नई दिल्ली: मंगलवार को देश का आधा हिस्सा दोपहर से लेकर रात तक अंधेरे में रहा. बिजली तो आ गई है लेकिन कई सवालों के जवाब नहीं मिले हैं. कल जब देश के इक्कीस राज्यों में सत्तर करोड़ लोगों को बिजली नहीं मिल रही थी तभी खबर आई कि बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे को गृह मंत्री बना दिया गया है और गृह मंत्री चिदंबरम को वित्त मंत्री बना दिया गया. सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या शिंदे को देश को अंधेरे में रखने का इनाम दिया गया है? हो सकता है कि शिंदे और चिदंबरम बुधवार को अपने अपने नए मंत्रालय का काम संभाल लें. फिलहाल सरकार ने बिजली मंत्रालय का जिम्मा कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली को दिया है. 29 जुलाई को नार्दर्न ग्रिड फेल होने के सदमे से उत्तर भारत उबर ही रहा था कि मंगलवार को आधे हिंदुस्तान को लगा सबसे बड़ा झटका. दोपहर 1 बजे के करीब देश के 19 राज्यों की बत्ती अचानक गुल हो गई . नार्दर्न ग्रिड, ईस्टर्न ग्रिड और नॉर्थ-ईस्टर्न ग्रिड से एक साथ बिजली की सप्लाई रुक गई. उत्तर भारत के साथ पूर्वी भारत भी देश के सबसे बड़े बिजली संकट में फंस गया. बिजली से चलने वाली मेट्रो और भारतीय रेल के 300 से ज्यादा ट्रेनों में अचानक ब्रेक लग गया. रास्ते में फंसे यात्रियों को पहले तो लगा कि किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ट्रेन रुकी है लेकिन जब हक़ीक़त से सामना हुआ तो सिर पीटने के सिवा कोई चारा न था. चंडीगढ़, अमृतसर, कानपुर, मुगलसराय और ग़ाज़ियाबाद समेत देश के सभी बड़े रेलवे स्टेशनों ट्रेन जहां-तहां रुक गई. ट्रेन में बैठे यात्री घंटों टकटकी लगाए इंतजार करते रहे कि कब उनकी ट्रेन आगे बढ़ेगी. देश की राजधानी दिल्ली की शान मेट्रो ट्रेन को बिजली का झटका लगा. आरामदायक सफर देने वाली मेट्रो ट्रेन भी जगह-जगह अटक गई. जो लोग मेट्रो से जाने के लिए स्टेशन पहुंचे उन्हें भी जोर का झटका लगा. मेट्रो स्टेशन के बाहर कहीं भीड़ ज्यादा थी तो कही स्टेशन का गेट बंद कर दिया गया. एक साथ तीन-तीन ग्रिड फेल होने से दफ्तरों में काम करने वाले लोगों का भी बुरा हाल हो गया. हालांकि दोपहर होने की वजह से कई जगह पावर बैकअप से काम चलना पड़ा. जो लोग अपने घरों में थे उन्हें भी कम परेशानी नहीं हुई . सरकार की बदइंतजामी की वजह से हाथ से पंखा झलने को मजबूर थे. 29 जुलाई को नार्दर्न ग्रिड में आई खराबी को जल्द ठीक करने के लिए कल ही बिजली मंत्री अपनी पीठ थपथपा रहे थो. लेकिन एक दिन बाद ही मंगलवार को नार्दर्न के साथ ईस्टर्न और नॉर्थ -ईस्टर्न ग्रिड की बिजली गुल हो गई. लेकिन जब आधा हिंदुस्तान बिजली संकट में फंसा था तो प्रधानमंत्री बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे से सवाल पूछने के बजाय उनका ओहदा बढ़ाने में व्यस्त थे. खबर आई की शिंदे को बिजली मंत्री से ऊपर उठाकर गृह मंत्रालय में भेजा जाएगा. देश पूछ रहा है कि सवाल कि इस संकट के लिए कौन है जिम्मेदार?
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Wednesday, August 1, 2012
अंधेरा हटा पर बत्ती गुल होने के लिए जिम्मेदार कौन?
नई दिल्ली: मंगलवार को देश का आधा हिस्सा दोपहर से लेकर रात तक अंधेरे में रहा. बिजली तो आ गई है लेकिन कई सवालों के जवाब नहीं मिले हैं. कल जब देश के इक्कीस राज्यों में सत्तर करोड़ लोगों को बिजली नहीं मिल रही थी तभी खबर आई कि बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे को गृह मंत्री बना दिया गया है और गृह मंत्री चिदंबरम को वित्त मंत्री बना दिया गया. सवाल ये उठ रहे हैं कि क्या शिंदे को देश को अंधेरे में रखने का इनाम दिया गया है? हो सकता है कि शिंदे और चिदंबरम बुधवार को अपने अपने नए मंत्रालय का काम संभाल लें. फिलहाल सरकार ने बिजली मंत्रालय का जिम्मा कंपनी मामलों के मंत्री वीरप्पा मोइली को दिया है. 29 जुलाई को नार्दर्न ग्रिड फेल होने के सदमे से उत्तर भारत उबर ही रहा था कि मंगलवार को आधे हिंदुस्तान को लगा सबसे बड़ा झटका. दोपहर 1 बजे के करीब देश के 19 राज्यों की बत्ती अचानक गुल हो गई . नार्दर्न ग्रिड, ईस्टर्न ग्रिड और नॉर्थ-ईस्टर्न ग्रिड से एक साथ बिजली की सप्लाई रुक गई. उत्तर भारत के साथ पूर्वी भारत भी देश के सबसे बड़े बिजली संकट में फंस गया. बिजली से चलने वाली मेट्रो और भारतीय रेल के 300 से ज्यादा ट्रेनों में अचानक ब्रेक लग गया. रास्ते में फंसे यात्रियों को पहले तो लगा कि किसी तकनीकी गड़बड़ी की वजह से ट्रेन रुकी है लेकिन जब हक़ीक़त से सामना हुआ तो सिर पीटने के सिवा कोई चारा न था. चंडीगढ़, अमृतसर, कानपुर, मुगलसराय और ग़ाज़ियाबाद समेत देश के सभी बड़े रेलवे स्टेशनों ट्रेन जहां-तहां रुक गई. ट्रेन में बैठे यात्री घंटों टकटकी लगाए इंतजार करते रहे कि कब उनकी ट्रेन आगे बढ़ेगी. देश की राजधानी दिल्ली की शान मेट्रो ट्रेन को बिजली का झटका लगा. आरामदायक सफर देने वाली मेट्रो ट्रेन भी जगह-जगह अटक गई. जो लोग मेट्रो से जाने के लिए स्टेशन पहुंचे उन्हें भी जोर का झटका लगा. मेट्रो स्टेशन के बाहर कहीं भीड़ ज्यादा थी तो कही स्टेशन का गेट बंद कर दिया गया. एक साथ तीन-तीन ग्रिड फेल होने से दफ्तरों में काम करने वाले लोगों का भी बुरा हाल हो गया. हालांकि दोपहर होने की वजह से कई जगह पावर बैकअप से काम चलना पड़ा. जो लोग अपने घरों में थे उन्हें भी कम परेशानी नहीं हुई . सरकार की बदइंतजामी की वजह से हाथ से पंखा झलने को मजबूर थे. 29 जुलाई को नार्दर्न ग्रिड में आई खराबी को जल्द ठीक करने के लिए कल ही बिजली मंत्री अपनी पीठ थपथपा रहे थो. लेकिन एक दिन बाद ही मंगलवार को नार्दर्न के साथ ईस्टर्न और नॉर्थ -ईस्टर्न ग्रिड की बिजली गुल हो गई. लेकिन जब आधा हिंदुस्तान बिजली संकट में फंसा था तो प्रधानमंत्री बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे से सवाल पूछने के बजाय उनका ओहदा बढ़ाने में व्यस्त थे. खबर आई की शिंदे को बिजली मंत्री से ऊपर उठाकर गृह मंत्रालय में भेजा जाएगा. देश पूछ रहा है कि सवाल कि इस संकट के लिए कौन है जिम्मेदार?
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