Thursday, August 23, 2012

इंदौर की आईजी अनुराधा शंकर कि लापरवाही

इंदौर पुलिस की घोर लापरवाही और अमानवीयता का मुद्दा उठने के बाद गृह मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। आईजी अनुराधा शंकर का कहना है कि डीआईजी श्री मनोहर जांच कर रिपोर्ट देंगे। लापरवाही साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी। अब तक जो प्रमाण मिले हैं, उनमें लापरवाही नहीं दिख रही। पुलिस की लापरवाही का वीडियो फुटेज देखने के बावजूद उस पर पर्दा डाला जा रहा है। उधर, डीआईजी ने बताया कि मौके पर मौजूद लोग, मृतक, उसके परिजन, थाने वालों, 108 के स्टाफ की कॉल डिटेल निकाली गई है। गुरुवार शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। राजेंद्रनगर थाना..पुलिस वालों और लोगों का हुजूम..एक गंभीर घायल युवक को उसका छोटा भाई गोद मे लिए बैठा था। कराहते भैया को देख वह बेबस कभी पुलिस वालों से तो कभी लोगों से गुहार करता - जल्दी से इसे अस्पताल पहुंचा दो..वरना यह मर जाएगा। लेकिन पुलिस तरह-तरह के सवाल पूछती रही और लोग तमाशा देखते रहे।प्रत्यक्षदर्शियों में से कुछ ने पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड की थी, जिसकी क्लिपिंग डीआईजी ए. साईं मनोहर को बुधवार को सौंपी गई। उसे देखने पर पता चला रवि को उसका भाई नानू गोद में लिए थाना परिसर में बैठा था। एक दर्जन से ज्यादा लोग उसे दिलासा दे रहे थे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। रवि को सबसे पहले अटैंड करने वाली एमवाय अस्पताल की सीएमओ डॉ. इंदिरा नारंग ने बताया उसके फेफड़ों में चाकू लगा था और नस कटने के कारण अंदर ही खून जमा होता रहा। समय पर लाया जाता तो उसे बचाया जा सकता था। इस लापरवाही के लिए राजेंद्रनगर थाने के पुलिसकर्मी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं, जो मामले को साधारण समझकर टालमटोल करते रहे।थाने के बाहर एम्बुलेंस 108 थी लेकिन उसमें न तो स्टाफ था और न ही ड्राइवर। मान-मनौव्वल के बावजूद पुलिसकर्मी थाने में चहल-कदमी करते रहे। करीब आधे घंटे यही लेतलाली चली, फिर रवि को एम्बुलेंस में ले जाया गया। एम्बुलेंस के डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज शुरू किया लेकिन उसे तत्काल रवाना करने के बजाय थाने के जवान उससे नाम, मोबाइल नंबर आदि जानकारी नोट करते रहे। इस बीच नानू कहता रहा कि देर हो रही है। 10 कदम दूर ही 108 एम्बुलेंस खड़ी थी लेकिन उसके कर्मचारी नदारद थे। आधे घंटे के बाद बड़ी मुश्किल से उसे अस्पताल ले जाया गया..लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। युवक ने दम तोड़ दिया। लापरवाही और अमानवीयता की इंतहा..मगर पुलिस अधिकारी अब भी तकरें का सहारा लेकर बचने-बचाने की कोशिश कर रहे हैं। घटना यह है कि राजेंद्रनगर क्षेत्र के आनंदनगर में मंगलवार को चार हमलावरों ने घर के बाहर खड़े दो दोस्तों पर चाकू से हमला कर दिया। घायलों को लेकर परिजन थाने पहुंचे, लेकिन वहां किसी पुलिसकर्मी ने ध्यान नहीं दिया। गंभीर घायल रवि पिता सुरेश दांगी (18) जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां के डॉक्टरों ने उसे ठीक से देखा भी नहीं और एमवायएच रैफर कर दिया। इसमें करीब डेढ़ घंटा बीत गया और अंतत: रवि की सांसें थम गईं। डॉक्टरों का कहना है कि उसे समय रहते इलाज मिल जाता तो जान बच जाती। पुलिस की इस लापरवाही पर अब अफसर कार्रवाई की लीपापोती का हवाला दे रहे हैं।

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