा उर्फ रियासत अली और इसे अंजाम तक पहुंचाने वाला आतंकी अजमल कसाब एक बार फिर एक साथ होंगे। हालांकि इस बार वे खतरनाक प्लान बनाने के बजाय मुंबई हमले का राज खोलने के लिए आमने-सामने बैठेंगे। हमले की सही और पुख्ता जानकारी जुटाने के लिए मुंबई क्राइम ब्रांच इन दोनों आतंकियों को एक साथ बैठकार पूछताछ करेगी। उल्लेखनीय है कि 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमले में 166 व्यक्ति मारे गए थे। 21 जून को इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दिल्ली पुलिस के हत्‍थे चढ़ा अबू हमजा पर आरोप है कि उसने मुंबई अटैक के दौरान पाकिस्तान के कराची से आतंककारियों को फोन से निर्देश दे रहा था। साथ ही हमजा ने मुंबई अटैक को अंजाम देने वाले दस पाकिस्तानी आ‌तंकियों को हिंदी सिखाई थी। वहीं शुरुआती पूछताछ में कसाब ने कहा था कि एक भारतीय ने उसे हिंदी सिखाई थी। हालांकि बाद में कसाब अपने इस बयान से पलट गया था।  मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अबू की कस्टडी हासिल करने के लिए दिल्ली में चीफ मेट्रोपोलिटन मैजिस्ट्रेट के कोर्ट में अर्जी दाखिल की है। अबू फिलहाल दिल्ली पुलिस की कस्टडी में है। पूछताछ में हमजा ने कबूल किया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इन्टर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आईएसआई) के अधिकारियों को मुंबई हमले की पहले से पूरी जानकारी थी। हमजा ने पूछताछ में यह भी स्वीकारा है कि वह हमले के समय पाकिस्तान में था और इसके बाद सऊदी अरब चला गया था। इस हमले के बाद हमजा के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था। हमजा अरब में शिक्षक के रूप में काम कर रहा था।

Tuesday, June 26, 2012


दादा ने राष्टपति पद के कैबिनेट को कहा 'अलविदां'
राष्ट्रपति चुनाव में यूपीए के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी ने बतौर वित्त मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। प्रणब मुखर्जी ने अपना इस्तीफा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंप दिया है। इस्तीफे से पहले प्रणब ने पत्रकारों को बताया कि आज से वे नई यात्रा की शुरुआत करने जा रहे हैं। एक छोटे गांव से ऊंचे ओहदे तक पहुंचना निश्चय ही बड़ी उपलब्धि है।
प्रणब ने कहा कि मैं मानता हूं कि मेरा हर फैसला सही नहीं होगा। हालांकि मुझे 40 साल की सक्रिय राजनीति छोड़ने का बेहद दुख है। माहौल को हल्का करते हुए उन्होंने कहा कि अब पत्रकार मुझे घेर नहीं पाएंगे। प्रणम मुखर्जी राष्ट्रपति भवन जाने की राह का पहला पड़ाव 28 जून को नामांकन पर्चा भरने के साथ ही पार करेंगे। 
हालांकि प्रणब के इस्तीफे के बाद वित्त मंत्री का पद कौन संभालेगा, इसे लेकर भी सरकार और कांग्रेस के गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है। प्रधानमंत्री ने बीते शनिवार को मंत्रिमंडल में फेरबदल के संकेत दिए थे। इसके बाद सरकार के साथ-साथ पार्टी में भी फेरबदल की अटकलें शुरू हो गई हैं। प्रणब दा के इस्तीफे के बाद सत्तापक्ष की ओर से लोकसभा का नेता कौन होगा, इसे लेकर भी चर्चा का दौर शुरू हो गया है। 
पार्टी सूत्रों की मानें तो राष्ट्रपति चुनाव के बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावना है। वहीं इसके बाद संगठन में फेरबदल की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। हालांकि वित्त मंत्री पद के लिए सी रंगराजन, आनंद शर्मा, कमलनाथ, जयराम रमेश और पी चिदंबरम जैसे धुरंधरों का नाम कतार में हैं, लेकिन फिलहाल यह मंत्रालय प्रधानमंत्री के पास रखकर पार्टी ने संकेत दिए है कि वह अभी कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती।


मानसून की पहली बारिस से आई नोटों की बाढ:गुवाहाटी     
 गुवाहाटी के निवासियों के लिए मानूसन की पहली बारिस एक वरदान साबित हुई। बारिश जो हर बार यहां के लोगों के लिए मुसीबत लेकर आती है इस बार खुशी की सौगात लेकर आई।
सोमवार को असम के चचल इलाके में जल जमाव के पानी में जब लोगों ने 500 और 1000 रुपए के नोट तैरते देखे तो वे खुशी से ना समाए। हर कोई अपनी जेब भरने में जुटा हआ था। रुपए हाथ में आते ही लोगों की खुशी देखते बन रही थी। घटना सिल्सको बील के पास की है, जहां अक्सर हल्की बारिश के बाद भी जल जमाव हो जाता है। कुछ ही समय में लोग मछली पकड़ने के जाल के साथ पानी में कूद पड़े और 500 और 1000 के नोटों को छानने लगे।
रुपए तैरने की खबर फैलते ही यहां लोगों का जमावड़ा हो गया। घटनास्‍थल पर मौजूद दीपांकर बरुआ ने कहा की मैंने अपनी जिंदगी में आज तक ऐसी घटना नहीं देखी। मैंने पैसे देखे हैं जो असली है। बरुआ के मुताबिक वहां मौजूद बहुत सारे लोग हजारों रुपए लूटने में सफल रहे। पुलिस ने कहा कि हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि पैसे वापस लिए जाएं। पुलिस ने लोगों से कुछ पैसा वापस भी ले लिया है। पुलिस आरबीआई गुवाहाटी को संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह पैसे असली हैं या नहीं। पुलिस अधीक्षक अपूर्ण जिबान बरुआ ने कहा कि हम इस बात को जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर ये पैसे कहां से आए। हमने लोगों से भी अपील की है की वो इन पैसों को वापस लौटा दें, जिसकी आगे की जांच हो सके।

इस्तीफे के बाद बीरभ्रद्र ने किया विधानसभा चुनाव जीतने का दावा'
नई दिल्ली। भ्रष्टाचार के मामले में फंसे हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके आवास पर मुलाकात के बाद वीरभद्र सिंह ने इस्तीफा सौंपा जिसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया है। इस्तीफा देने के बाद अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में वीरभद्र ने कहा कि वो 50 साल से राजनीति में है लेकिन किसी ने उनपर उंगली नहीं उठाई। वीरभद्र ने कहा कि सरकार को परेशानी न हो इसलिए उन्होंने नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। 24 साल पुराने मामले में सामने आई रिकॉर्डिंग वीरभद्र सिंह के लिए मुसीबत साबित हुई लेकिन वो इसे कट और पेस्ट किया हुआ काम बता रहे हैं। वीरभद्र ने सीडी की प्रमाणिकता पर ही सवाल खड़े कर दिए। इस्तीफा देने के बाद काफी निराश दिखाई दे रहे वीरभद्र सिंह ने इसे हिमाचल की प्रतिष्ठा के साथ जोड़ने की कोशिश भी की। वीरभद्र ने कहा कि विपक्ष जो चाहता है करे लेकिन मैं कानूनी लड़ाई लड़ूंगा। मुझे हिमाचल की कानून व्यवस्था में पूरा विश्वास है।पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि वीरभद्र फिर से राज्य की राजनीति की ओर रुख कर सकते हैं। इस संबंध में बीते दिनों उन्होंने राज्य के कांग्रेसी विधायकों के साथ बैठक भी की थी। आज फिर बातों बातों में वीरभद्र ने राज्य के होने वाले चुनावों पर निशाना साध ही दिया और कहा कि इसमें हमारी जीत की संभावना और भी पुख्ता हुई है।

भारत को एक बार फिर दहलाना चाहता था :हमजा
लश्कर-ए-ताइबा का खूंखार आतंकी अबू हमजा उर्फ सैयद जबीउद्दीन उर्फ अबू जुंदल इस भारत में किसी बड़े आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहा था। इसके लिए हमजा आतंकियों की भर्ती कर रहा था। लश्कर ने हमजा को साल के अंत में भारत में एक बड़े हमले के लिए फंड जुटाने के काम पर लगा रखा था। 
दिल्ली पुलिस ने हमजा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। हमजा का शिकंजे में आना 26/11 की जांच में सुरक्षा एजेंसियों के लिए दूसरी बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। हमजा ने ही मुंबई हमले को अंजाम देने वाले 10 आतंकियों को हिंदी बोलना सिखाया था। हमजा ने पूछताछ में कबूला है कि हमले के दौरान वह पाकिस्तान के कराची स्थित कंट्रोल रूम से 10 आतंकियों के लगातार संपर्क में था और उन्हें निर्देश दे रहा था। महाराष्ट्र के बीड में आईटीआई की ट्रेनिंग ले चुका अबू हमजा 2002 के गुजरात दंगों के बाद प्रतिबंधित संगठन सिमी के संपर्क में आया था। बाद में वह लश्कर-ए-ताइबा में शामिल हो गया, जहां उसका कद तेजी से बढ़ा। हमजा ने पूछताछ में अपने कुछ ऐसे पाकिस्तानी साथियों के नामों का खुलासा भी किया है जो वहां की सरकार की नुमाइंदगी कर रहे हैं। मुंबई हमले में पाकिस्तान की करतूतों की पोल खोलने वाले इस खुलासे को भारतीय एजेंसियां पुख्ता करने में जुटी हैं। जुंदल को सऊदी अरब से डिपोर्ट करने के बाद 21 जून को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। उसी दिन कोर्ट में पेश कर उसे 15 दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया गया। पूछताछ में जुंदल ने यह भी कबूला है कि 26/11 के हमले के बाद वह पाकिस्तान से सऊदी अरब चला गया था। वहां वह लश्कर में युवकों की भर्ती करता था और हिंदी सिखाया करता था। ताकि वक्त आने पर उन्हें भारत विरोधी कार्रवाई में शामिल किया जा सके। वहां हिंदी सिखाने की आड़ में वह लश्कर के इशारे पर पैसे लाने और पहुंचाने का काम भी कर रहा था। 30 वर्षीय जुंदल पाकिस्तानी पासपोर्ट पर रियासत अली के नाम से वहां रह रहा था। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि खुफिया एजेंसियों को शक है कि हमजा ने जिन पाकिस्तानी सरकारी नुमाइंदों के नाम बताए हैं, वे लोग वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हैं। यह नाम आईएसआई के एजेंट मेजर इकबाल और मेजर समीर अली से अलग हैं। अगर हमजा का दावा सही है तो यह साफ है कि 26/11 हमले में आईएसआई के दो ही नहीं बल्कि कई अधिकारी शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि जुंदल की आवाज के नमूने की जांच से साफ संकेत मिल गया है कि वह उन पांच लोगों में शामिल था, जो 26/11 हमले के दौरान मुंबई के 10 हमलावर आतंकवादियों को कराची कंट्रोल रूम से निर्देश दे रहे थे। कंट्रोल रूम में जुंदल की मौजूदगी की बात गिरफ्तार आतंकी अजमल कसाब ने भी कही थी। जुंदल ने साफ तौर पर यह भी स्वीकारा है कि उसने लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर जकी उर रहमान लखवी के साथ मिल कर मुंबई हमले की साजिश रची थी। जुंदल सऊदी अरब में रहने के दौरान भी लखवी से सीधे संपर्क में था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जुंदल को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। एनआईए ने जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद और लखवी सहित इस साजिश में शामिल दस लोगों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में चार्जशीट दायर कर रखी है। महाराष्ट्र के बीड जिले का मूल निवासी जुंदल दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में आतंकी मामलों में शामिल है। बातचीत के टेपों के मुताबिक मुंबई के 10 हमलावरों को निर्देश देते हुए जुंदल ने प्रशासनजैसे हिंदी के शब्द भी इस्तेमाल भी किए थे। उसने आतंकियों से कहा था कि वे अपनी पाकिस्तानी पहचान छिपा लें और खुद हैदराबाद के तोली चौक के डेक्कन मुजाहिदीन गुट का आतंकी बताएं। उसने यह भी कहा था कि वे मीडिया से कहें कि ये हमला तो सिर्फ एक ट्रेलर है, पिक्चर तो अभी बाकी है। 2006 में अबू जुंदल महाराष्ट्र पुलिस के शिकंजे से बच निकला था, तब पुलिस ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 10 एके 47 राइफलें और अन्य गोला बारूद बरामद किया था। इसके बाद जुंदल भाग कर पाकिस्तान चला गया था। अबू जुंदल की सुरक्षा एजेंसियों को 43 महीनों से तलाश थी। जुंदल ने अपने कम से कम दस अलग नाम रख रखे थे। जामा मसजिद ब्लास्ट में गिरफ्तार एक आतंकी ने उसके सऊदी अरब में होने की जानकारी दी थी, जिसके आधार पर उसकी गिरफ्तारी हुई। जुंदल कुछ समय बांग्लादेश में रहा था। सूत्रों के मुताबिक जुंदल की गिरफ्तारी में विदेशी खुफिया एजेंसियों की भी मदद ली गई। भारत के आग्रह पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया था जिसमें वह हथियारों, विस्फोटकों के इस्तेमाल और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोपी था।