
नाटो व पाकिस्तानी सेना के बीच पिछले सात महीने से कोई वार्ता नहीं हुई थी। पाकिस्तानी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकवाद और अफगानिस्तान का भविष्य बैठक का प्रमुख एजेंडा रहा। संयुक्त वक्तव्य में कियानी ने कहा कि दोनों देशों के संबंधों का आधार एक-दूसरे प्रति सम्मान है। बृहस्पतिवार को जो भी बातचीत हुई, उससे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में और उसके लिए चलाए जाने वाले अभियानों में बड़ी मदद मिलेगी। दूसरी ओर, जॉन एलन ने कहा, मुझे खुशी है कि हम लोग साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं। इससे क्षेत्र में सुरक्षा व समृद्धि स्थापित करने में मदद मिलेगी। इस बैठक को हम सैन्य साझेदारी बढ़ाने की दिशा में एक और अवसर के रूप में देख रहे हैं। बैठक में अफगानिस्तान की सरजमीं से पाकिस्तान पर हो रहे हमलों का भी मुद्दा उठा। पाकिस्तान पिछले कुछ महीनों से अफगान और नाटो सेना पर दबाव बना रहा है कि अफगानिस्तान में तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के लड़ाकों का खात्मा किया जाए। दूसरी ओर, नाटो सेना पाकिस्तान पर हक्कानी गुट के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कह रही है।
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