Thursday, September 27, 2012

केवल धर्म के आधार पर दोषी या आतंकवादी नहीं ठहराया जा सकता-- सुप्रीम कोर्ट


Rs.30,990
नई दिल्ली। आज सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के मुसलमानों के लिए राहत भरी बात कही है। देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा है कि किसी व्यक्ति को केवल धर्म के आधार पर दोषी या आतंकवादी नहीं ठहराया जा सकता है। अगर कोई ऐसा करता है तो वो दोषी कहलायेगा और वो सजा का पात . अदालत ने यह बात उस समय कही जिस समय गुजरात में आतंकवाद के आरोप में दोषी करार दिए 11 लोगों को बरी किये जाने का उसने आदेश दिया था। आपको बता दें यह सभी पिछले 11 साल से जेल में थे। बरी किये गये सभी 11 मुस्लिमों को साल 2002 में टाडा (आतंकवाद और विध्वंसकारी गतिविधि रोकथाम कानून) की विशेष अदालत ने, 1994 मे  अहमदाबाद में भगवान जगन्ननाथ पुरी यात्रा के दौरान कथित तौर पर सांप्रदायिक हिंसा की साजिश रचने का दोषी करार दिया था, जिसके कारण यह सभी जेल में थे। उच्चनम न्यायालय ने जिला पुलिस को सख्त हिदायत दी कि वो किसी को भी धर्म के आधार पर गिरफ्तार नहीं कर सकती है भारत एक ऐसा देश है जहां सारे धर्म के लोगों का उच्च स्थान है इसलिए पुलिस को ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए जिससे आम आदमी के दिल में दहशत जन्म ले और वो खौफजदा हो। देश में किसी भी मुस्लिम को यह नहीं लगना चाहिए कि उसे 'माय नेम इज खान बट आई एम नॉट टेरेरिस्ट' के कारण सताया जा रहा है।

शरद पवार शुक्रवार को मुंबई पहुंच रहे हैं।

 महाराष्ट्र में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के इस्तीफे को लेकर जारी गतिरोध के बीच शरद पवार शुक्रवार को मुंबई पहुंच रहे हैं। समझा जाता है कि वह इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे।  राकांपा प्रमुख और केंद्रीय मंत्री शरद पवार शुक्रवार को यहां पहुंच रहे हैं पवार कल शाम चार बजे राकांपा के विधायक दल की एक बैठक में शामिल होंगे। राकांपा के विधायकों ने कल एक बैठक में सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें अजीत पवार से उनका इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया गया है। पार्टी के शीर्ष नेता आज राकांपा के वरिष्ठ सदस्य तथा राज्य विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष बाबासाहेब कुपेकर के अंतिम संस्कार के लिए कोल्हापुर में हैं। अजीत पवार के इस्तीफे को लेकर पार्टी में मतभेद के संकेत हैं। कल राकांपा विधायकों ने उनसे इस्तीफा वापस लेने का अनुरोध किया। लेकिन शरद पवार के करीबी और केंद्रीय मंत्री प्रफुल पटेल ने कहा कि इसे स्वीकार किया जाना चाहिए। बहरहाल, सभी ने कहा कि शरद पवार का निर्णय अंतिम होगा।मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में कल रात अजीत पवार ने अपने और अपने चाचा शरद पवार के बीच दरार की खबरों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह (दरार की खबरें) मीडिया की उपज है। शरद पवार पार्टी के सर्वोच्च नेता हैं और उनका फैसला (इस्तीफे पर) अंतिम होगा। अजीत पवार से पूछा गया कि क्या राकांपा अध्यक्ष के कहने पर वह अपना इस्तीफा वापस ले लेंगे। इस पर अजीत पवार ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। 

Tuesday, September 25, 2012

सीडब्ल्यूसी ने सरकार के आर्थिक सुधारों के निर्णय का समर्थन किया.

कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने  सरकार के आर्थिक सुधारों के निर्णय का समर्थन किया.सीडब्ल्यूसी ने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने व रुपये के गिरते मूल्य को देखते हुए ऐसा करना आवश्यक था.सीडब्ल्यूसी की मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह बात कही गई. बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम सहित 30 सदस्य शामिल हुए थे. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सीडब्ल्यूसी से कहा कि अर्थव्यवस्था जब तक मजबूत स्थिति में नहीं होगी, तब तक प्रमुख कल्याणकारी कार्यक्रम प्रभावी तरीके से लागू नहीं किये जा सकेंगे। सीडब्ल्यूसी ने एक प्रस्ताव पारित कर सरकार के आर्थिक सुधारों की पहल का अनुमोदन किया।सीडब्ल्यूसी की बैठक में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, वित्त मंत्री पी चिदंबरम, रक्षा मंत्री ए के एंटनी, कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी समेत 30 सदस्य मौजूद थे।
 बैठक के बाद कांग्रेस महासचिव जनार्दन द्विवेदी ने संवाददाताओं से कहा कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि आर्थिक सुधार जरूरी कदम है और सरकार ने उस दिशा में पहल की है। द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने सीडब्ल्यूसी से कहा कि सरकार के किसी कार्य में कोई कमी नहीं आएगी तथा गरीबों एवं समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के कल्याण के लिए कार्य जारी रहेंगे। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यू) ने आर्थिक सुधार जारी रहने और महंगाई पर रोक लगाने की जरूरत को रेखांकित किया।उन्होंने कहा कि विकास, गरीबों और कमजोर वर्ग के लोगों के लिए किये जा रहे कार्यों में कोई बाधा नहीं आयेगी, जो कांग्रेस की नीति रही है। राहुल गांधी के बारे में पूछे गए एक सवाल पर द्विवेदी ने बताया कि एक सदस्य ने जम्मू कश्मीर में पंचायत चुनाव के बाद चुने गए लोगों को अधिकार नहीं दिये जाने का मुद्दा उठाया। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि हमें इस पर ध्यान देना चाहिए।  द्विवेदी ने  कहा कि अगर हम अपनी आर्थिक स्थिति को ठीक नहीं करेंगे, तब गरीबों, पिछड़ों और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कल्याण योजनाओं को प्रभावी ढंग से आगे नहीं बढ़ा पायेंगे। चिदंबरम ने सीडब्ल्यूसी के समक्ष आर्थिक सुधार के तीन कदमों का उल्लेख किया। वित्त मंत्री ने कहा कि देश में ज्यादा पैसा आए ताकि रुपये की कीमत नहीं घटे। उत्पादन बढ़े ताकि मुद्रास्फीति नहीं बढ़े और सब्सिडी पर रोक लगे। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि दुनिया भर में जो आर्थिक हालात है, उससे भारत प्रभावित न न हो, इसके लिए आर्थिक सुधार जरूरी हैं। पहले भी ऐसी स्थितियां आईं लेकिन अपनी आर्थिक नीतियों के कारण भारत बचा रहा। 
    

    

Monday, September 24, 2012

आर्थिक सुधारों के बाद कैबिनेट में फेरबदल


 आर्थिक सुधारों के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कैबिनेट में फेरबदल करने पर जुट गए हैं। ये फेरबदल मंगलवार या फिर 28 सितंबर तक हो सकता है।नए चेहरों में से ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट को आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा जर्नादन दि्वेदी प्रदीप भट्टाचार्य, दीपा दासमुंशी ,के.रहमान खान
मीनाक्षी नटराजन को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वहीं आंध्र प्रदेश में पार्टी की राजनीति को पटरी पर लाने के लिए चिरंजीवी को शामिल करने के आसार हैं। इसके अलावा गुरूदास कामत, शशि थरूर, कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी और मिनाक्षी नटराजन ज्योति मिर्धा ,मनीष तिवारी ,दीपा दासमुंशी , तारिक अनवर को भी कैबिनेट में जगह मिल सकती है। कोयला आवंटन के मामले में फंसे सुबोध कांत सहाय को कैबिनेट से निकाला जा सकता है। साथ ही उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के चलते बेनी प्रसाद वर्मा पर भी गाज गिर सकती है। कैबिनेट फेरबदल में डबल चार्ज संभाल रहे मंत्रियों का भार कम किया जा सकता है।माना जा रहा है कि वित्त मंत्री पी चिदंबरम, गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, रक्षा मंत्री ए के एंटनी और विदेश मंत्री एस एम कृष्णा के पद में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वहीं कैबिनेट में ममता के विरोधियों को जगह मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट में 15 नए चेहरे शामिल होने की संभावना है।


राहुल गांधी को संगठन में बड़ी जिम्मेदारी

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिवालय में भी बड़े फेरबदल होने हैं. अमेठी से सांसद राहुल गांधी को संगठन में और बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.वहीं पार्टी में अटकलें लगाई जा रही हैं कि राहुल गांधी को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है
हाल ही में गांधी ने कहा था कि वह भी इसके लिए तैयार हैं। लेकिन उन्हें इस बार सरकार में लाया जाएगा या पार्टी में ही बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जाएगी अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। मंत्रिपरिषद से ए. राजा तथा दयानिधि मारन काफी पहले हट गए थे लेकिन उनकी पार्टी द्रविड मुनेत्र कषगम ने उनकी जगह अपने दूसरे प्रतिनिधि नहीं दिए थे। अभी भी उसने इस बारे में अभी अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है

सी. पी. जोशी ने रेल मंत्रालय सम्भाल लिया।


  • नई दिल्ली   केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री सी. पी. जोशी ने सोमवार को रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सम्भाल लिया। तृणमूल कांग्रेस के मुकुल रॉय के इस्तीफे के बाद उन्हें यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। जोशी राजस्थान में भीलवाड़ा से कांग्रेस के लोकसभा सदस्य हैं। रेल मंत्रालय का प्रभार जोशी को मिलने के बाद, करीब 17 वर्षो बाद सभी प्रमुख बुनियादी संरचना वाले मंत्रालय कांग्रेस के पास लौट आए हैं। सी. के. जाफर शरीफ वर्ष 1991 से 1995 तक कांग्रेस के अंतिम रेल मंत्री थे।रॉय ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) से समर्थन वापस लेने की तृणमूल कांग्रेस की घोषणा के बाद शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था। उनके साथ-साथ तृणमूल के पांच अन्य मंत्रियों ने भी इस्तीफा दे दिया था। सड़क परिवहन मंत्री सीपी जोशी ने आज रेल मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला और कहा कि रेलवे के आधुनिकीकरण और यात्री सुविधाओं में सुधार के साथ-साथ मुसाफिरों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। तृणमूल कांग्रेस नेता मुकुल राय के इस्तीफे के बाद जोशी को रेलवे का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है। तृणमूल कांग्रेस के यूपीए सरकार से समर्थन वापस लेने के साथ मुकुल राय सहित पार्टी के सभी छह मंत्रियों ने .

Saturday, September 22, 2012

Supreme Court rejects advocate santosh kumar suman petition against Manmohan Singh


lamming an advocate of the Supreme Court for filing frivolous petition demanding prosecution of Prime Minister Manmohan Singh in the 2008 cash-for-vote scam, the Delhi High Court on Tuesday also slapped a fine of Rs1 lakh on him.
Justice Ajit Bharihoke while dismissing the petition of Santosh Kumar Suman, said, “The petition appears to have been filed with malafide intention with a view to gaining cheap publicity. Thus, in my view the application is nothing but a gross abuse of process of law.”In July 2008, some MPs flashed currency notes in the House claiming that it was offered to them to save the UPA government.“Since the money was allegedly offered to save the government headed by the respondent (PM) so his complicity in the offering of money to MPs is obvious, as such the case should be registered against the respondent (PM),” the petition said.

अब पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस और टीएमसी की राहें जुदा


 केंद्र में नाता टूटने के बाद अब पश्चिम बंगाल में भी कांग्रेस और टीएमसी की राहें जुदा होंगी। कांग्रेस कोटे के 6 मंत्री शाम पांच बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इनमें दो कैबिनेट मंत्री और चार राज्यमंत्री शामिल हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्या ने आरोप लगाया कि रिश्ते तोड़ने के लिए टीएमसी ही जिम्मेदार है। टीएमसी के यूपीए सरकार से अलग होने के बाद बंगाल कांग्रेस भी ममता सरकार से हाथ खींच लेगी। तृणमूल सरकार में कांग्रेस का कोई भी मंत्री खुश नहीं था। ममता किसी को भी अपनी मर्जी से काम नहीं करने देती थीं। कांग्रेस का ये भी मानना है कि राज्य की जनता ने वोट गठबंधन को दिया था सिर्फ ममता बनर्जी को नहीं। ऐसे में आने वाले नगर निगम चुनाव में टीएमसी को हकीकत का अंदाजा हो जाएगा।बनर्जी भी कांग्रेस पर लगाती रही हैं, कि उनके मंत्रियों को काम नहीं करने नहीं दिया जाता। फिलहाल अब गठबंधन टूटने पर दोनों ही पार्टियों को इसका जरा भी अफसोस नहीं है। ममता के जाने से जहां केंद्र सरकार को बहुमत के आंकड़े को लेकर कोई खतरा नहीं दिख रहा तो वहीं, ममता सरकार को भी कांग्रेस के समर्थन वापस लेने से कोई परेशानी नहीं है। पश्चिम बंगाल में कुल 294 सीट हैं। लेकिन टीएमसी के पास बहुमत के लिए जरूरी 148 से कहीं ज्यादा 184 सीट हैं जबकि कांग्रेस के पास 42 सीट हैं। इसके अलावा ममता को एसयूसीआई और गोरखाजन मुक्ति मोर्चा का भी समर्थन हासिल हैबंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्या ने कहा कि टीएमसी ने उनकी पार्टी के साथ रिश्ते तोड़े हैं। कांग्रेस पार्टी के पास सूबे में सरकार से इस्तीफा देने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। अगर टीएमसी ने एकला चलो की नीति अपना ली है तो कांग्रेस इसमें क्या कर सकती है.
ममता ने फेसबुक पर लिखा, मैं पूछना चाहती हूं कि आम आदमी की परिभाषा क्या है? लोकतंत्र की परिभाषा क्या है? क्या यह स्पष्ट नहीं है कि आम आदमी के नाम का इस्तेमाल और सत्ता का दुरूपयोग‘आम आदमी को समाप्त करने के लिए किया जा रहा है। क्या यह सोची समझी चाल है? ममता बनर्जी की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के राष्ट्र के नाम संबोधन के तुरंत बाद सामने आई है जिसमें उन्होंने डीजल की कीमतों में वृद्धि और बहु ब्रांड खुदरा क्षेत्र में एफडीआई के हाल के फैसले का बचाव किया।

Friday, September 21, 2012

विमान खरीद - सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है


सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है  न्यायमूर्ति एचएल दत्तू और न्यायमूर्ति सीके प्रसाद की पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन  की ओर से दायर जनहित याचिका पर सरकार, सरकारी कंपनी एयरइंडिया और सीबीआई से जवाब मांगा  . नागरिक उड्डयन मंत्री के रूप में प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल के दौरान इस सरकारी एयरलाइंस कंपनी के लिए विमानों की खरीद और लाभ वाले उड़ान मार्गों को निजी कंपनियों को देने के मामले में हुई कथित अनियमितताओं की सीबीआई या एसआईटी से जांच कराने की मांग की गई है।  जिसमें आरोप लगाया गया है कि पटेल के कार्यकाल में लिये गए विभिन्न निर्णयों का उद्देश्य निजी एयरलाइंस कंपनियों को लाभ पहुंचाना था ,जिससे एयर इंडिया को भारी नुकसान हुआ।   एनजीओ ने अपनी याचिका में पटेल के कई निर्णयों का उल्लेख किया है जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइंस कंपनी के लिए करीब 70 हजार करोड़ रुपये खर्च करके 111 विमानों की ‘बड़े पैमाने’ पर खरीद, बड़ी संख्या में विमानों को लीज पर लेना, लाभ वाले उड़ान मार्ग और समय निजी कंपनियों को देना तथा एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस का विलय शामिल है. नागर विमानन मंत्री के रूप में प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल के दौरान विमान खरीद सहित कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच के आग्रह पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को नोटिस जारी किया है  

आज शाम कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक

नई दिल्ली।। यूपीए सरकार से ममता बनर्जी द्वारा समर्थन वापसी  के बीच सोनिया की अध्यक्षता में आज शाम कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक  है.  सरकार लोकसभा में 19 सदस्यों वाली तृणमूल के समर्थन वापस लिए जाने के बाद भी अपने पास पर्याप्त बहुमत होने को लेकर आश्वस्त है। 15 सदस्यीय यूपीए गठबंधन में तृणमूल कांग्रेस दूसरा सबसे बड़ा घटक दल थी। तृणमूल कांग्रेस के बाहर होने के बाद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कांग्रेस के शीर्ष नेता शुक्रवार शाम भविष्य की रणनीति तय करने के लिए बैठक करेंगे। तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों के इस्तीफा सौंपे जाने की खबरों के बीच सोनिया की अध्यक्षता में आज शाम कांग्रेस कोर ग्रुप की बैठक निर्धारति की गई है।डीजल के दामों में वृद्धि, रियायती सिलेंडरों की संख्या 6 तय किए जाने और रीटेल सेक्टर में एफडीआई की अनुमति देने के फैसले को वापस लिए जाने की अपनी मांग पर केंद्र को झुकते न देख ममता ने कल कोलकाता में कहा था कि उनकी पार्टी के सभी छह मंत्री प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस्तीफे सौंपेंगे। ममता बनर्जी द्वारा समर्थन वापसी की घोषणा किए जाने के बाद कांग्रेस कोर ग्रुप की यह दूसरी बैठक है। सरकार लोकसभा में 19 सदस्यों वाली तृणमूल के समर्थन वापस लिए जाने के बाद भी अपने पास पर्याप्त बहुमत होने को लेकर आश्वस्त है। 15 सदस्यीय यूपीए गठबंधन में तृणमूल कांग्रेस दूसरा सबसे बड़ा घटक दल थी।

शेयर बाजार का सरकार को भरपूर समर्थन जारी


विपक्ष चाहे जितना हल्ला कर ले ओर ममता चाहे समर्थन वापस ले ले इस सब के बावजूद शेयर बाजार का सरकार को समर्थन जारी  है सरकार के आर्थिक सुधार से जुड़े फैसले अब रंग दिखा रहे हैं। बहुब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर अधिसूचना जारी होने से निवेशकों में आए उत्साह के चलते घरेलू बाजार में तेजी देखने को मिल रही है। शुरुआती कारोबार में तेजी के साथ खुले सेंसेक्स और निफ्टी में करीब 2 फीसदी की तेजी दर्ज की जा रही है। सेंसेक्स 294 अंक चढ़कर 18,643 के स्तर पर और निफ्टी 96 अंक की तेजी के साथ 5,650 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।अन्य एशियाई बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है। जापान का निक्केई करीब 0.3 फीसदी की तेजी के साथ 33 अंक चढ़कर 9,120 के स्तर पर और हैंगसेंग करीब 1 फीसदी तेज होकर 20,773 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इसके अलावा ताईवान और शांघाई के बाजार में भी तेजी का रुख देखने को मिल रहा है।घरेलू बाजारों में बीएचईएल सेंसेक्स का टॉप गेनर है। कंपनी के शेयरों में करीब 4 फीसदी की तेजी दर्ज की जा रही है। इसके अलावा महिंद्रा ऐंड महिंद्रा, स्टरलाइट इंडस्ट्रीज, आईसीआईसीआई बैंक, एलऐंडटी, टाटा पावर और टाटा स्टील के शेयरों में भी 2.2 से 3.4 फीसदी की तेजी दर्ज की जा रही है। जबकि गेल इंडिया के शेयर में मामूली गिरावट देखी जा रही हैसभी सेक्टोरल इंडिसेज में तेजी का रुख देखने को मिल रहा है। पावर इंडेक्स में सबसे अधिक तेजी देखने को मिल रही है। कैपिटल गुड्स, बैंकेक्स, मेटल, रियल्टी और पीएसयू इंडेक्स में भी तेजी दर्ज की जा रही है। सकारात्मक खबरों के आधार पर तेज कारोबार करने वाले शेयरों में एस्सार पोर्ट और जियोमेट्रिक लिमिटेड प्रमुख हैं।

ममता के सांसद तीन बजे इस्तीफा देंगे ओर शाम को प्रधानमंत्री राष्ट्र को सन्देश देंगे

नई दिल्ली।। ममता बनर्जी और कांग्रेस में सुलह की संभावना खत्म होने के बाद केंद्र में तृणमूल कांग्रेस के छह मंत्री आज तीन बजे प्रधानमंत्री को इस्तीफा सौंप देंगे औरसम्भावना है कि आज शाम सैट बजे प्रधानमन्त्री राष्ट्र को संबोधित करेगे । तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कोलकाता में कहा कि आज उनके सभी छह मंत्री प्रधानमंत्री को इस्तीफा सौंप देंगे। ममता ने कहा कि उनकी पार्टी ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से भी मिलने का समय मांगा है और अगर राष्ट्रपति उन्हें समय देते हैं, तो वह सरकार से अपने 19 सांसदों का  समर्थन वापसी का पत्र सौंपने देगी  जाहिर है ममता के 19 सांसदों के समर्थन के बिना सरकार अल्पमत में आ जाएगी, लेकिन कांग्रेस के नेता दावा कर रहे हैं कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। 

Thursday, September 20, 2012

बंद कही असर कही बेअसर


डीजल मूल्य वृद्धि, एफडीआई और महंगाई पर विपक्ष के बंद का व्यापक असर पूरे भारत पर है. जगह-जगह ट्रेनें रोकी जा रही हैं. आम जिंदगी बुरी तरह से प्रभावित है. इस बंद का असर जगह-जगह पर देखने को मिल रहा है. जबकि दिल्ली में असर थोडा कम रहा . कुछ बाजारों में भा जा पा के लोगो ने जबरन बंद क्या परन्तु दिल में बंद पूरी तरह सफल नहीं रहा . लोग सुबह सुबह ही अपने कम काज पर चले गये . 
वाराणसी में जहां यूपीए की ही सहयोगी पार्टी सपा ने ट्रेन रोकी वहीं पटना में बीजेपी और जेडीयू ने ट्रेन रोककर अपना विरोध जताया. वाराणसी में जहां यूपीए की ही सहयोगी पार्टी सपा ने ट्रेन रोकी वहीं पटना में बीजेपी और जेडीयू ने ट्रेन ...आज के बंद का यूपी और बिहार में रेलवे ट्रैक जाम करने की वजह से करीब एक दर्जन ट्रेनों पर असर पड़ा है। वहीं, बिहार में बंद को सफल बनाने के लिए बीजेपी-जेडीयू के कार्यकर्ताओं ने पटना जंक्शन के करीब एक दुकान को जबरन बंद करवा दिया। इन कार्यकर्ताओं ने दुकान के पेपर और मैग्जीन को उठाकर फेंक दिया। बता दें कि आज से तीन दिन पहले ही बीजेपी और जेडीयू खेमे के बीच बैठक हुई थी जिसमें सख्त हिदायत दी गई थी कि जो भी कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे वो किसी भी तरह की तोड़फोड़ नहीं करेंगे या किसी के साथ बदसलूकी नहीं करेंगे।वहीं, गुरुवार को तड़के समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद में रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। 
मथुरा और कानपुर में रेलवे ट्रैफिक को जाम किए जाने की खबर है। मथुरा में प्रदर्शनकारियों ने भुवनेश्वर एक्सप्रेस और कानपुर में स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस को रोका गया।दिल्ली-हावड़ा रेल रूट जाम कर दिया गया है। दिल्ली से जाने वाली मालदा एक्सप्रेस को जेडीयू नेताओं ने रोक लिया है। जहानाबाद में गंगा-दामोदर एक्सप्रेस को रोके जाने की खबर है।पश्चिम बंगाल में हालाकि तृणमूल काग्रेस ने बंद में शामिल न होने का ऐलान किया है, लेकिन कोलकाता में बंद का असर दिख रहा है। यहां रोज के मुकाबले काफी कम वाहन चल रहे हैं।बंद को एनडीए और लेफ्ट पार्टियों के साथ सरकार के सहयोगी दलों एसपी और डीएमके ने भी समर्थन दिया है। दिल्ली में इस बंद के दौरान जेडी (यू) लीडर शरद यादव, बीजेपी के मुरली मनोहर जोशी, सीपीआई (एम) के प्रकाश करात और सीपीआई के ए. बी. बर्धन जंतर-मंतर पर धरना देंगे। बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी, उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी समेत कई नेता चादनी चौक में प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश बीजेपी राजधानी में 100 से ज्यादा जगहों पर प्रदर्शन करेगी।

अन्ना अब बाबा रामदेव की शरण में

अन्ना हजारे फिर अपने पुराने रंग में वापस आ गए हैं यानि उनका संघ प्रेम फिर जाग उठा है .बुधवार की रात नई दिल्ली में गोल्फ लिंक स्थित बंगला नंबर 102 में अन्ना ने बाबा रामदेव से मुलाक़ात की है अन्ना और रामदेव को एक साथ लाने की मुहिम के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करीबी एक कारोबारी का हाथ है वैसे यह बंगला फिलहाल एक साप्ताहिक अखबार के संपादक के नाम पर किराये पर है। बताया जा रहा है कि इस मुलाकात के दौरान पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी.के. सिंह के भी मौजूद थे। 
अन्ना हजारे के रुख से अरविंद केजरीवाल को झटका लगा है. ये बात इंडिया अगेंस्ट करप्शन के सदस्य और सामाजिक कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल ने खुद कही है.उन्होंने कहा, 'अन्ना के बयान से मुझे गहरा झटका लगा और बेहद हैरानी हुई है.'अरविंद ने कहा, 'अन्ना मेरे पिता समान हैं और वह मेरे दिल में हैं. वे मेरे गुरु हैं और हम राजनीतिक पार्टी संरचना उनके आदर्शों पर ही करेंगे.'भविष्य की रणनीति पर केजरीवाल ने कहा कि पूरे देश से इंडिया अगेंस्ट करप्शन के कार्यकर्ता आ गए हैं जिनके साथ बैठक करके आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी.इस बीच, अरविंद केजरीवाल की पूर्व सहयोगी किरण बेदी ने अरविंद केजरीवाल के पार्टी बनाने के फैसले पर हैरानी जताई हैं.किरण बेदी ने कहा, 'आप अरविंद केजरीवाल से ही पूछिए कि उन्होंने किस कारण से पार्टी बनाने का फैसला किया जबकि उन्होंने साफ कहा था कि अगर अन्ना राजी नहीं हुए तो पार्टी नहीं बनाई जाएगी. मैं तो अब भी अन्ना के साथ आंदोलन से जुड़ी हुई हूं.'गौरतलब है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के अगले स्वरूप को लेकर अन्ना हजारे और उनकी पूर्ववर्ती टीम की बुधवार को हुई बैठक विफल हो गई थी और हजारे ने टीम के टूटने की औपचारिक घोषणा कर दी थी.

Wednesday, September 19, 2012

ममता को समझाने की कोशिशे शुरू

सरकार की ओर से ममता से बातचीत का सिलसिला करने की शुरुआत करने का फैसला हुआ है प्रधानमंत्री आवास पर सोनिया गांधी की अध्यक्षता में पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक के बाद सूत्रों ने कहा कि सरकार तृणमूल कांग्रेस के मंत्रियों को उन परिस्थितियों के बारे में विस्तार से बतायेगी जिसके तहत ये फैसले किए गए। इस बात का कोई संकेत नहीं मिला है कि सरकार एफडीआई के निर्णय को पूरी तरह वापस लेने, डीजल के दामों में पांच रूपए की वृद्धि में कमी करने और एक साल में रियायती रसोई गैस सिलिंडर की संख्या छह से 12 किए जाने की तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की मांगों पर क्या रूख अपनाएगी। सूत्रों ने बताया कि चार दिन पहले भी सरकार ने अपने निर्णयों की पृष्ठभूमि के बारे में ममता से बात करने का प्रयास किया था। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने ममता से बात करने के लिए दो बार फोन किया लेकिन उनका जवाबी फोन नहीं आया। उसके बाद रेल मंत्री मुकुल राय से संपर्क किया गया जिसपर उन्होंने स्वीकार किया कि ममता को इस बाबत संदेश मिल चुका है। संभावना है की आज कल में माला सुलझा लिया जाये .

Tuesday, September 18, 2012

कोल आवंटन में मनोज जायसवाल से सी बी आई जाँच करेगी

नई दिल्‍ली :  झारखंड के मुख्‍यमंत्री अर्जुन मुंडा पर आरोप है कि उन्‍होंने मनोज जायसवाल के लिए जमीन पर अवैध ढंग से कब्‍जे दिलवाने में मदद पहुंचाया और उनकी कंपनी के लिए कोयला आवंटन की खातिर सिफारिश की . सी बी आई कोयला ब्‍लॉक आवंटन में अनियमितता के सिलसिले में अभिजीत ग्रुप के मालिक मनोज जायसवाल से पूछताछ करने जा रही है इससे पहले कल कोयला ब्लाक आवंटन मामले में  सीबीआई ने एएमआर आयरन एंड स्टील प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अरविन्द जायसवाल से उनकी कंपनी को महाराष्ट्र के बांदेर कोयला ब्लाक के आवंटन में कथित तौर पर गलत जानकारी देने और तथ्यों को छिपाने के सिलसिले में पूछताछ की।सीबीआई ने दर्ज प्राथमिकियों में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य विजय दरडा, उनके बेटे देवेंद्र के साथ अन्य पूर्व और मौजूदा निदेशकों के नाम दर्ज किए हैं, जिनमें विजय के भाई राजेंद्र दरडा के साथ मनोज जायसवाल, अनंत जायसवाल और अभिषेक जायसवाल हैं। एजेंसी मनोज जायसवाल से पूछताछ करेगी। वह भी मुख्य आरोपी हैं और उनका नाम पांच प्राथमिकियों में से तीन में है।  जांच एजेंसी की प्राथमिकी में जायसवाल का नाम लिया गया है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने तथ्यों को छिपाया और गलत तरीके से पेश किया कि उसके समूह की फर्मों को पहले ही कोयला ब्लाक आवंटित हो चुके हैं तथा वह वित्तीय रूप से ब्लाक पाने की योग्यता रखती है। सीबीआई सूत्रों ने बताया कि एजेंसी कंपनी के अन्य निदेशकों को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है जिसमें उसके भाई मनोज तथा कांग्रेस सांसद विजद दर्डा के पुत्र देवेन्द्र शामिल है। वे भी कंपनी के खिलाफ मामले में आरोपी हैं।सूत्रों के अनुसार सीबीआई ने आरोप लगाया है कि कंपनी ने गलत ढंग से और जानबूझ कर इस तथ्य को छिपाया कि उसके समूह की कंपनियों को पहले ही पांच ब्लाक आवंटित किये जा चुके हैं। इसके पीछे मकसद यह था कि इस बारे में पड़ताल से बचा जा सके क्योंकि ऐसा होने पर उसका दावा कमजोर पड़ जाएगा। जायसवाल से इन आरोपों के सिलसिले में पूछताछ की गयी है कि कंपनी ने ब्लाक हासिल करने के मकसद से कथित तौर पर वित्तीय योग्यता साबित करने के लिए यह गलत दावा किया कि उसने लोकमत समूह और आईएलएफस के साथ मिलकर विशेष कंपनी का गठन प्रस्तावित किया है। उसने प्रस्तावित विशेष कंपनी के संयुक्त नेटवर्थ को कंपनी का नेटवर्थ बताया। विजय दर्डा ने अपने खिलाफ सभी आरोपों से इंकार किया है।

मोदी ने मर्यादा खो दी है -- रेणुका चौधरी

कांग्रेस ने पार्टी प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने मोदी पर  कटाक्ष करते हुए कहा  मोदी के बारे में क्या कहा जाये. उन्होंने अपनी मर्यादा  ही खो दी है. हां, यह सही है कि राहुल को सबसे बड़े लोकतंत्र का नेता माना जाता है. अच्छा है मोदी ने यह बात समझ ली कि वे कहां खड़े हैं.मोदी ने सोमवार को राजकोट में स्वामी विवेकानन्द युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘हाल में कांग्रेस के एक नेता ने यह बयान दिया है कि राहुल गांधी एक राष्ट्रीय नेता है और मैं एक क्षेत्रीय नेता हूं. मुझे गुजरात का क्षेत्रीय नेता होने पर गर्व है. राहुल एक राष्ट्रीय नेता नहीं बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय नेता हैं. वह भारत के साथ-साथ इटली से भी चुनाव लड़ सकते हैं.’
असल में इस विवाद को जन्म .राशिद अल्वी ने पिछले सप्ताह दिया अपने बडबोलेपण के लिए महशूर अल्वी ने पत्रकारों से कहा कि कहा था कि राहुल राष्ट्रीय नेता हैं और मोदी प्रांतीय नेता हैं.इसी के जवाब में मोदी ने राहुल को अंतर रास्ट्रीय नेता कह दिया अब कांग्रेसी तिलमिला कर घूम रहे हैं


Monday, September 17, 2012

नुपुर तलवार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दी

नई दिल्ली: देश के सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री आरूषि-हेमराज हत्याकांड में एक बड़ा फैसला आया है। अब से थोड़ी देर पहले आरूषि की मां औऱ इस केस में मुख्य आरोपी बनें डा. राजेश तलवार की पत्नी नूपुर तलवार को से जमानत मिल गयी है।गौरतलब है कि गाजियाबाद की अदालत में 30 अप्रैल को समर्पण करने के बाद से नूपुर जेल में हैं। आपको बता दें कि 14 वर्षीय आरुषि की लाश 17 मई, 2008 की रात को नोएडा में तलवार के  घर में मिली थी और उसी घर की छत पर से नौकर हेमराज का शव बरामद हुआ था।इस केस में मां-बाप के ही ऊपर बेटी की हत्या का मुकदमा चल रहा है। सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में नुपुर तलवार को  आरोपी माना है और उनके ऊपर सबूतों के साथ छेड़-छाड़ करने का आरोप भी लगाया है।आरुषि-हेमराज हत्याकांड में आरोपी आरुषि की मां नूपुर तलवार को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है, हालांकि उसे एक हफ्ता और जेल में ही रहना होगा। इसी साल 30 अप्रैल से गाज़ियाबाद की डासना जेल में बंद नूपुर पर इस हत्याकांड में सबूत मिटाने का आरोप है। नूपुर के पति और सह-आरोपी राजेश तलवार पहले से जमानत पर बाहर हैं। नूपुर को विशेष सीबीआई अदालत द्वारा सम्मन का पालन न किए जाने पर वारंट जारी होने पर गिरफ्तार कर लिया गया था।

शेयर बाज़ार में फिर आई रौनक


सरकार के फैसलों का असर शेयर बाज़ार में साफ दिखने लगा है आज रिजर्व बैंक आफ इंडिया के ब्याज दरों में किसी भी तरीके के बदलाव से इन्कार करने के फैसले के बाद शेयर बाजार में तेजी का दौर जारी रहा। प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स सुबह 160.03 अंकों की तेजी के साथ 18,624.30 पर खुला उसके बाद बाजार में 103 अंकों की बढ़त के साथ वह 18.715.03 हो गया। वहीं, निफ्टी भी लगभग 48.70 अंकों की तेजी के साथ 5,626.35 पर खुला। वहीं, रुपये में भी जबरदस्त मजबूती देखने को मिली है। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 50 पैसे के भारी उछाल के साथ 53.80 पर खुला है। वहीं शुरुआती कारोबार में डॉलर के मुकाबले रुपया 53.69 तक आ गया है। 15 मई के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया पहली बार 54 के नीचे आया है।बंबई स्टॉक एक्सचेंज [बीएसई] का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स सुबह 155.63 अंकों की तेजी के साथ 18619.90 पर खुला और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी 54.10 अंकों की तेजी के साथ 5,631.75 पर खुला। पिछले हफ्ते शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 2 महीने की नई ऊंचाई छूकर 54.30 पर बंद हुआ था।

Sunday, September 16, 2012

विपक्ष राजनीति करना छोड़ अपनी जिम्मेदारी निभाए


विश्व  में किसी भी देश में ऐसा नहीं हो रहा की विपक्ष अपने राजनीतिक स्वार्थो की खातिर देश को विश्व में हाशिये पर खड़ा कर दिया हैं राजनीतिक स्वार्थ देश की छवि , देश की उन्नति , देश की प्रतिष्ठा से कितना उपर हो गए हैं अगर विपक्ष चाहे तो सार्थक विपक्ष की भूमिका निभा सकता हैं , अगर विपक्ष को जनता की सही मायने में जनता की चिंता है तो उसके पास इतना सब हैं की वो जनता को एक बड़ी राहत दे सकता है परन्तु राजनीति इतनी हावी हो गयी है की जनता की चिंता गौण हो गयी है और उनकी राजनीति की दुकान चलना जरुरी है . आज हर चीज पर राजनीति हो रही है किसी भी राजनीतिक दल को जनता की कोई परवाह नहीं है हर कोई जनता को वरगला रहा है जनता को  झूठ बोल ठगा जा रहा है . इसकी कुछ बानगी पेश है ---
१. केंद्र सरकार अगर पेट्रोल या डीज़ल गैस के दम बढाती है तो हर राज्य / प्रदेश सरकार को  अधिकार है की वो अपने प्रदेश /राज्य में टैक्स न लगाये या कम लगाये और अपने सस्तर पर जनता को राहत दिला सके पर राजनीति की दुकान कैसे चलेगी . केंद्र सरकार को कोसने का स्वर्णिम मौका कैसे चूका जाये सो  जनता को मुर्ख बनाओ . कितने  प्रदेशो में गैर कांग्रेस सरकार है वहा क्यों नहीं  राज्य सरकार जनता को राहत नहीं देती  गुजरात  में तो  महान मोदी जी मुख्यमंत्री हैं वो अपने प्रदेश में जनता को  राहत देने की बजाय राजनीतिक रोटिय सकने में जयादा मशगुल रहते हैं इंतना ही नहीं  भा जा पा को अगर जनता की जरा भी चिंता है तो भा जा पा शासित प्रदेशो में  हिमाचल प्रदेश , मध्यप्रदेश , छतीसगड ,  कर्णाटक , झारखण्ड  के अलावा पंजाब , ओडिशा , उत्तर प्रदेश  प् . बंगाल इत्यादि कई प्रदेश हैं जन्हा पर गैर कांग्रेसी सरकारे हैं  मगर जनता को मुर्ख बनाने का मौका कैसे खोया जाये उनको राहत न देकर  राजनीतिक रोटिया कैसे सेके जाएगी इस पर ज्यादा जोर रहता है  इसके अलावा ऐसा सभी गैर कांग्रेस प्रदेशो में ऐसा किया जा सकता है फिर ये प्रदेश सरकारे ऐसा क्यों नहीं कर रही . सिर्फ  राजनीति क्यों की जा रही है .
२. एफ़ डी आई पर भी कमोवश यही स्थिति है . राज्य सरकारे  चाहे तो एफ़ डी आई को लागु करने से इंकार कर सकती हैं . परन्तु राजनीति दलों की दुकान कैसे चलेगी . इस सब मै जनता को कैसे बेवकूफ बनाती राजनीति पार्टी .


Saturday, September 15, 2012

पांच साल में 8.2 प्रतिशत की विकास दर के लिए सुधार जरुरी - पी एम


12वीं योजना के मसौदे को कुछ संशोधनों के साथ मंजूरी मिल गई। अब संशोधित मसौदे को जल्दी ही मंजूरी के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा।प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि अगले पांच साल में 8.2 प्रतिशत की विकास दर पाने के लिए ऐसे कदम उठाने ही होंगे। उन्होंने कहा कि सरकार के फैसलों से अर्थव्यवस्था अब उछाल भरेगी। उसके बाद अगले महीने इसे राष्ट्रीय विकास परिषद [एनडीसी] की बैठक में विचार के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।12वीं योजना के मसौदे को मंजूरी देने के लिए बुलाई गई पूर्ण योजना आयोग की बैठक को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए आर्थिक विकास की दर का लक्ष्य नौ प्रतिशत से घटाया गया है  निवेश बढ़ाकर लक्ष्य को पाया जा सकता है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने ऊर्जा नीति की व्यापक समीक्षा की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि ऊर्जा एक मुश्किल क्षेत्र है। हमारे पास ऊर्जा क साधनों की कमी है और आयात पर निर्भरता बढ़ रही है। इसलिए अब जरूरी है कि ऊर्जा उत्पादों का घरेलू उत्पादन बढ़े। बुनियादी ढांचे के विकास को वक्त की जरूरत बताते हुए प्रधानमंत्री ने संबंधित मंत्रालयों से कहा कि वे 12वीं योजनावधि में बड़े लक्ष्य निर्धारित करें और उन तक पहुंचने के उपाय ढूंढे़। प्रधानमंत्री ने योजना आयोग को बुनियादी क्षेत्र के लक्ष्यों की तिमाही आधार पर समीक्षा करने के निर्देश भी दिए। वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ये अल्पकालिक दिक्कतें हैं। आने वाले समय में हमारी प्रगति की संभावनाओं को लेकर इससे निराश होने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार का जोर इस बात पर होना चाहिए कि कैसे वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विकास की रफ्तार को तेज किया जा सकता है। इसके बाद हमें योजनावधि के अंत तक विकास की दर को नौ प्रतिशत तक ले जाने के प्रयास करने चाहिए। बैठक में योजना आयोग के सदस्यों के अलावा सभी मंत्रिमंडल के अधिकांश मंत्रियों ने हिस्सा लिया। 12वीं योजना में 8.2 प्रतिशत की विकास दर का लक्ष्य तय किया गया है। 11वीं योजना में देश की आर्थिक विकास दर 7.9 प्रतिशत रही थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2008-09 और 2011 के वैश्विक वित्तीय संकट की स्थिति को ध्यान में रखते हुए 11वीं योजना की 7.9 प्रतिशत की विकास दर भी काफी बेहतर कही जाएगी।

Friday, September 14, 2012

केंद्र सरकार ने रिटेल सेक्‍टर में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी

केंद्र सरकार ने एक बड़े फैसले के तहत रिटेल सेक्‍टर में 51 फीसदी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा एविएशन सेक्टर में भी 49 फीसदी विदेशी निवेश की मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सीसीईए की बैठक में यह महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। कैबिनेट के इस फैसले के बाद विदेशी कंपनियां भारत के मल्टी ब्रैंड रीटेल में 51 फीसदी की हिस्सेदारी कर सकेंगी।आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने शुक्रवार को कुछ शर्तों के साथ मल्टी ब्रैंड रीटेल में एफडीआई को मंजूरी दे दी। सरकार ने कहा है कि यह राज्य सरकारों पर निर्भर करेगा कि वे अपने यहां इसे लागू करते हैं या नहीं। सरकार ने एविएशन सेक्टर में भी 49 फीसदी एफडीआई की मंजूरी दे दी है। शुक्रवार को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमिटी ने मल्टी ब्रैंड रीटेल सेक्टर में एफडीआई को मंजूरी देने का ऐलान किया। सरकार ने सिंगल ब्रैंड रीटेल में 100 फीसदी एफडीआई को भी हरी झंडी दे दी है। कमिटी ने केबल और डीटीएच सेक्टर में भी एफडीआई बढ़ाने पर सहमति दे दी है। जानकारों का मानना है कि सरकार के इस फैसले से रीटेल सेक्टर का चेहरा बदल जाएगा और इससे महंगाई पर काबू पाया जा सकेगा। याद होगा, सरकार ने पिछले साल मल्टी ब्रैंड रिटेल में 51 प्रतिशत एफडीआई की अनुमति दी थी, लेकिन सहयोगी दलों, विपक्षी पार्टियों और रिटेल कारोबारियों के विरोध के बाद इसे टाल दिया था। डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी करने के बाद अब सरकार ने मल्टी ब्रैंड रीटेल में एफडीआई का रास्ता साफ कर दिया है। सबसे अहम बात यह है कि सरकार के इस फैसले को संसद से पास कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यूपीए के सहयोगी दल तृणमूल कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। इसी बीच प्रधानमंत्री ने कहा है कि सुधारों का वक्त आ गया है और अब उनके सामने करो या मरो की स्थिति है।

Thursday, September 13, 2012

यूपीए कैबिनेट में सिंतबर में फेरबदल की उम्मीद

 यूपीए सरकार की कैबिनेट में सिंतबर  में फेरबदल किए जाने की उम्मीद है।यूपीए सरकार की कैबिनेट में फिलहाल कम से कम 8 मंत्रियों के पास एक से ज्यादा विभाग हैं और कई मंत्री तो ऐसे हैं जिनके पास पार्टी में भी पद है। खुर्शीद और सिब्बल के अलावा वायलर रवि (लघु उद्योगमंत्रालय, साइंस ऐंड टेक्नॉलजी, अर्थ साइंस और प्रवासी भारतीयों का मंत्रालय), वीरप्पा मोइली (पावर और कॉर्पोरेट अफेयर्स), आनंद शर्मा (कॉमर्स के साथ-साथ इंडस्ट्री ऐंड टेक्सटाइल), पवन कुमार बंसल (पार्लियमेंट्री अफेयर्स और वॉटर रिसोर्सेस) और कुमारी शैलजा (हाउसिंग ऐंड अर्बन पॉवर्टी एलिवेशन और कल्चर) इनमें प्रमुख हैं। पश्चिम बंगाल से भी किसी उम्मीदवार के कैबिनेट में शामिल होने की संभावना है। इसके लिए दो नामों पर चर्चा हो रही है, जिसमें दीपा दास मुंशी और अधीर रंजन चौधरी का नाम शामिल है। वहीं, विलासराव देशमुख के निधन के बाद महाराष्ट्र की ओर से प्रतिनिधि के तौर पर विलास राव मुत्तेमवार इस रिक्त पद को भर सकते हैं। कहा जा रहा है कि मनीष तिवारी, मीनाक्षी नटराजन, ज्योति मिर्धा और मनिका टैगोर को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है, जबकि सीनियर नेता जनार्दन द्विवेदी को कैबिनेट मंत्री का पद मिल सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में चिरंजीवी का आना भी लगभग तय माना जा रहा है और रेणुका चौधरी को भी मंत्री बनाए जाने की पूरी संभावना है। वहीं, राज्य मंत्री ऑस्कर फर्नांडिस और के रहमान खान प्रमोट करके कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं। यह भी कहा जा रहा है कि आईपीएल की टीम कोच्चि की फ्रैंचाइची को लेकर उठे विवाद के कारण इस्तीफा देने वाले मंत्री शशि थरूर भी सरकार में वापसी को कोशिश कर रहे हैं  कोयला ब्लॉक आवंटन को लेकर घिरे मंत्री सुबोध कांत सहाय दूसरे मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल  को है, जिनका कैबिनेट से बाहर होना लगभग तय माना जा रहा है ऐसे में यही संभावना है कि डीएमके की ओर से टीआर बालू और टीकेएस इलानगोवल कैबिनेट में शामिल हो सकते हैं।

भारतीय विमान आईसी-814 - कंधार आतंकवादी मेहराजुद्दीन डांड गिरफ्तार

भारतीय विमान आईसी-814 को अगवा कर कंधार ले जाने व आतंकवादी हमलों की कई अन्य घटनाओं के सिलसिले में वांछित आतंकवादी मेहराजुद्दीन डांड को जम्मू एवं कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को जानकारी मिली थी कि मेहराजुद्दीन नेपाल से लौटा है और जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग के जरिए कश्मीर घाटी की ओर बढ़ रहा है. इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया.मेहराजुद्दीन की गिरफ्तारी को एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है. भारत व कई अन्य देशों में हुई आतंकवादी घटनाओं में उसका हाथ होने का संदेह है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि मेहराज को बुधवार रात जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक अज्ञात स्थान से गिरफ्तार किया गया.  मेहराजुद्दीन उत्तरी कश्मीर के सोपोर का रहने वाला है. वह 1990 से आतंकवादी घटनाओं में शामिल है. अधिकारी ने बताया, "वह 1995 तक हाथ में बंदूक ले आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता था. बाद में वह हमलों की साजिश रचने, आतंकवादियों के लिए रसद की व्यवस्था करने व अन्य सम्बंधित गतिविधियों में लग गया."24 दिसम्बर, 1999 को पांच पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एयर इंडिया के एक विमान का अपहरण कर लिया था और उसे कंधार ले जाने से पहले अमृतसर, लाहौर और दुबई के तीन अलग हवाईअड्डों पर उतारने का दबाव बनाया था. उस वक्त उड़ान संख्या आईसी-814 में 176 यात्री सवार थे. दुबई में अपहर्ताओं ने विमान में सवार रुपिन कत्याल नाम के यात्री की चाकूओं से गोदकर हत्या कर दी थी. बंधकों को मुक्त कराने के लिए आतंकवादियों की रिहाई की गई थी. विमान को एक सप्ताह तक कंधार में खड़े रहना पड़ा था. ऐसा माना जा रहा है कि वह कश्मीर घाटी इसलिए आ रहा था कि यहां आतंकवाद का असर कम हुआ है और उसे यहां आतंकवादी घटनाओं को बढ़ावा देने की जरूरत महसूस हो रही थी. पुलिस अधिकारी ने बताया, "उसकी गिरफ्तारी आतंकवाद व आतंकवादी घटनाओं की पुनरावृत्ति के इरादे के लिए एक गम्भीर झटका है."वर्ष 1995 के बाद वह ज्यादातर पाकिस्तान व नेपाल से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता था. पुलिस उसे वांछित व सबसे पुराना आतंकवादी बताती है. वह भारत व अन्य देशों में कई आतंकवादी घटनाओं में संलिप्त रहा.

Wednesday, September 12, 2012

MSA News Agency : अब मुलायम नहीं रहे कांग्रेस के लिए मुलायम

MSA News Agency : अब मुलायम नहीं रहे कांग्रेस के लिए मुलायम: समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए  कहा है कि यूपीए सरकार में जितने घोटाले हुए हैं उनके बार...

अब मुलायम नहीं रहे कांग्रेस के लिए मुलायम

समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने केंद्र सरकार को निशाने पर लेते हुए  कहा है कि यूपीए सरकार में जितने घोटाले हुए हैं उनके बारे में उन्होंने कभी सोचा न था। वर्तमान केंद्र सरकार को नीतिहीन और दिशाहीन करार देते हुए मुलायम ने मुस्लिमों की स्थिति पर रिपोर्ट देने के लिए बनी सच्चर कमिटी की सिफारिशों पर सवाल पूछे और कहा कि कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि इस पर अब तक क्या हुआ है। , केंद्र सरकार के खिलाफ घोटालों की लंबी फेहरिश्त और बीजेपी में नेतृत्व को लेकर छिड़ी जंग की वजह से मुलायम सिंह को उम्मीद की किरणें कुछ ज्यादा ही चमकती नजर आ रही हैं। यही वजह है कि समाजवादी पार्टी तीसरे मोर्चे की संभावनाओं को तलाशने में जुट गई है। पार्टी का इरादा इस बार उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और पश्चिम बंगाल में भी अपने उम्मीदवार उतारने की है। कोलकाता में बैठक बुलाने के पीछे पार्टी की कोशिश पश्चिम बंगाल में जगह तलाशने की मानी जा रही है।इन दिनों थर्ड फ्रंट को फिर से जीवित करने की कवायद में लगे मुलायम ने कल केंद्र सरकार को दिशाहीन करार देते हुए ऐलान किया था कि उनकी पार्टी अब विपक्ष में है। इसलिए न केवल वह कांग्रेस से अपने रिश्तों को पुनर्परिभाषित करने का प्रयास करेगी, बल्कि समान विचारधारा वाले दलों से अपने संबंधों को प्रगाढ़ बनाने की भी रूपरेखा तय
करेगी। कोलकाता में समाजवादी पार्टी के अधिविशेन से पहले मुलायम ने केंद्र की यूपीए सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का कोई भविष्य नहीं रह गया है और समाजवादी पार्टी के बिना दिल्ली में अगली सरकार नहीं बन पाएगी।

जल सत्याग्रह पर बैठे आदोलनकारियों को जबरन पानी से बाहर निकाला


 जल सत्याग्रह पर बैठे आदोलनकारियों को जबरन पानी से बाहर निकाला जा रहा है। इंदिरा सागर बांध के पानी की चपेट में आ रहे खरदना और आसपास के गांव के डूब प्रभावितों द्वारा बीते 14 दिन से किए जा रहे जल सत्याग्रह स्थल पर धारा-144 लागू कर दी गई है। सरकार ने सत्याग्रहियों से निपटने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह तक तकरीबन 75 लोगों को पानी से खदेड़ दिया गया है।सरकार के इस कदम से तो यह साफ होता है कि वह हरदा में इंदिरा सागर बाध परियोजना को लेकर चल रहे आदोलन के आगे झुकने को तैयार नहीं है। सरकार का कहना है कि वह इस परियोजना का मुआवजा बाट चुकी है और इस साल सिर्फ एक बार ही बाध को उसकी पूरी क्षमता 262.13 मीटर तक भरा गया है।
वहीं, आदोलकारियों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मागे नहीं मान ली जाती हैं वह जल सत्याग्रह खत्म नहीं करेंगे।गौरतलब है कि धरना स्थल पर लगातार टीम अन्ना, इंडिया अंगेस्ट करप्शन, किसान संघ सहित विभिन्न सामाजिक एवं गैर राजनीतिक संगठनों के लोगों द्वारा सत्याग्रह को समर्थन मिल रहा है। इससे चिंतित सरकार ने स्थल पर धारा-144 लगा दी है। खरदना में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।मंगलवार को खरदना पहुंची चितरूपा पालित ने मीडिया से कहा कि ओंकारेश्वर व इंदिरा सागर बांध सामूहिक मुद्दा था। सरकार इसे अलग-अलग मानकर भूल कर रही है। अब इंदिरा सागर बांध के हर डूब प्रभावित गांव में जल सत्याग्रह किया जाएगा। इससे पहले प्रशासन ने चितरूपा को छीपाबड़ गांव में एक घंटे तक रोके रखा। बाद में कलेक्टर से बात होने 

Tuesday, September 11, 2012

कोयला आवंटन घोटाले में सहाय और जायसवाल कि छुट्टी हो सकती है


नई दिल्ली। सोनिया गाँधी के देश वापसी के साथ ही कोयले की कालिख साफ करने का कांग्रेस का अभियान शुरू हो गया है इस कड़ी में मंत्री सुबोध कांत सहाय और  कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल को इस्तीफा देने के संकेत दे दिए गए हैं .दोनों मंत्री आज कल में इस्तीफा दे सकते हैं . काग्रेस नेतृत्व कोल ब्लॉक आवंटन में हुए घोटाले के  विवाद को बढ़ते देख काग्रेस हाई कमान  को यह अहसास हो रहा है कि सहाय को ज्यादा दिन तक बनाए रख पाना संभव नहीं है। यह भी कहा जा रहा है कि कोलगेट विवाद में फंस चुके काग्रेसी नेताओं जैसे- विजय दर्डा, नवीन जिंदल, पूर्व कोयला राज्यमंत्री संतोष बागरोडिया के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।सहाय और जायसवाल के अलावा जिन काग्रेसी नेताओं पर कोलगेट की गाज गिर सकती है, उसमें सीबीआई की एफआईआर में नाम आने वाले राज्यसभा सासद विजय दर्डा शामिल हैं। हालाकि दर्डा के खिलाफ सीबीआई ने प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट के तहत कोई मामला दर्ज नहीं किया है। दर्डा का नाम कोलगेट में फंसी जेएलडी एनर्जी से जुड़ा है, जिसमें मनोज जायसवाल को फायदा पहुंचने की बात है। वहीं, जिंदल पावर लिमिटेड को कोयला ब्लॉक आवंटन से सबसे ज्यादा फायदा होने पर घिरे काग्रेसी नेता नवीन जिंदल विपक्ष के निशाने पर तो हैं ही, टीओआई को मिली रिपोर्ट के अनुसार जिंदल काग्रेस नेतृत्व के सवालों से भी घिर गए हैं। जिंदल की कंपनी को सस्ता कोयला दिया गया, लेकिन इसके बदले कंपनी ने उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली नहीं दी। इस पर काग्रेस पार्टी उनसे जवाब माग सकती है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्री सहाय ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर एसकेएस इस्पात ऐंड पावर को कोल ब्लॉक देने की सिफारिश की थी। इस चिट्ठी के मिलने के अगले दिन ही पीएमओ की अनुशसा पर कंपनी को दो कोयला ब्लॉक आवंटित कर दिए गए थे। एसकेएस इस्पात में सुबोध कात सहाय के भाई सुधीर कात सहाय डायरेक्टर हैं। पयर्टन मंत्री हितों में टकराव की बात से इनकार नहीं कर सकते। हालाकि कोयला मंत्री जायसवाल पर हितों के टकराव की बात सीधे-सीधे साबित नहीं हो पाई है, लेकिन काग्रेस नेतृत्व को यह लगता है कि कोयला मंत्री के पास इन बातों का कोई जवाब नहीं है कि उनके कार्यकाल में कैसे कोयला ब्लॉक आवंटित होते रहे यहा तक कि 2010 में भी। हालाकि इस बारे में वह अपना स्पष्टीकरण दे चुके हैं कि उनके कोयला मंत्री बनने से पहले स्क्रिनिंग कमैटी के फैसले से कोल ब्लॉक आवंटित किए गए थे, लेकिन उनके इस जवाब से काग्रेस नेतृत्व संतुष्ट नहीं है।

पत्रकार अपनी लक्ष्मण रेखा खुद तय करे - सुप्रीम कोर्ट


नई दिल्ली। अदालत में लंबित मामलों की रिपोर्टिंग पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है।खंडपीठ ने कहा कि अदालती मामलों की रिपोर्टिंग करते वक्त पत्रकारों को भी अपनी लक्ष्मण रेखा खुद समझनी चाहिए और अगर वो लक्ष्मण रेखा को क्रास करेंगे तो कोर्ट की अवमानना हो सकती है। इसलिए पत्रकार खुद अपनी लक्ष्मण रेखा बनाएं। संविधान पीठ के अन्य सदस्य हैं न्यायमूर्ति डी पी जैन, न्यायमूर्ति एस एस निज्जा, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और न्यायमूर्ति जे एस केहर। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर अदालत चाहे तो कोर्ट रिपोर्टिंग पर रोक लगा सकती है, लेकिन ये छोटे वक्त के लिए होगा। अदालत ने तर्क दिया है कि अगर रिपोर्टिंग से चल रहे मामले में व्यवधान होती है तो ऐसे मामलों में मीडिया रिपोर्टिंग पर कुछ वक्त के लिए रोक लगाई जा सकती है। अदालत ने ये भी कहा है कि कोर्ट खबर तय नहीं कर सकता।खंडपीठ ने कहा कि अदालती मामलों की रिपोर्टिंग करते वक्त पत्रकारों को भी अपनी लक्ष्मण रेखा खुद समझनी चाहिए और अगर वो लक्ष्मण रेखा को क्रास करेंगे तो कोर्ट की अवमानना हो सकती है। इसलिए पत्रकार खुद अपनी लक्ष्मण रेखा बनाएं। संविधान पीठ के अन्य सदस्य हैं न्यायमूर्ति डी पी जैन, न्यायमूर्ति एस एस निज्जा, न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और न्यायमूर्ति जे एस केहर। मुख्य न्यायाधीश एस एच कपाडिया की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने लंबित अदालती मामलों खासकर आपराधिक मामलों की रिपोर्टिंग पर लंबे समय तक रोक लगाने को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के खिलाफ बताया। हालांकि न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि किसी मामले में पीड़ित पक्ष के आग्रह पर कुछ समय के लिए रिपोर्टिंग पर रोक लगाई जा सकती है। साथ ही अदालत ये भी कहा है कि किसी खबर की रिपोर्टिंग पर रोक लगाने का काम सिर्फ हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट तय कर सकता है।

Monday, September 10, 2012

गुजरात विधानसभा चुनाव में 35 सीटों पर जेडीयू लड़ेगी चुनाव


जेडीयू ने गुजरात विधानसभा चुनाव में करीब 35 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारने की तैयारी की है। जेडीयू के महासचिव व गुजरात प्रभारी के.सी. त्यागी ने कहा है कि पार्टी तकरीबन 35 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है। मोदी और नीतीश की जुबानी जंग अब गुजरात विधानसभा के चुनावों में दिखेगी। नीतीश अपनी पार्टी जेडीयू के लिए गुजरात में प्रचार करेंगे और मोदी के खिलाफ वोट मांगेंगे। नीतीश के साथ पार्टी अध्यक्ष और एनडीए संयोजक शरद यादव भी जेडीयू की ओर से प्रचार करेंगे। गुजरात में जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछले कुछ महीनों से नीतीश और मोदी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। दोनों एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं। कुछ दिन पहले मोदी ने नीतीश का नाम लिए बगैर उनपर जातिवादी होने का आरोप लगाया था तो नीतीश कई बार परोक्ष रूप से उनपर सांप्रदायिक होने का आरोप लगा चुके हैं। मोदी को निशाना बनाते हुए नीतीश कई बार यह कह चुके हैं कि एनडीए की तरफ से 2014 के चुनावों में पीएम का उम्मीदवार सेक्युलर छवि का होना चाहिए। पिछली बार बिहार में जब चुनाव हुए थे तब नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को राज्य में चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं आने दिया था। तब बीजेपी उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बिहार बुलाना चाहती थी।

कोयला आवंटन पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

नई दिल्ली: कोयला आवंटन पर सोमवार को अंतर मंत्रालीय समूह अपनी रिपोर्ट कोयला मंत्रालय को सौंपेगा। इसके बाद यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी जाएगी। इस पैनल ने कोल आवंटन में बरती गई कोताही के बीच कुछ कंपनियों के आवंटन रद करने की भी सिफारिश की थी। कोN आवंटन घोटाले के दौरान यह बात सामने आई थी कि आवंटन कई नेताओं और उनकी कंपनियों को दिए गए, जिनके लिए नियमों को ताक पर रखा गया। इस संबंध में कोयला मंत्रालय भी जवाब देने की तैयारी में है। आईएमजी ने इस दौरान टाटा स्टील, रिलांयस पावर, जेएसडब्ल्यू, ग्रासिम कंपनी, केसोराम कंपनी, आईएसटी स्टील एंड पावर, एसकेएस इस्पात एंड पावर, बिहार स्पोंज से जवाब मांगा और पूछताछ की। आईएमजी अपनी रिपोर्ट सोमवार को कोयला मंत्रालय को सौंपेगी, जिसके बाद यह पंद्रह सितंबर से पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सौंपी जाएगी। 

Friday, September 7, 2012

प्रधानमंत्री ने संसद नहीं चलने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया


नई दिल्ली: आज अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई संसद. तेरह दिन से कोयला घोटाले पर हंगामे की वजह से संसद में काम नहीं हो पा रहा था. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद नहीं चलने के लिए विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जनता सोचे कि क्या लोकतंत्र का यही रास्ता है?प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि उनके दिल में सीएजी के लिए सम्मान है और संसद के गतिरोध के लिए बीजेपी जिम्मेदार हैं. बकौल प्रधानमंत्री विपक्ष ने संसदीय लोकतंत्र के बने बनाए मानदंडों को पूरी तरह से नकारा है.शुक्रवार को राज्यसभा और लोकसभा के अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित किए जाने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मनमोहन सिंह ने कहा, "हमारे दिल में सीएजी जैसी संस्था के लिए बहुत ही सम्मान है. अगर हम सीएजी का सम्मान करते हैं तो उसके नतीजों पर पीएसी और संसद के पटल पर चर्चा करनी चाहिए."विपक्ष पर हमला करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "यह पूरी तरह से लोकतंत्र को नकारना है, अगर संसद के बाधित करने की सोच को आगे बढ़ने का मौका दिया तो यह संसदीय लोकतंत्र के मानदडों का उल्लंघन होगा."प्रधानमंत्री का कहना था कि देश के सामने कई बड़ी समस्याएं खड़ी हैं और संसद को इस मुद्दे पर बहस करनी चाहिए, लेकिन संसद को इन मुद्दों पर बहस करने का मौका नहीं दिया गया.प्रधानमंत्री का कहना था, "संसद वह फोरम है जहां सांसद जनता की जरूरतों पर चर्चा करते हैं, लेकिन इसे पूरी तरह से शक्तिहीन कर दिया गया. मैं देश की जनता से गुजारिश करता हूं कि वह सोचे कि क्या लोतकतंत्र के लिए यह सही तरीका है."उन्होंने आगे कहा, "सभी सही सोच रखने वाले लोग खड़े हों और एकमत से कहें कि संसद को चलने दिया जाए." ग़ौरतलब है कि सीएजी ने संसद के मॉसून सत्र में ही कोयला ब्लॉक आवंटन पर अपनी रिपोर्ट पेश की थी और कहा कि आवंटन में पारदर्शिता नहीं बरतने से सरकारी खजाने को करीब 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है. विपक्ष इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है, हालांकि सरकार इस मुद्दे पर संसद में चर्चा के लिए तैयार थी.

शाहरुख़ खान ने कश्मीर में फिल्म बनाए कि सलाह दी

कश्मीर की खूबसूरत वादियों में नौ दिन के शूटिंग कार्यक्रम के बाद शाहरूख खान ने उम्मीद जताई है कि बॉलीवुड के फिल्मकार इस सुंदर जगह पर फिल्में बनाने की शुरूआत दोबारा करेंगे।शाहरूख ने कहा कि वे इतने बड़े तो नहीं कि कश्मीर की ओर लोगों को दोबारा आकर्षित कर सकें लेकिन उम्मीद करते हैं कि जल्द ही फिल्मकार इस खूबसूरत जगह पर फिल्में बनाने के लिए लौटेंगे कश्मीर की शाहरूख की यह पहली यात्रा है। उन्होंने बताया कि उनकी दादी कश्मीर से ही थीं और उनके पिता उन्हें यहां लाने के लिए बहुत उत्सुक थे। शाहरूख ने कहा कि मेरे पिता का निधन उस समय हो गया था जब मैं सिर्फ 15 साल का था। आज उनके बिना यहां आने पर मैं थोड़ा दुखी भी हूं। यहां के लोग मेरे लिए बहुत दयालु और धैर्यवान रहे हैं।उन्होंने कहा कि 90 के दशक में आतंकवाद शुरू होने से पहले फिल्मकार यहां बड़ी संख्या में आते थे। मुझे उम्मीद है कि और फिल्मकार इस वादी में आएंगे शाहरूख यश चोपड़ा की एक अनाम फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में नौ दिन तक कश्मीर में थे। शाहरूख ने यकीन के साथ कहा कि दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के लोग इस फिल्म को देखने के बाद घाटी में आएंगे।उन्होंने कहा कि मैं बहुत बड़ा नहीं लेकिन जब लोग किसी बड़े बैनर की फिल्म और उससे जुड़े बड़े नाम देखेंगे तो वे यहां जरूर आएंगे। मुझे ऐसी ही उम्मीद है। बॉलीवुड की फिल्मों में कश्मीर की नकारात्मक छवि दर्शाने के सवाल पर शाहरूख ने कहा कि इस मसले से जुड़ा कोई भी नजरिया भौगोलिक, विचारधारा से जुड़ा और राजनैतिक है। इस मसले पर मेरी जानकारी ज्यादा नहीं है इसलिए मैं इस पर कुछ नहीं कहूंगा। बड़ा मसला यह है कि लोग बिना जाने भी चीजों पर बोलने लगते हैं।उन्होंने कहा कि फिल्मकार ही यह तय करता है कि वह अपनी फिल्म की कहानी के जरिए क्या संदेश देना चाहता है। एक सवाल के जवाब में शाहरूख ने कहा कि कुछ मसलों विशेष पर फिल्म बनाने से समाज नहीं बदला जा सकता। फिल्में वही दर्शाती हैं जो समाज में हो रहा है।कुछ फिल्मों में मुसलमानों की नकारात्मक छवि दर्शाने के बारे में शाहरूख ने कहा कि उनकी फिल्म 'माई नेम इज खान' इस्लाम और दुनिया भर के मुसलमानों के बारे में मौजूद गलतफहमियों को हटाने की कोशिश थी।

शाहरूख ने कहा कि हमारे समुदाय के कुछ लोग हैं जो गलत काम करते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इस्लाम और समूचा मुस्लिम समुदाय ही गलत हैं। शाहरूख के अनुसार यश चोपड़ा की यह फिल्म शाश्वत प्रेम के बारे में है। इस फिल्म का नाम अभी तय नहीं हुआ है। फिल्म बनाने के लिए यश चोपड़ा लगभग तीन दशक के बाद कश्मीर की वादियों में लौटे हैं। इससे पहले वे 'कभी कभी' और 'सिलसिला' की शूटिंग यहां कर चुके हैं।

मानसून सत्र में मात्र पचीस फीसदी ही काम हुआ


नई दिल्ली। मानसून सत्र का आज आखिरी दिन था लेकिन लोकसभा और राज्यसभा आज भी नहीं चल सकीं। हो हल्ले के चलते इस मानसून सत्र में सिर्फ 25 फीसदी ही काम हो सका। दोनों सदनों को बार-बार स्थगित करना पड़ा। सत्र के आखिरी दिन पक्ष और विपक्ष दोनों सदन न चलने देने के लिए एक दूसरे पर आरोप लगाते नजर आए।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज ने सत्र के अंतिम दिन कहा कि अभी तक हमने कोल आवंटन के मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बाधित की थी। लेकिन शुकवार को गांधी प्रतिमा के सामने हमने यह संकल्प लिया है कि हमारा यह आंदोलन संसद से सड़क की ओर जाएगा। दूसरी ओर जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि कुछ बयान आए हैं कि विशेष सत्र बुलाया जाए। मैं इसका विरोध करता हूं। पहले कोयला घोटाला मामले का समाधान निकले उसके बाद ही कुछ हो सकता है।
दूसरी ओर संसदीय कार्य राज्य मंत्री पवन बंसल ने संसद के विशेष सत्र पर कहा कि अभी कोई ऐसा प्रस्ताव नहीं है। अगर सब यह वादा करें कि बहुत से बिल पेंडिंग पड़े हैं, जिनको पास करना ज़रूरी हैं और अब हम शोर नहीं करेंगे तब विशेष सत्र के बारे में सोचा जा सकता है।
हंगामे में गुम हुआ मानसून सत्र, हुआ सिर्फ 25 फीसदी काम
मालूम हो कि मानसून सत्र में संसद की कार्यवाही ना के बराबर रही। संसद के दोनों सदनों में कोल आवंटन पर जमकर हंगामा हुआ। बीजेपी पूरे वक्त इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग करती रही। बीजेपी ने जहां प्रधानमंत्री पर निशाना साधा तो वहीं कांग्रेस ने बीजेपी शासित मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ राज्यों के मुख्यमंत्रियों कोयला आवंटन मामले में बोली प्रक्रिया का विरोध करने का आरोप लगाया। इसी बीच सरकार ने संसद में प्रमोशन में आरक्षण बिल पेश किया, बिल पेश होने पर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। नौबत तो यहां तक आ गई थी कि राज्यसभा में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के सांसद आपस में भिड़ गए।
अगर आंकड़ो पर गौर करें तो संसद की एक दिन की कार्यवाही पर एक करोड़ सात लाख का खर्चा आता है। जिसमें छत्तीस हजार हर मिनट, इक्कीस लाख हर घंटा और एक करोड़ सात लाख का खर्चा तब आता है जब संसद में पूरे दिन काम नहीं होता है। इस बार का मानसून सत्र आठ अगस्त से शुरू होकर 7 सितंबर तक था। पूरे सत्र में 75 फीसदी काम नहीं हुआ। सरकार की मानसूत्र सत्र में कोशिश थी कि इस सत्र में 15 नए बिल आए लेकिन इस सत्र में सिर्फ 4 बिल ही पेश हो पाए जबकि 100 से बिल पेंडिग पड़े हुए हैं।

दिल्ली की पहली इलेक्ट्रिक रिक्शा चालक बनी कोहनूर


 दो बच्चों का लालन-पालन अकेले करने वाली एक मां गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पहली इलेक्ट्रिक रिक्शा चालक बन गई। केंद्रीय नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा मंत्री फारूक अब्दुल्ला से यहां कार्बन मुक्त तिपहिया वाहन हासिल करने वाली 33 साल की कोहिनूर ने कहा कि मुझे इससे अधिक खुशी कभी नहीं हुई।
कोहिनूर एक स्कूल में नौकरानी के तौर पर काम कर रही थी, जहां से उसे 5,000 रुपये मिलते थे। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अब मैं इससे दोगुना कमा पाऊंगी। इस वक्त मालवीय नगर मेट्रो स्टेशन और साकेत में सेलेक्ट सिटी वाक मॉल के बीच 12 ई-रिक्शा चलते हैं, जिनके सभी चालक पुरुष हैं। केवल कोहिनूर ही एकमात्र महिला चालक हैं।
कोहिनूर बनीं पहली महिला इलेक्ट्रॉनिक रिक्शा चालक
इस अवसर पर अब्दुल्ला ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ रही कीमत को देखते हुए इसकी बहुत आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि कोहिनूर की तरह और भी बहुत सी महिला ई-रिक्शा चलाना सीखेंगी, जिससे उन्हें घर का खर्च चलाने और अपने बच्चों को शिक्षा देने में मदद मिलेगी। कोहिनूर ने कहा कि इसे चलाना आसान है। मैं यह सिर्फ दो दिन में ही सीख गई।
वह जामिया एक्सटेंशन और जामिया मिलिया इस्लामिया के बीच तीन किलोमीटर ई-रिक्शा चलाएगी। इसके लिए वह प्रति यात्री किराया 10 रुपये लेगी। रिक्शा दो यात्रियों को बैठा सकता है और इसकी गति 20 किलोमीटर प्रति घंटा होगी। चालक को इसके लिए लाइसेंस की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि इसकी रफ्तार 25 किलोमीटर प्रति घंटे से कम होगी। गौरतलब है कि कोहिनूर व अन्य महिलाओं को 'उम्मीद की रिक्शा' योजना के तहत ये ई-रिक्शा दिए गए।

पेट्रोल के दामों में कोई वृद्धि नही.- रेड्डी

केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी ने कहा कि अभी पेट्रोल के दामों में कोई वृद्धि नहीं की जाएगी. इससे पहले यह माना जा रहा था कि पेट्रोल के दामों में शुक्रवार देर रात से करीब 5 रुपये तक की वृद्धि की जाएगी.अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में, घरेलू पेट्रोलियम कंपनियों को रोजाना 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ रहा है। घाटे के इसी दबाव के चलते तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम के दाम में इजाफा चाहती हैं। लेकिन, पेट्रोलियम मंत्री ने कह दिया है कि इस बारे में तत्काल कोई योजना नहीं है।सूत्रों ने जानकारी दी थी, 'पेट्रोलियम प्रॉडक्ट के दाम बढ़ाने के लिए प्रस्ताव तैयार हो चुका है। डीजल, रसोई गैस और केरोसीन के दाम बढ़ाने के लिए जल्द ही कैबिनेट बुलाई जाएगी।'

कोयला ब्लॉक आवंटन पर सरकार पीएसी में पक्ष रखेगी


कोयला ब्लॉक आवंटन पर जारी शोर-शराबे के बीच सरकार संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) के समक्ष 14 सितंबर तक अपने विचार रखेगी।कोयला मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने बताया, 'कोयला मंत्रालय कोयला ब्लॉकों के आवंटन पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के दृष्टिकोण के बारे में पीएसी के समक्ष 14 सितंबर तक अपने विचार पेश करेगा। ' भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी की अध्यक्षता वाली लोक लेखा समिति ने कैग की तीन अन्य ताजा रिपोर्टों के साथ ही कोयला ब्लॉक आवंटन पर कैग की रिपोर्ट की समीक्षा करने का फैसला किया है। मंत्रालय द्वारा संसदीय समिति के सामने यह दलील दिए जाने की संभावना है कि सरकारी अंकेक्षक कैग द्वारा अनुमानों को उस तरह से पेश नहीं किया जाना चाहिए था जिस तरह से पेश किया गया है।  कैग ने अपनी रिपोर्ट में कोयला ब्लॉकों का बगैर नीलामी के आवंटन कर निजी क्षेत्र की कंपनियों को 1.86 लाख करोड़ रुपये का अनुचित लाभ पहुंचाने का अनुमान जाहिर किया गया है। कोयला पर कैग की रिपोर्ट को लेकर संसद के भीतर भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव की स्थिति का असर लोक लेखा समिति की बैठकों में भी दिखाई पडऩे के आसार हैं।

विदेश मंत्री एसएम कृष्‍णा की पाकिस्‍तान यात्रा

 भारतीय विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा अपनी पाकिस्तानी समकक्ष हिना रब्बानी खार से मुलाकात के लिए आज इस्लामाबाद रवाना होने वाले हैं। कृष्णा की तीन दिवसीय पाकिस्तान यात्रा आज से शुरू हो रही है। भारत के विदेश सचिव रंजन मथाई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी की वार्ता शुक्रवार को ही होगी, जबकि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक शनिवार को होगी। वार्ता में वीजा नियमों पर चर्चा शीर्ष एजेंडे में शामिल होने की उम्मीद है। हालांकि दोनों पक्षों ने अभी इस पर सहमति नहीं दी है। पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने कहा है कि विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा की पाकिस्तान यात्रा में वीजा प्रणाली उदार बनाने संबंधी अहम और व्यावहारिक फैसले लिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कराची में भारतीय वाणिज्य दूतावास का कार्यालय खोले जाने का स्वागत करेगा।इस यात्रा को लेकर भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद, खासकर 26/11 मुम्बई आतंकवादी हमला दोनों पक्षों के बीच वार्ता का `महत्वपूर्ण मुद्दा` होगा। कृष्णा ने यात्रा से पूर्व पाकिस्तान को इस बात के लिए भी आगाह किया है कि 26/11 जैसे और हमले हुए तो पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।दोनों पक्षों की वार्ता में जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा की सम्भावना है, उनमें विश्वास बहाली के उपाय तथा कैदियों की रिहाई और व्यापार एवं सीमा से सम्बंधित मुद्दे भी शामिल हैं। पाकिस्तान के साथ वार्ता में भारत उस फर्जी एसएमएस के मुद्दे को भी उठा सकता है, जिसके कारण बेंगलुरु तथा अन्य शहरों से बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन हुआ।इस यात्रा से उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर भारतीय विदेश मंत्री कृष्णा ने कहा, `भारत और पाकिस्तान के बीच लंबित मुद्दों को आतंक और हिंसा मुक्त माहौल में वार्ता के जरिए हल करने के लिए मैं अपने साथ सरकार और भारत के लोगों के गंभीर इरादों के संदेश को लेकर जाऊंगा।` विदेश मंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि तेहरान में गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की मुलाकात ने सही तरह की पृष्ठभूमि तैयार की है। वर्ष 2010 के बाद कृष्णा की पाकिस्तान की यह दूसरी यात्रा होगी।
भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्‍णा की पाकिस्‍तान यात्रा से पहले, पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी खार ने कहा है कि भारत से बेहतर संबंध बनाने और द्विपक्षीय मुद्दे सुलझाने के लिए ही यह कदम उठाया गया हैं। भारत को तरजीही देश का दर्जा देने की घोषणा ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को सामान्‍य करने के लिए एक नई गति दी है। दोनों ही विदेश मंत्री मंत्री भारत-पाकिस्तान संयुक्त आयोग की एक बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। आयोग ने 2006 और 2007 में बैठकें की थीं। गौरतलब है कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद दो साल के अंतराल पर भारत और पाकिस्तान ने पिछले साल अपनी शांति प्रक्रिया को बहाल किया था। 

अन्ना हजारे और अरविंद केजरीवाल के बीच मतभेद गहराए

 गांधीवादी व सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और इंडिया अगेंस्ट करप्शन के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल के बीच राजनीतिक पार्टी बनाने के विकल्प को लेकर मतभेद गहरा गए हैं। अन्ना ने कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी अगर चुनाव लड़ते हैं तो वह उनके लिए प्रचार नहीं करेंगे। अन्ना आंदोलन के जरिए सिर्फ जनता को जगाने के पक्ष में हैं, जिससे जनता योग्य उम्मीदवारों को चुनकर संसद और राज्यों की विधानसभाओं में भेज सके।भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चला रहे अन्ना हजारे ने गुरुवार को अपनी छह सूत्री रणनीति की घोषणा की। अन्ना के इस ऐलान को आगामी 2 अक्तूबर को नई पार्टी की स्थापना कर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ने की योजना बना रही टीम केजरीवाल के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। केजरीवाल ने फिलहाल इस पर प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया है। अन्ना की छह सूत्री रणनीति में साफ छवि के प्रत्याशियों के पक्ष में मतदान, प्रत्याशी खारिज करने का अधिकार पाने के लिए दबाव बनाना पहली प्राथमिकता है। ग्राम सभाओं के अधिकार बढ़ाने, सिटीजन चार्टर, सरकारी कामकाज में लेटलतीफी खत्म करने और पुलिस को लोकपाल या लोकायुक्त के मातहत लाने पर भी उनका जोर रहेगा।दरअसल अन्ना जंतर-मंतर पर आंदोलन खत्म होने के बाद से ही विरोधाभासी बयान देते आ रहे हैं। लेकिन गुरुवार को जारी अपने बयान में अन्ना हजारे ने साफ तौर पर राजनीतिक पार्टी बनाने और चुनाव लड़ने का विरोध किया है। कोल ब्लॉक आवंटन पर अरविंद केजरीवाल के घेराव आंदोलन पर किरण बेदी और अरविंद केजरीवाल के बीच मतभेद उभरकर सामने भी आ गए। अन्ना ने भी माना है कि दोनों में इस बात पर मतभेद हैं। 

राजनीतिक पार्टी बनाने के सवाल पर टीम अन्ना में गहरे मतभेद हैं। यहां तक कि अन्ना भी इसके लिए खुद को दिल से तैयार नहीं कर पाए हैं। जंतर-मंतर के मंच से राजनीति विकल्प की बात कहने वाले अन्ना अब पार्टी बनाने के खिलाफ बयान दे रहे हैं। यही नहीं, उनका साफ कहना है कि टीम अरविंद अगर चुनाव लड़ती है तो वो उसके लिए प्रचार भी नहीं करेंगे। अन्ना आंदोलन के जरिए सिर्फ जनता को जगाने के पक्ष में हैं। जिससे जनता योग्य उम्मीदवारों को चुनकर संसद और विधानसभाओं में भेज सके।वहीं अन्ना के सहयोगी संजय सिंह ने कहा कि अन्ना के ताजा बयान से भ्रम की स्थिति पैदा होती है। जबकि मयंक गांधी का कहना है कि खुद अन्ना ने महीने भर पहले पार्टी बनाने की बात पर सहमति दी थी, अब ऐसा क्या हो गया कि वे अपने फैसले को बदल रहे हैं।

Thursday, September 6, 2012

उद्धव ने कहा -किताब वाले दूसरे ठाकरे

ठाकरे परिवार के बिहार कनेक्‍शन (मूलत: जुड़ाव) पर सियासी घमासान छिड़ गया है। शिवसेना के कार्यकारी अध्‍यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को बिहार से अपने परिवार के जुड़ाव को खारिज करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है। उद्धव ने कहा दिग्विजय सिंह का दिमाग खराब हो गया है। किताब में ठाकरे परिवार के बारे में कुछ भी नहीं है। इसमें मराठी समाज के बारे में जिक्र किया गया है।उद्धव के मुताबिक, उनके दादाजी ने जो कुछ भी लिखा है वो किसी दूसरे ठाकरे परिवार के बारे में लिखा है और दिग्विजय सिंह वोटों की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय पागल हैं, उसके कहने पर मत जाओ। मेरे दादा ने जो लिखा है वो समाज के बारे में लिखा है। दिग्विजय को इतिहास की समझ नहीं है। उसमें हमारे बारे में ये सब नहीं लिखा गया है।दिग्विजय के बयान पर उद्धव ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिग्विजय ने वोटों की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें हमारे से पहले अपनों के बारे में जानकारी जुटानी चाहिए। उद्धव ने कहा कि उनके पूर्वज नासिक के पास धोड़प किले में किलेदार थे। उन्होंने कहा कि किताब में ठाकरे उपनाम के बारे में लिखा है न कि उनके परिवार के बारे में।
गौरतलब है कि काग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने बुधवार को ठाकरे परिवार का बिहार का होने के सबूत वह किताब मीडिया के सामने पेश की थी जो उद्धव के दादा प्रबोधंकर ठाकरे ने लिखी थी। यह पुस्तक बीजेपी-शिवसेना सरकार के दौरान छापी गई थी। गौर हो कि दिग्विजय सिंह ने एक किताब का हवाला देते हुए कहा है कि ठाकरे परिवार का मगध (बिहार) से रिश्‍ता है। उन्‍होंने बाल ठाकरे के पिता की किताब का भी हवाला भी दिया। गौर हो कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस बात का सबूत पेश किया है कि राज ठाकरे का परिवार बिहार से ताल्लुक रखता है। ठाकरे परिवार को बिहार से आया हुआ बताकर वह पहले ही सियासी माहौल गर्मा चुके हैं और अब उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए वह किताब सामने ला दी है जो खुद बीजेपी-शिवसेना के राज में छापी गई थी।दिग्विजय ने कहा कि मनोहर जोशी के मुख्यमंत्री रहते हुए महाराष्ट्र सरकार ने प्रबोधंकर ठाकरे का समग्र वांग्मय कांड छापा था। प्रबोधंकर राज ठाकरे के दादा थे। इस किताब में ठाकरे परिवार के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया गया है। उन्होंने दावा किया कि इस किताब के एक पेज पर लिखा है कि ठाकरे परिवार मगध यानी बिहार से भोपाल गया, वहां से चित्तौड़गढ़ और वहां से पुणे के मांधवगढ़ चला आया। दिग्विजय ने कहा कि यह किताब मेरे पास पहले से थी। इसी किताब के आधार पर मैंने कहा था कि ठाकरे का पूरा परिवार बिहार से है। दिग्विजय ने इस किताब का खुलासा करते हुए राज ठाकरे को नसीहत दी कि उन्हें अपने बिहार से होने पर गर्व करना चाहिए और नफरत की बजाय सौहार्द फैलाना चाहिए। 

Wednesday, September 5, 2012

भारतीय सीमा में घुसपैठ जवान को अपनी जान गंवानी पड़ी।.


जम्मू एवं कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में मंगलवार रात भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे सशस्त्र आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया और एक जवान को भी अपनी जान गंवानी पड़ी। सेना के एक अधिकारी ने यहां यह जानकारी दी।सेना की श्रीनगर स्थित 15वीं कोर के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल जे. एस. बरार ने बुधवार को बताया, 'तंगधार सेक्टर में नियंत्रण रेखा [एलओसी] पर भारतीय सीमा में प्रवेश की कोशिश कर रहे सशस्त्र आतंकवादियों के एक समूह को सेना ने चुनौती दी थी।'उन्होंने बताया, 'घुसपैठियों ने स्वचालित हथियारों से जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी। दोनों ओर से हुई गोलीबारी में एक आतंकी मारा गया और एक जवान की मौत हो गई।' उन्होंने बताया, 'घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी गई क्योंकि शेष घुसपैठिए पीछे लौट गए।'जम्मू एवं कश्मीर में सर्दियों में भारी हिमपात के चलते पहाड़ी रास्ते बंद होने से पहले पतझड़ के मौसम में आतंकवादियों की ओर से घुसपैठ की कोशिशें बढ़ जाती है। नब्बे के दशक की शुरुआत में राज्य में अलगाववादी हिंसा होने के बाद से ही ऐसा देखा जा रहा है।

महाराष्ट्र के शिक्षामंत्री राजेन्द्र दर्डा इस्तीफा देंगे

कोल आवंटन मामले में फंसे महाराष्ट्र के शिक्षामंत्री राजेन्द्र दर्डा जल्द ही इस्तीफा देंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने उन पर कार्रवाई करने का फैसला किया है। गौरतलब है कि राजेंद्र के खिलाफ कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। राजेंद्र दर्डा कांग्रेसी सांसद विजय दर्डा के भाई हैं और विजय के खिलाफ भी इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई है

गुरु गोविंद दोहू खड़े काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय

गुरु गोविंद दोहू खड़े काके लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय' असली मर्म ऐसे ही गुरुओं को समर्पित है।शिक्षक हर व्यक्ति के जीवन में वह इंसान है, जो हमेशा एक पथ प्रदर्शक की भूमिका निभाता है। वह अपने शिष्य को ऐसे संस्कार और संबल देता है, जिससे जीवन में आने वाले कठिन से कठिन हालात में भी उसका विश्वास नहीं डगमगाता। संत कबीर ने गुरु की महिमा का बखान करते हुए कहा है, "गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके 
लागू पाय, बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताय।" गुरु हमेशा से सम्मान के पात्र रहे हैं।
आज देश भर में ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जा रहा है। आधुनिक भारत में गुरुओं को सम्मान देने के लिए विशेष दिवस चुना गया है जिसे ‘शिक्षक दिवस’ के रूप में मनाया जाता है और इसे भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान स्वरूप मनाय जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन को आधुनिक भारत के महान शिक्षकों में से एक माना जाता है।
शिक्षक दिवस वैसे तो पूरे विश्व में मनाया जाता है लेकिन अलग-अलग तिथियों को। भारत में यह दिवस पूर्व राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पांच सितम्बर को मनाया जाता है। देश में शिक्षक दिवस मनाने की परम्परा तब शुरू हुई जब डॉ. राधाकृष्णन 1962 में राष्ट्रपति बने और उनके छात्रों एवं मित्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की उनसे अनुमति मांगी। स्वयं 40वर्षों तक शिक्षण कार्य कर चुके राधाकृष्णन ने कहा कि ‘अनुमति तभी मिलेगी जब केवल मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय देशभर के शिक्षकों का दिवस आयोजित करें।’ उसके बाद से प्रत्येक वर्ष ‘शिक्षक दिवस’ मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस विभिन्न देशों में अलग-अलग तिथि को मनाया जाता है। पड़ोसी देश पाकिस्तान और रूस में पांच अक्टूबर, चीन में 10 सितम्बर, अमेरिका में छह मई, ईरान में दो मई, सीरिया, मिस्र, लीबिया और मोरक्को में 28 फरवरी, थाईलैंड में 16 जनवरी, इंडोनेशिया में 25 नवम्बर तथा दुनिया के अधिकांश देशों में पांच अक्टूबर को शिक्षक दिवस मनाने की परम्परा है।

Tuesday, September 4, 2012

दलितों को प्रमोशन में आरक्षण पर कैबिनेट की मंजूरी


 कैबिनेट ने रिजर्वेशन इन प्रमोशन बिल को हरी झंडी दे दी है। इस बिल को सर्वदलीय बैठक में मुलायम सिंह यादव ने विरोध किया था, जबकि मायावती ने इस बिल का समर्थन किया था। लेकिन आज कैबिनेट ने इसे हरी झंडी दे दी है। सरकार कल या परसों संसद के पटल पर इस बिल को रख सकती है। बीजेपी ने भी इस बिल का स्वागत किया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कैबिनेट में इस बिल को हरी झंडी मिलने से खुशी जाहिर की है। मायावती ने एनडीए के घटक दलों से अपील की है कि वो संसद में इसके पक्ष में वोटिंग करें। साथ ही माया ने अपील है कि बीजेपी कोयले घोटाले मामले में जो रुख हो वो उनका अधिकार है, लेकिन इस बिल को संसद में समर्थन करें ताकि दलितों को अपना हक मिल सके।गौरतलब है कि इसी साल सर्वोच्च न्यायालय ने सरकारी नौकरियों की पदोन्नति में अनुसूचित जाति एवं जनजाति के कर्मियों के लिए आरक्षण लाभ को निरस्त कर दिया है। सरकारी नौकरियों में पदोन्नति आरक्षण का लाभ उत्तर प्रदेश में पूर्व की बहुजन समाज पार्टी सरकार ने दिया था। न्यायालय के फैसले के बाद बसपा ने सरकारी नौकरियों में एससी एवं एसटी कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण देने के वास्ते संविधान में संशोधन करने की मांग की है। जबकि उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) चाहती है कि पदोन्नति में आरक्षण का यह लाभ अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) को भी मिले। पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा कि कोयला घोटाले से ध्यान हटाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।जबकि एसपी नेता मोहन सिंह ने कहा कि हम भी भी इसका विरोध करेंगे। हम इसके बिल्कुल पक्ष में नहीं है। वहीं राम गोपाल यादव ने कहा कि सरकार कोयला घोटाले से ध्यान भटकाने के लिए ये हथकंडे अपना रही है।बीजेपी ने भी इस बिल का स्वागत किया हैसंविधान संशोधन बिल के जरिए सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलटना चाहती है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश सरकार की नौकरियों में प्रमोशन में एससी-एसटी को आरक्षण देने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। इसके बाद से ही बीएसपी के अलावा कई दलों के एससी/एसटी वर्ग के सांसदों ने प्रमोशन में आरक्षण को बहाल करने के लिए सियासी गोलबंदी शुरू की थी। सरकार अनुच्छेद 16(4) से 'पर्याप्त प्रतिनिधित्व' और 355 से 'प्रशासन की कार्यक्षमता बनाए रखने' शब्द हटाने के लिए संविधान में संशोधन करना चाह रही है। यह शब्द सरकारों पर कोटे का औचित्य स्पष्ट करने की जिम्मेदारी डालते हैं।