Tuesday, January 31, 2012


 काग्रेंस ने आज जारी किया यूपी में 'घोषणापत्र'
लखनऊ. यूपी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने आज अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है। आरक्षण कार्ड खेलते हुए कांग्रेस ने कोटे में कोटा देने का वादा किया है। इसमें अति दलितों और अल्पसंख्यकों पर विशेष ध्यान देने की बात कही गई है। कांग्रेस मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि, सत्ता में आने पर पांच साल में 20 लाख रोजगार दिया जाएगा। युवाओं को रोजगार के लिए उपयुक्त प्रशिक्षण दिया जाएगा। पर्याप्त रोजगार का सॉजन हो इसके लिए मुख्यमंत्री के अधीन एक विशेष प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। तकनीकी संस्थाओं में बीपीएल, अल्पसंख्यक, एससी और एसटी छात्रों को विशेष रूप से दाखिल किया जाएगा। सिब्बल ने कहा कि, हर जिले में महिला पुलिस थाना बनाया जाएगा। उसमें एक महिला आफिसर होगी। कन्या सशक्तिकरण योजना के तहत लड़कियों की उम्र 18 वर्ष होने पर 50 हजार रुपए और हाईस्कूल पास करने 1 लाख रूपया देने की बात कही गई है। हमारा लक्ष्य है कि हर घर में पढ़ाई हो, हर गांव में स्कूल हो। 2000 परिवारों में इंटरमीडिएड कालेज की स्थापना की जाएगी। 500 नए माडल स्कूल बनाए जाएंगे। शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि, अति पिछड़ों और अल्पसंख्यकों को यूपीए सरकार की योजना के तहत 4.5 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। अति दलितों को कोटे में कोटा देने की व्यवस्था की जाएगी। अल्पसंख्यकों को जनसंख्या के आधार पर कोटा दिया जाएगा। पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि, यूपी के बड़े महानगरों में दिल्ली की दर्ज पर मेट्रो रेल शुरू की जाएगी। शहरों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। सिब्बल ने सफाई पर जोर देते हुए कहा कि, राज्य में हर तरह की सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

 

सरकार और सेना के बीच कोई मतभेद नही एंटनी

नई दिल्ली। थल सेना प्रमुख जनरल वी के सिंह की आयु पर विवाद को प्रमुखता न देते हुए रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने मंगलवार को कहा कि इस मुद्दे को सरकार व सेना के बीच टकराव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले की प्रतीक्षा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सेना की दो शाखएं 36 साल से सेना प्रमुख के दो अलग जन्म दिनांकों के दस्तावेज रखे हुए हैं और सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं है। एंटनी ने एक पुरस्कार समारोह से इतर कहा कि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश आने के बाद लम्बे समय से लम्बित यह विवाद समाप्त हो जाएगा। मैं इस बात से सहमत हूं कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है। यह असैन्य-सैन्य विवाद का सवाल नहीं है। दुर्भाग्यवश ऐसा हुआ, हो सकता है कि इसके पीछे कोई मंशा न रही हो लेकिन 36 साल से सेना के पास उनके जन्म की दो तारीखें हैं, इसलिए इस विवाद ने जन्म लिया। एंटनी ने कहा कि सरकार ने केवल वही स्वीकार किया जो उन सालों के दौरान के सैन्य प्रमुखों ने कहा। उन्होंने कहा कि सरकार को लगा कि विवाद समाप्त हो गया है और दस्तावेजों में संशोधन कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि हमें लगा कि मामला समाप्त हो गया है लेकिन पिछले साल फिर शिकायत सामने आई। तब सरकार ने तीन बार मामला कानून मंत्रालय और महान्यायवादी के पास भेजा। सरकार के पास कार्रवाई का केवल यही रास्ता था। एंटनी ने कहा कि अब यह मामला सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष है और वहां जो भी फैसला हो उसे मानने के लिए सभी को तैयार रहना चाहिए। गौरतलब है कि एडजुटेंट जनरल व भारतीय सैन्य मुख्यालयों की शाखाओं के सैन्य सचिव के विभिन्न दस्तावेजों में सिंह की उम्र अलग-अलग बताई गई है। भुगतान, भत्तों एवं पेंशन से सम्बंधित एडजुटेंट जनरल की शाखा का कहना था कि सिंह का जन्म 1951 में हुआ और नियुक्ति व पदोन्नति से सम्बंधित सैन्य सचिव शाखा के दस्तावेजों में उनका जन्म 1950 में होने की बात कही गई थी।

कप्तानी छोड़ने में कोई दिक्कत नही : धोनी
एडिलेड. हाल में खत्‍म हुई टेस्‍ट सीरीज में ऑस्‍ट्रेलिया के हाथों 4-0 से पिटने के बाद टीम इंडिया के कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी ने कप्‍तानी छोड़ने के संकेत दिए हैं। धोनी के मुताबिक अगर टेस्ट में कोई उनसे बेहतर कप्तानी कर सकता है तो वह खुशी से अपना पद छोड़ देंगे। ऑस्‍ट्रेलिया के खिलाफ पहले टी-20 मैच से पहले धोनी ने कहा कि कप्‍तानी उनके लिए एक अतिरिक्‍त जिम्‍मेदारी है। यह (कप्तानी) किसी की जागीर नहीं है। यदि सेलेक्‍टर चाहते हैं तो मैं कप्‍तानी छोड़ने को तैयार हूं। यह एक पद है जो फिलहाल मेरे पास है, यह एक अतिरिक्त जिम्मेदारी है। मैं जो भी करता हूं, उसे मैं अच्छे ढंग से करने की कोशिश करता हूं। लेकिन ऐसा नहीं है कि मैं इससे चिपके रहना चाहता हूं। अगर कोई अच्छा विकल्प है तो वह सामने आ सकता है।हालांकि उन्‍होंने टीम के सीनियर खिलाडियों को हटाने के सवाल को टालने की कोशिश की। पत्रकारों से बातचीत में धोनी ने कहा, उम्र तो महज संख्‍या भर है। हालांकि मैं इस बात से खुश हूं कि युवा खिलाड़ी टीम इंडिया में शामिल हो रहे हैं। धोनी ने कहा कि युवा खिलाड़ी फील्डिंग का स्तर ऊंचा उठाएंगे और यह टीम के लिए निर्णायक साबित हो सकती है। उन्‍होंने कहा, 'आमतौर पर किसी दौरे में हमें एक ट्वेंटी-20 मैच खेलने को मिलता है लेकिन इस दौरे पर हम दो मैच खेल रहे हैं। यह हमारे लिए अच्छा है क्योंकि इस मैच के जरिये हमारे युवा खिलाड़ी क्षेत्ररक्षण का स्तर ऊंचा उठाएंगे, जिसका फायदा वनडे सीरीज में मिलेगा।' भारतीय टीम सिडनी ओलम्पिक मैदान पर अपना पहला मैच खेलेगी। यह मैदान भारतीय खिलाड़ियों के लिए बिल्कुल नया है और इसी कारण हर एक खिलाड़ी मैदान या पिच से मिलने वाली मदद को लेकर पूरी तरह अनजान है। इस पर कप्तान ने कहा, ‘हमारी टीम के मौजूदा खिलाडियों में से शायद ही कोई इस मैदान पर खेला है। हमें पिच से कैसी मदद मिलेगी, पता नहीं। हमारी रणनीति विकेट पर अधिक से अधिक समय बिताने की होगी। हम यहां सोमवार को ठीक से अभ्यास भी नहीं कर सके थे ऐसे में हम आउटफील्ड से मिलने वाली मदद के आसरे हैं। 
 


जनसेवक पर मुकदमा की समयसीमा तय: SC
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एके गांगुली ने एक महत्वपूर्ण सुझाव देते हुए कहा कि कि एक जन सेवक पर मुकदमा चलाने के लिए एक समय सीमा होनी चाहिए। यह समय सीमा चार महीने हो सकती है। जस्टिस एके गांगुली ने कहा कि यदि सुयोग्य अधिकारी चार माह के भीतर निर्णय लेने में असफल रहें तो उसे अनुमति प्रदान करना मान लिया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक लोक सेवक के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत शिकायत दर्ज कराने का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को दरकिनार कर दिया, जिसमें उसने राजा के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति संबंधी निर्देश प्रधानमंत्री को देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी प्रधानमंत्री से 2जी स्पैक्ट्रम मामले में ए राजा पर मुकदमा चलाने की अनुमति मांगने की स्थिति में थे।
'2 जी' मामले में PMO भी सवालों के घेरे में
नई दिल्ली।। 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाला में पूर्व टेलिकॉम मंत्री ए. राजा के खिलाफ मुकदमे की इजाजत देने में देरी के मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को झटका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी भी मामले में सक्षम अधिकारी को तीन महीने के भीतर फैसला देना होगा और अगर वह ऐसा नहीं करता है तो चौथे महीने उसकी सहमति मान ली जाएगी। जस्टिस जी. एस. सिंघवी की अध्यक्षता वाली बेंच के फैसले के बाद प्रधानमंत्री और उनके कार्यालाय पर सवाल उठने लगे हैं। दरअसल, 2जी मामले में जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रमण्यम स्वामी ने ए. राजा के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। स्वामी ने कोर्ट में तब तर्क दिया था कि चूंकि ए राजा एक मंत्री थे इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रधानमंत्री की इजाजत जरूरी थी। लेकिन स्वामी के मुताबिक कार्रवाई की इजाजत के लिए उन्हें 15 महीने तक इंतजार करना पड़ा और उसके बाद भी जब प्रधानमंत्री कार्यालय से जवाब नहीं मिला तो उन्हें अदालत में याचिका दायर करनी पड़ी । अदालत ने न सिर्फ स्वामी की इस याचिका को गंभीरता से लिया बल्कि देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद प्रधानमंत्री कार्यालय से स्वामी और पीएमओ के बीच पत्राचार का लेखाजोखा मांगा।

'टीम अन्ना' में अब मुस्लिम नेता भी होगें शामिल
टीम अन्ना उत्तर प्रदेश में अपने पहले चरण के अभियान में संघ समर्थित होने का आरोप धोने की हरसंभव कोशिश करेगी। टीम अन्ना के मंच पर इस दौरान पूर्व सांसद इलियास आजमी, मुप्ती शमून कासमी सरीखे कई मुसलिम नेता नजर आ सकते हैं। बाराबंकी की सभा में शामिल होने की सहमति मुसलिम रिजर्वेशन मूवमेंट जफरयाब जीलानी ने भी दे दी थी। पर अलीगढ़ में एक कार्यक्रम में शामिल होने के कारण वह बाराबंकी की सभा में शामिल नहीं होंगे। बाबरी मसजिद के पक्षकार रहे हाशिम अंसारी को भी फैजाबाद के मंच में लाने की कोशिश हो रही है।    टीम अन्ना की पहली सभा 2 फरवरी को बाराबंकी व गोंडा में हो रही है। 3 को फैजाबाद में जमावड़ा होना है। पूर्व सांसद इलियास आजमी व मुफ्ती शमून कासमी हर सभा में उपस्थित रहेंगे। फैजाबाद की सभा में हाशिम अंसारी को भी बुलाने की योजना है। टीम अन्ना के सदस्य संजय सिंह ने कहा कि मौलाना कल्बे सादिक तो पहले ही हमारे आंदोलन का समर्थन कर चुके हैं। जल्द ही कुछ और प्रतिष्ठित उलेमा और मौलाना भी मंच पर दिखेंगे।

Monday, January 30, 2012


पंजाब-उत्तराखण्ड वोटिंग खत्म
चंडीगढ़: पंजाब और उत्तराखंड की जनता ने अपनी नई सरकार का फैसला कर लिया है। शाम पांच बजे दोनों ही राज्यों में मतदान का काम खत्म हो चुका है। इसके साथ ही चुनाव में खड़े हुए उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद हो गई है। कौन जीतेगा और कौन हारेगा इसका ऐलान छह मार्च को वोटों की गिनती के बाद होगा। पंजाब में 117 और उत्तराखंड की 70 सीटों के लिए मतदान हुआ। मौसम साफ़ होने की वजह से दोनों ही राज्यों में वोटरों में काफ़ी उत्साह देखा गया। राज्य में कितने फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले इसका ऐलान कुछ ही देर में चुनाव आयोग करने वाला है। दोनों ही राज्यों में एनडीए की साख दांव पर लगी है। पंजाब में बीजेपी−अकाली दल सरकार को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिली है। बीएसपी भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश में है। वहीं उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर दिखाई दे रही है। बीजेपी यहां अपनी साफ छवि के नेता और मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी के आधार पर चुनाव लड़ रही हैं। पंजाब में मुख्य मुकाबला अकाली दल−बीजेपी गठबंधन और कांग्रेस के बीच है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह अकाली−बीजेपी सरकार को उखाड़ फेंकेगी। कांग्रेस बादल सरकार में हुए घोटालों की दुहाई देकर जनता के बीच गई। उधर, बादल सरकार का दावा है कि उसके दौर में राज्य ने काफी विकास किया है। बादल सरकार में सहयोगी बीजेपी के सांसद नवजोत सिद्धू इन चुनावों में पार्टी के स्टार प्रचारक रहे सिद्धू को भी अपने गठबंधन के सत्ता में लौटने का भरोसा है। कांग्रेस को इन चुनावों में उसके बागी भी चुनौती दे रहे हैं। उधर, अकाली दल को पार्टी से अलग हुए मनप्रीत बादल की पंजाब पीपुल्स पार्टी से चुनौती मिली है। मनप्रीत बादल मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के भतीजे हैं और उनकी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके हैं। राज्य में एक करोड़ 76 लाख मतदाता हैं। इनमें से कितने लोगों ने वोट देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया ये अब से कुछ देर बाद साफ हो जाएगा। दोपहर दो बजे तक पंजाब में 45 मतदान हो चुका था। उत्तराखंड में मतदान के दौरान आज लोगों का अच्छा उत्साह देखा गया। मैदानी इलाकों में सुबह से ही मतदान केंद्रों के बाहर कतार लगनी शुरू हो गई थी जबकि पहाड़ी इलाकों में दिन बढ़ने के साथ−साथ वोट डालने वालों की कतार बढ़ती गई। सभी दलों के बड़े नेता भी इस दौरान वोट देने के लिए निकले। मौजूदा मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूरी दोपहर बाद अपना वोट देने पौड़ी पहुंचे। इससे पहले वह दिनभर कोटद्वार में पोलिंग बूथ का दौरा करते रहे। कोटद्वार से बीजेपी के मौजूदा विधायक शैलेंद्र रावत की नाराज़गी ने इस सीट पर उनकी चुनौती को बढ़ा दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता नारायण दत्त तिवारी ने देहरादून कैंट में वोट डाला। तिवारी खुद चुनाव नहीं लड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने कांग्रेस के कुछ उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया। उधर, बीजेपी के दौर में हटाए गए मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने भी देहरादून में अपना वोट डाला। निशंक वैसे डोईवाला से उम्मीदवार हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष यशपाल आर्य ने कालाढुंगी में अपना वोट डाला।

प्रणव ने दी अमेरिका को चेतावनी: आऊटसोर्सिंग
शिकागो. केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने चेतावनी देते हुए आज कहा कि अमेरिका में आउटसोर्सिंग बंद होने से अमेरिका और भारत दोनों को घाटा होगा। उन्होंने कहा कि अगर अमेरिकी कंपनियों को आउटसोर्सिंग करने से रोका जाएगा तो दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। प्रणब मुखर्जी ने अमेरिका की संरक्षणवादी नीतियों को लेकर चिंता जाहिर की अमेरिका के दो दिनों के दौरे के आखिरी दिन मुखर्जी ने कहा कि सभी देश इस बात के लिए आज़ाद हैं कि वे अपनी जरूरतों के हिसाब से नीतियां बनाएं, लेकिन ये नीतियां 'संरक्षणवाद' को बढ़ावा देने वाली नहीं होनी चाहिए। मुखर्जी ने इस बात पर भी जोर दिया कि विश्व व्यापार संगठन इस कोशिश में लगा हुआ है कि पूरी दुनिया में आसानी से एक जगह से दूसरी जगह वस्तुओं और सेवाओं को उपलब्ध कराया जाए।  मुखर्जी ने कहा, 'टैरिफ और नॉन टैरिफ बाधाओं को दूर करके वस्तुओं और सेवाओं के आयात-निर्यात को आसान बनाना चाहिए। इस नीति ने अच्छे नतीजे दिए हैं।' गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी संरक्षणवादी नीतियों पर जोर देते हुए कुछ दिनों पहले घोषणा की थी, 'उन कंपनियों को कर में छूट दी जाएगी जो अमेरिकी लोगों को नौकरियां देंगी, लेकिन जो कंपनियां आउटसोर्स कर रही हैं, उन्हें ज़्यादा कर चुकाना होगा।'
उत्तराखंड-पंजाब में आज वोटिंग 
नई दिल्ली: पंजाब एवं उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव के मतदान सुबह आठ बजे से शुरू हो चुका है। दोनों राज्यों में शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था  है। निर्वाचन आयोग के अनुसार पंजाब में विधानसभा की 117 सीटों के लिए जहां एक करोड़ 76 लाख मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे, वहीं उत्तराखण्ड विधानसभा की 70 सीटों के लिए 63 लाख मतदाता मतदान करेंगे।पंजाब में भाजपा की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल का राज है तो दूसरी जगह (उत्‍तराखंड) खुद भाजपा सत्ता में है। पंजाब में 1967 से अब तक किसी भी दल ने लगातार दूसरी बार सरकार नहीं बनाई। उत्तराखंड में चंद महीने पहले ही मुख्यमंत्री बदले गए हैं। पंजाब में कुल 1,078 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें से 417 निर्दलीय हैं और 93 महिला उम्मीदवार हैं। पंजाब में जहां अर्धसैनिक बलों की करीब 200 कम्पनियां तैनात की गई हैं तथा सुचारु रूप से मतदान कराने के लिए करीब 71,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। वहीं उत्तराखण्ड में केंद्रीय सुरक्षा बल की 75 कम्पनियां तैनात की गई हैं। इसके अतिरिक्त राज्य पुलिस के सशस्त्र बल की 25 कम्पनियों की भी तैनाती की गई है। कांग्रेस को जहां पंजाब में शिरोमणि अकली दल-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उत्तराखण्ड में भाजपा की सरकार को हरा देने का भरोसा है, वहीं ये पार्टियां भी सत्ता में वापसी की पुरजोर कोशिश कर रही हैं। राज्य में अधिकतर सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होगा, जहां अकाली दल-भाजपा, कांग्रेस और साझा मोर्चा के उम्मीदवार आमने सामने होंगे। उन्हें वामपंथी दलों और मनप्रीत बादल की पीपुल्स पार्टी ऑफ पंजाब का भी मुकाबला करना होगा। लाम्बी, पटियाला सिटी, जलालाबाद और सामना सीट पर सभी की नजर है, क्योंकि लाम्बी से स्वयं प्रकाश सिंह बादल, पटियाला सिटी से अमरिंदर सिंह, जलालाबाद से उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल तथा सामना से अमरिंदर के बेटे रणिंदर सिंह मैदान में हैं। कांग्रेस नेता व राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल लहरा विधानसभा क्षेत्र से मैदान में हैं। दो पूर्व अधिकारी डी.एस. गुरु और पी.एस. गिल क्रमश: भादौर और मोगा विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे हैं। उत्तराखण्ड में रमेश पोखरियाल पर भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दोबारा काबिज होने वाले भुवन चंद्र खंडूरी कोटद्वार से भाजपा के उम्मीदवार हैं और पार्टी की जमीन बचाने की कोशिश में जुटे हैं। चुनाव राज्यों में हैं, लेकिन इन पर नजर पूरे देश की है। यूपी चुनाव से पहले और अन्ना के आन्दोलन के बाद पहला बड़ा चुनाव है। 6 मार्च को आने वाले इन चुनावों के परिणाम दिल्ली में बनने वाली सरकार की तस्वीर गढ़ेंगे। 

Saturday, January 28, 2012


मतदान के दौरान हिंसा, 5 की मौत: मणिपुर
इम्फाल।। मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान के दौरान हिंसा में एक सुरक्षाकर्मी समेत 5 लोगों की मृत्यु हो गई, जबकि 2 अन्य घायल हो गए हैं। उधर, दोपहर एक बजे तक 48 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि चंदेल जिले के सुगनू विधानसभा क्षेत्र में एक मतदान केंद्र पर उग्रवादियों ने हमला किया, जिसमें एक सीआरपीएफ के जवान, ग्राम स्वयंसेवक बल के 3 कर्मियों और एक आम नागरिक की मृत्यु हो गई और 2 अन्य जख्मी हो गए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी पी.सी. लॉमकुंगा ने कहा कि दोपहर एक बजे तक 17.40 लाख मतदाताओं में से 48 फीसदी ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।

इलाज के लिए दिल्ली आयेंगें 'अन्ना'
रालेगण सिद्धी।। समाज सेवी अन्ना हजारे की तबीयत फिर से खराब हो गई है। बताया जा रहा है कि एलयोपेथिक की दवाओं की वजह से उन्हें साइड इफेक्ट हो गया है। फिलहाल अन्ना का इलाज पुणे के संचेती अस्पताल के डॉक्टर कर रहे थे। पर मिली जानकारी के मुताबिक, अन्ना कल अपने गांव रालेगण सिद्धी से दिल्ली आएंगे। यहां उनका इलाज गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में किया जाएगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूत लोकपाल कानून की मांग कर रहे समाजसेवी अन्ना हजारे 26 जनवरी को एक बहस में हिस्सा लेने के लिए दिल्‍ली आने वाले थे। उस बहस में अन्ना के साथ अरविंद केजरीवाल को भी रहना था। लेकिन अचानक हुए तबियत खराब की वजह से अन्ना को अपना यह दौरा रद्द करना पड़ा था। अन्ना सीधे अस्पताल जाकर इलाज कराएंगे।


सपा को जिताने की अपील: बुखारी
लखनऊ।। दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने शनिवार को लखनऊ के होटल ताज में प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस समेत तमाम दूसरी पार्टियों की आलोचना करते हुए मुसलमानों से उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी  के पक्ष में वोट देने की अपील की। मौलाना बुखारी ने सांप्रदायिक ताकतों को परास्त करने के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को जिताने की अपील की। इसे राजनीतिक विवशता ही कह सकते हैं कि जिसने मुलायम सिंह यादव को मौलाना बुखारी को करीब ले जाने के लिए मजबूर किया वर्ना दोनों के बीच कभी अच्छे रिश्ते नहीं रहे। मुलायम सिंह यादव ने एक बार बकायदा खत लिखकर मौलाना अब्दुल्ला बुखारी [मौलाना अहमद बुखारी के पिता] को हिदायत दी थी कि वह इमाम हैं, उनका काम इमामत करना है, राजनीति में न पड़ तो बेहतर रहेगा। सपा प्रमुख के खासुलखास आजम खां के भी कभी मौलाना बुखारी से अच्छे रिश्ते नहीं रहे। लोकसभा चुनाव के बाद मुलायम सिंह यादव को जब लगा कि मुसलमान उससे दूर हो रहा है तो उन्होंने मौलाना बुखारी से अपनी नजदीकी बढ़ाई। मौलाना बुखारी ने भी अपने गिले शिकवे दूर किए और पश्चिम उप्र में अपने दामाद को टिकट दिलवा दिया। यहां तक कि यह निर्णय करते हुए मुलायम ने काजी रसीद मसूद की भी सलाह नहीं ली।



योजना आयोग व मंत्रालय में समझौता: UID
 नई दिल्‍ली।। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का महत्वाकांक्षी यूनिक आइडेंटिटी प्रोजेक्ट जारी रहेगा। पहचान पत्र कौन जारी करे, इसपर गृह मंत्री पी चिदंबरमऔर यूआईडी अथॉरिटी के प्रमुख नंदन नीलेकणि के बीच का विवाद अब सुलझ गया है। केंद्र सरकार इस पर कितना गंभीर है, यह बात शुक्रवार शाम तब सिद्ध हुई, जब गृह मंत्रालय और योजना आयोग ने आपसी मतभेद खत्‍म कर लिये। साथ ही देश के 16 राज्‍यों व संघ शासित प्रदेशों में नामांकन प्रक्रिया जारी रहेगी। साथ ही कैबिनेट ने 40 करोड़ अतिरिक्‍त आधार कार्ड बनाने के प्रस्‍ताव पर अपनी सहमति प्रदान कर दी है। नंदन नीलेकणि के यूआईडी और गृहमंत्रालय का नेशनल पॉपुलेशन रजिस्ट्रर देश की आधी-आधी आबादी के लिए पहचान नंबर देंगे। 120 करोड़ नागरिकों में आधे लोगों को यूडीएआई पहचान नंबर देगा जबकि बाकी लोगों को नेशनल पॉपुलेशन रजिस्ट्री में कवर किया जाएगा। इन फैसलों के तहत यूआईडी में बायोमेट्रिक डेटा देने पर एनपीआर में दोबारा डेटा नहीं देना पड़ेगा। नीलेकणि ने कहा कि यूआईडीएआई और नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) नामांकन वर्ष 2013 तक पूरी कर ली जायेगी। कैबिनेट द्वारा अतिरिक्त कार्ड बनाने पर सहमति दिये जाने के बाद गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि आगे का काम शुरु करने से पहले इस प्रोजेक्‍ट की समीक्षा की जाएगी। बाकी पॉपुलेशन रजिस्‍टर का काम यथावत चलता रहेगा। यूआईडी के लिए बायोमेट्रिक डाटा का संग्रह केवल एक प्राधिकरण ही करेगा। लगभग 8,850 करोड़ रुपये की इस योजना के अंतर्गत आने वाले यूआईडी कार्ड का उपयोग सभी सरकारी व निजी संस्‍थानों में आईडी के रूप में किया जा सकेगा। गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बताया कि अगले साल जून तक सभी लोगों को यूआईडी और एनपीआर देने का लक्ष्य है। उन्होंने यह भी कहा है कि सुरक्षा के मुद्दों की समीक्षा जल्दी ही यूआईडीएआई करेगी। वहीं योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया का कहना है कि पूरी जनसंख्या के लिए यूआईडी नंबर बनाया जाए और एनपीआर कार्ड पर आधार नंबर ही रहेगा। यूआईडीएआई चेयरमैन नंदन निलेकेणि के मुताबिक एनपीआर भी पहले से ही आधार नंबर दे रही है। वहीं यूआईडीएआई और एनपीआर दोनों ही एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं। ऐसे में आंकड़े जुटाने में दोहराव की स्थिति नहीं आएगी।

  आज मणिपुर से हुई 2012 विधानसभा चुनाव की शुरूआत
इंफाल: कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मणिपुर की 60 विधानसभा सीटों के लिए राज्य में नौ जिलों के 2,357 मतदान केंद्रों पर आज मतदान शुरू हो गया। मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की कतारें लगी हैं। कुल 17,40,576 मतदाताओं में 8,82,236 महिला मतदाता शामिल हैं। ये मतदाता 279 प्रत्याशियों में से 10वीं विधानसभा के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे।सुबह सात बजे से शुरू हुए इस मतदान के लिए कुल 12,967 चुनाव कर्मियों को तैनात किया गया गया है। मतदान शाम चार बजे समाप्त हो जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने थोउबल जिले के खंगबोक मतदान केंद्र पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया। राज्य सशस्त्र पुलिस के अलावा अर्धसैनिक बलों की 270 कंपनियों सहित सुरक्षा बलों की लगभग 350 कंपनियों को मतदान के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है।आज हो रहे मतदान से जिन प्रमुख प्रत्याशियों के चुनावी भाग्य का फैसला होना हैउनमें थोउबल विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे मुख्यमंत्री इबोबी सिंह के अलावा मणिपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति नग बिजोय (खुरई सीट) और वन मंत्री तह देवेन्द्र (जिरीबाम सीट) शामिल हैं। मणिपुर में नौ जिले हैं। इनमें से इम्फाल ईस्ट, इम्फाल वेस्ट, बिष्णुपुर और थोउबल जिले घाटी में और छुरछंदपुर, उखरूल, सेनापति, तमेंगलोंग तथा चंदेल पहाड़ी इलाकों में हैं। राज्य में सुरक्षा बल स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। कुछ स्थानों पर पिछले दिनों विस्फोट की कुछ घटनाएं हुई थी। इससे पहले मिली खबरों में कहा गया था कि उग्रवादी कुछ प्रत्याशियों को अपना निशाना बना सकते हैं।




   कंगारूओं : ने किया टीम इडिंया का सूफडा साफ
एडिलेड. एडिलेड में सफाए के साथ ही टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर लगातार 8 वीं हार दर्ज कर ली है। इंग्लैंड में 4-0 से सूपड़ा साफ होने के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी टीम की 4-0 से छुट्टी हो चुकी है। इसके साथ ही टीम इंडिया आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में 111 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर आ गई है। हालांकि, आईसीसी की तरफ से इसका कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है।  कंगारुओं ने टीम इंडिया को एडिलेड टेस्ट समेत पूरी सीरीज़ में खेल के हर विभाग में पछाड़ा है। टीम की लगातार हार के लिए सबसे ज़्यादा जिम्मेदार टीम के स्टार बल्लेबाजों को ही माना जा रहा है। पूर्व क्रिकेटर टीम के वरिष्ठ बल्लेबाजों पर बरस रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर, सबा करीम, विनोद कांबली, अरुण लाल और अतुल वासन सचिन तेंडुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ को सहवाग के साथ टीम इंडिया की हार के लिए जिम्मेदार मानते हैं। गावस्कर ने सचिन, द्रविड़, लक्ष्मण और सहवाग की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में खेल रही टीम में से तीन-चार खिलाड़ियों को बाहर कर नए खिलाड़ियों को मौका दिया जाना चाहिए। वहीं, पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अरुण लाल इन खिलाड़ियों के संन्यास के फैसले को उनका निजी फैसला मानते हैं। अरुण का कहना है, 'खेल कब छोड़ना है कि ये फैसला इन खिलाड़ियों को लेना है। लेकिन समय आ गया है कि चयनकर्ता कुछ कठोर फैसले लें। अगर ये खिलाड़ी संन्यास नहीं लेते, तो उन्हें टीम से हटाकर नए खिलाड़ियों को मौका दिया जाना चाहिए। ये खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलें और अपनी दावेदारी पेश करें।' अतुल वासन ने भी अरुण का समर्थन किया है, लेकिन उनका कहना है कि स्टार खिलाड़ी खुद ऐसा नहीं करते, ऐसे कड़े फैसले बीसीसीआई को लेने होंगे। वहीं, पूर्व क्रिकेटर सबा करीम तो इन खिलाड़ियों के संन्यास लेने के पक्ष में हैं।  टीम के बल्लेबाज किस तरह से इस दौरे पर फ्लॉप रहे हैं, इसका अंदाजा उनके आंकड़ों से लग जाता है। लक्ष्मण ने 19.37 की औसत से इस सीरीज़ में रन बनाए हैं। सहवाग ने 24.75, राहुल द्रविड़ ने 24.25, गौतम गंभीर ने 22.62, तेंडुलकर ने 35.87 और धोनी ने 20.40 की औसत से रन बनाए हैं। सबसे बढ़िया प्रदर्शन विराट कोहली का रहा। कोहली ने 37.50 की औसत से 300 रन बनाए। यही वजह है कि नए खिलाड़ियों को टीम में जगह दिए जाने की बात कही जा रही है।  हालांकि, टीम के गेंदबाजों का भी प्रदर्शन खराब रहा है। इशांत शर्मा चार टेस्ट मैचों में महज पांच विकेट लिए हैं। हरभजन सिंह की जगह लाए गए रविचंद्रन अश्विन भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। जहीर खान ने भी प्रशंसकों को निराश किया है। 

Friday, January 27, 2012


कांग्रेस ने किया 'विजन डॉक्यूमेंट' जारी
लखनऊ।। कांग्रेस ने 'विजन 2020' डॉक्यूमेंट में पांच साल में 20 लाख युवकों को रोजगार और हर गांव में बिजली का वायदा किया है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए कांग्रेस ने कमर कर ली है। इसके तहत शुक्रवार को कांग्रेस ने अपना 'विजन 2020' डॉक्यूमेंट जारी किया।  इसमें कई लोक लुभावन वायदे किये गये हैं। इस मौके पर कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता और केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि विजन और घोषणापत्र में थोड़ा फर्क है। उन्‍होंने कहा कि 'विजन 2020'  डाक्‍यूमेंट में उत्तरप्रदेश के लिए विकास का रोडमैप तैयार किया गया है और इसका आधार यूपीए सरकार का अब तक का किया गया काम है। उन्होंने कहा उत्तर प्रदेश के लिए 9-10 प्रतशित विकास का लक्ष्‍य रखा गया है. यूपी में 20 लाख नौकरियां पैदा करने और कई डेवलप्मेंट केन्द्र खोले जाने की योजना। उन्‍होंने यह भी कहा कि यूपी में शिक्षा के स्‍तर में सुधार लाने की आवश्यकता है। इसके तहत प्राथमिक से लेकर उच्य शिक्षा में सुधार लाया की योजना है। उन्होंने कहा कि इस दस्‍तावेज में आरक्षण नीति को तार्किक बनाया जाएगा। अल्‍पसंख्‍यक, पिछड़ों को पर्याप्त अवसर देने का प्रयास किया गया है। डॉक्यूमेंट लखनऊ के पार्टी दफ्तर में जारी किया गया।  इस मौके पर लखनऊ में केन्द्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, बने प्रसाद वर्मा और यूपी कांग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा जोशी मौजूद थी। 'विजन 2020' डॉक्यूमेंट एक साथ राज्य के 10 जोन्स में जारी किया गया। इसके तहत गोरखपुर में आपीएन सिंह और दिग्विजय सिंह, वाराणसी में मोहन प्रकाश, इलाहाबाद में जयराम रमेश, आगरा में राज बब्बर, कानपूर में श्रीप्रकाश जायसवाल, मुरादाबाद में पीएल पुनिया. मेरठ में शीला दीक्षित, झांसी में कपिल सिब्बल और शाहजहांपुर में जितिन प्रसाद ने डॉक्यूमेंट जारी किया। कांग्रेस के मुताबिक 'विजन 2020' डॉक्यूमेंट में अगले आठ वर्षों में कांग्रेस की विचार धारा को जनता के बीच ले जाया जाएगा।



अब नहीं दिखेंगी राजनीति में 'हिलेरी'
वाशिंगटन: बीते 20 सालों से राजनीति की धमक से घिरी अमेरिकी विदेशमंत्री हिलेरी क्लिंटन का कहना है कि वह जल्द ही इससे अलग होना चाहती हैं और अगर बराक ओबामा दोबारा राष्ट्रपति चुने जाते हैं, तो उनकी प्रशासन में बने रहने की कोई इच्छा नहीं है। हिलेरी ने कहा कि वह इतने वर्षों में भारी दबाव के बीच थक गई हैं और अब राजनीति से अलग होना चाहती हैं। पूर्व प्रथम महिला ने कहा है कि उनका विदेशमंत्री का कार्यकाल फिर से निभाने का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने गुरुवार को विदेश विभाग में अपने सहयोगियों से कहा कि वह ओबामा द्वारा अगला विदेश मंत्री नामांकित किए जाने तक पद पर बने रहेंगी। हिलेरी ने कहा, ‘‘मैंने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रपति अगला विदेश मंत्री नामांकित कर दें, तब तक मैं विदेशमंत्री बनी रहूंगी। 20 सालों तक अमेरिकी राजनीति में रहने और चुनौतियों के बीच समझ सकती हूं कि मैं कितना थकी हुई हूं।’’ हिलेरी के पति बिल क्लिंटन 1993 से 2001 तक राष्ट्रपति रहे। इसके बाद वह न्यूयॉर्क से सीनेटर बनीं और अब ओबामा प्रशासन में विदेश मंत्री हैं।

     मासूम लड़ रही है मौत की लड़ाई
नई दिल्ली एम्स ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में भर्ती 2 साल की बच्ची मौत से जंग लड़ रही है। डॉक्टरों का कहना है कि दिमाग में लगी गंभीर चोट के कारण वह कभी भी कोमा में जा सकती है। 14 साल की एक किशोरी ने उस बच्ची की मां होने का दावा किया है। किशोरी का कहना है कि तनाव और गुस्से के चलते उसने इस मासूम की कई बार पिटाई कीजिससे उसकी यह हालत हो गई। चाइल्ड वेलफेयर समिति के मुताबिक मासूम के सिर में कई गंभीर चोटें है। इससे वह कोमा में भी जा सकती है। उसके गाल जले हैं और बांह की कई हड्डियां भी टूट गई है। वह किशोरी दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार में रहती है। उसके पिता ने उससे कई बार मारपीट की इसलिए वह घर से भाग गई। उसने 6 साल अनाथालय में बिताए हैं। मई 2011 में बाप की पिटाई से तंग आकर संगम विहार की रहने वाली किशोरीराजकुमार (टैक्सी ड्राइवर) नामक दोस्त के साथ मुनरिक भाग गई। बाद में वे दोनों द्वारका चले गए जहां वे पति-पत्नी की तरह रहने लगे। हालांकि पुलिस का कहना है कि राजकुमार ने ही तीन महीने पहले ही बच्ची को यहां लाया था। हालांकि राजकुमार पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और उससे पूछताछ जारी है। 22 साल के राजकुमार (टैक्सी ड्राइवर) नामक उस युवक की पहले ही शादी हो चुकी है। मां के मरने के बाद युवती के पिता ने दूसरी शादी कर ली। एम्स फिलहाल उसका सारा खर्च उठा रहा है।


देशों के आधार पर करेगा सेंसर: ट्विटर
वाशिंगटन: दुनियाभर में जन अभिव्यक्ति का सशक्त मंच बन चुकी माइक्रो ब्लागिंग वेबसाइट ट्विटर ने भारत सरकार को एक शुभ संकेत देते हुए घोषणा की है कि वह विभिन्न देशों के आधार पर ट्वीट को सेंसर करेगी। ट्विटर का यह कदम भारत सरकार को खूब रास आ सकता है, जिसने कथित रूप से सोशल मीडिया वेबसाइटों से अनुरोध किया है कि वे अपमानजनक सामग्री को अपनी वेबसाइट से हटाएं। अपने ब्लॉग ट्वीट मस्ट फ्लोमें सैन फ्रांसिस्को स्थित माइक्रो ब्लागिंग कंपनी ने कहा है कि यदि कानूनी रूप से ऐसा करना जरूरी हुआ, तो वह किसी देश विशेष में इस्तेमाल की जाने वाले सामग्री को रोकेगी। यह प्रस्तावित कदम ऐसे समय पर आया है, जब भारत और वैश्विक इंटरनेट कंपनियों गूगल, याहू, ट्विटर और फेसबुक के बीच विषय सामग्रियों की पहले जांच और आक्रामक सामग्री को वेबसाइटों से हटाने को लेकर कानूनी लड़ाई चल रही है। दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने 21 सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों से कहा था कि वह इस साल 6 फरवरी तक अपमानजनक सामग्रियों को अपनी वेबसाइट से हटाएं। अपने ब्लॉग में ट्विटर ने फ्रांस और जर्मनी का उदाहरण दिया, जहां नाजी समर्थक सामग्री पर प्रतिबंध है। उसने कहा, ‘‘जैसा कि हम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लगातार बढ़ रहे हैं, हम उन देशों में प्रवेश करेंगे, जिनके अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर अलग विचार हैं।’’ उसने कहा, ‘‘आज से शुरू हो रहा है, हम सक्रियतापूर्वक सामग्री को किसी देश विशेष में रोक देंगे, लेकिन बाकी का विश्व समुदाय उसे देख सकेगा।’’

                      बीजेपी देंगी यूपी मे पॉच लाख नौकरियॉ

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में अगर भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आई तो पिछड़े वर्ग के 27 फीसदी आरक्षण के तहत मुस्लिमों को दिए गए 4.5 फीसदी के आरक्षण को खत्म करेगी। उमा भारती, सूर्य प्रताप शाही, कलराज मिश्र और मुख्तार अब्बास नकवी ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए बीजेपी का घोषणा पत्र जारी कर दिया है। घोषणा पत्र के बारे में विस्तार से बताते हुए पार्टी की प्रदेश ईकाई के वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश सिंह ने कहा, 'सत्ता में आए तो शुचिता, सामाजिक न्याय और समरसता, अंत्योदय और समता आधारित विकास देंगे। हम ईमानदार, संवेदनशील प्रशासनिक व्यवस्था का वादा करते हैं। सत्ता में आए तो पिछले वर्ग के 27 फीसदी के आरक्षण को फिर से बहाल करेंगे।' प्रदेश के पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह ने वादों का अंबार लगाते हुए कहा, 'जैविक खाद के उपयोग को बढ़ाएंगे। रासायनिक खाद के उपयोग को घटाएंगे। गन्ना उत्पादन के लिए नए प्रकार के बीज तीन साल के अंदर उपयोग में लाए जाएंगे। 1 फीसदी ब्याज पर किसानों को कर्ज देंगे। नई कृषि नीति बनेगी। किसानों को 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे। 1000 करोड़ रुपये के किसान कल्याण कोष बनाएंगे। कृषक कल्याण आयोग बनाएंगे। ब्लॉक पर कम दरों पर अपनी फसल बेचने को बाध्य न हो, इसलिए ब्लॉक स्तर पर न्यून दरों पर गोदाम बनाए जाएंगे। गरीबों के लिए चिकित्सा कार्ड बनेंगे, किसी भी चिकित्सालय में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। पांच हजार की कीमत पर छात्रों को लैपटॉप, एक हजार पर टैबलेट, छात्राओं को मुफ्त साइकिल दी जाएगी।' बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में हर साल पांच लाख लोगों को सरकारी नौकरी का वादा किया है। साथ ही उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने का वादा। इस मौके पर मौजूद पार्टी के नेता सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा, 'बीजेपी शासित अन्य राज्यों जैसे विकास का वादा। यह घोषणापत्र नहीं संकल्पपत्र है।'


   एडिलेड टेस्ट : में भी भारत हार के कगार पर
एडिलेड।। एडिलेड टेस्ट में भी टीम इंडिया की हार अब तय लग रही है। टीम के चार टॉप बैट्समैन गंभीरसहवागद्रविड़ और सचिन आउट हो चुके हैं और हार से बचने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है। मैदान पर लक्ष्मण और विराट कोहली हैंलेकिन ऐसा नहीं कहा जा सकता कि वे हार को टाल पाएंगे। सचिन तेंडुलकर सिर्फ 13 रन बनाकर आउट हुए। पहली बार ऐसा हुआ कि सचिन किसी सीरीज़ में सेंचुरी नहीं बना पाए। द्रविड़ सिर्फ 25 रन बनाकर पविलियन लौटे। सचिन को लियोन ने और द्रविड़ को हैरिस ने आउट किया। इससे पहले भारत की दूसरी पारी की शुरुआत ठीक नहीं रही। गौतम गंभीर सिर्फ 3 रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें हैरिस की बॉल पर हैडिन ने कैच किया। लेकिन सहवाग पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और वह शुरू से ही बेहतरीन शॉट लगाते रहे। उन्होंने 53 बॉल पर 62 रनों की पारी खेली। उन्होंने अपनी पारी के दौरान 12 चौके लगाए। सहवाग को लियोन की बॉल पर पॉन्टिंग ने कैच किया। ऑस्ट्रेलिया ने भारत को जीत के 500 रनों का टारगेट दिया है। लंच के तुरंत बाद ऑस्ट्रेलिया ने दूसरी पारी विकेट पर 167 रनों पर घोषित कर दी। रिकी पॉन्टिंग ने 60 रन बनाकर नॉट आउट रहे। भारत की ओर से अश्विन ने विकेट लिए। इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने चौथे दिन 3 विकेट पर 50 रनों से आगे खेलना शुरू किया। पॉन्टिंग और क्लार्क दोनों संभलकर खेल रहे थे और ऐसा लग रहा था कि दोनों एक बड़ी पार्टनरशिप करेंगे। लेकिन जैसे ही ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 111 रन पहुंचा उमेश यादव ने कप्तान माइकल क्लार्क को पविलियन की राह दिखा दी। क्लार्क 37 रन बनाकर आउट हुए। उसके बाद मैदान पर आए माइकल हसी ज्यादा देर तक टिक नहीं पाए और 15 रन बनाकर पविलियन लौट गए। हसी को इशांत शर्मा ने आउट किया। इसके बाद डेविड हसी मैदान पर आए। लंच तक ऑस्ट्रेलिया ने विकेट पर 154 रन बनाए थे। लंच के तुरंत बाद जब ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 167 पहुंचा तो उसने पारी घोषित कर दी। इस तरह से ऑस्ट्रेलिया को 499 रनों की बढ़त मिली और भारत को 500 रनों का टारगेट। इससे पहले मैच के तीसरे दिन टीम इंडिया 272 रनों पर आउट हो गई। विराट कोहली ने सबसे अधिक 116 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पारी विकेट पर 604 रनों पर घोषित की थी।






   आज होगी यूआईडी मामले में कैबिनेट की बैठक
नई दिल्ली। देश के प्रत्येक नागरिक को विशिष्ट पहचान पत्र देने वाले आधार कार्ड प्राधिकरण की मियाद बढ़ाई जा सकती है। इस बारे में फैसला लेने के लिए आज प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी बैठक बुलाई गई है। यूपीए सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक, आधार योजना से विवादों का साया क्या हट पाएगा? क्या इसकी मियाद बढ़ाई जाएगी? इन्हीं सवालों का जवाब ढूंढने के लिए आज प्रधानमंत्री की अगुवाई में कैबिनेट कमेटी की बैठक बुलाई गई है। विवाद की वजह वो चिट्ठी है जो गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखी थी। चिठ्ठी में चिदंबरम ने सवाल उठाया था कि बायोमेट्रिक डाटा इकठ्ठा करने का काम आख़िर किसका है? यूआईडी का या भारत के रजिस्ट्रार जनरल का? आधार कार्ड के लिए भी बायोमेट्रिक आंकड़े जुटाए जा रहे हैं। जिन पर गृहमंत्री ने सवाल उठाया था। गृह मंत्रालय और योजना आयोग के बीच खिंची तलवारों का आलम ये है कि इस मुद्दे पर बुधवार को होने वाली कैबिनेट बैठक टालनी पड़ी थी। इसके बाद आधार प्राधिकरण की मियाद बढ़ाने को लेकर फैसला करने से पहले खुद प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों से विचार विमर्श किया। बुधवार को हुई बैठक में वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी के अलावा गृहमंत्री पी. चिदंबरम, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, नंदन नीलेकणी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन भी मौजूद थे। यूआईडीएआई यानी यूनीक आइडेंटिफिकेशन ऑफ इंडिया का गठन 29 जनवरी 2009 को हुआ था। इसका मुख्य मकसद है बायोमेट्रिक आंकड़े इकट्ठा कर लोगों को एक कार्ड देना जिसे आधार कार्ड नाम दिया गया। इंफोसिस के सह अध्यक्ष रहे नंदन निलेकनी की अगुवाई में ये काम 31 मार्च 2012 तक पूरा होना था। लेकिन शुरूआत से ही योजना विवादों के घेरे में आ गई। गृह मंत्रालय की दलील है कि जब देश में राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर यानी एनपीआर बनाने का काम चल ही रहा है तो फिर अलग से एक कार्ड बनाने की ज़रूरत क्या है। कैबिनेट बैठक में ऐसा कोई बीच का रास्ता निकालना होगा, जिससे गृह मंत्रालय के तहत बन रहे एनपीआर और यूआईडी दोनों योजनाएं बिना किसी दिक्कत के साथ साथ चल सकें और उनमें कोई दोहराव भी ना हो।

                                           'केरल के राज्य़पाल का निधन'
चेन्नई/तिरूवनंतपुरम:  केरल के राज्यपाल एम ओ एच फारूक का 75 वर्ष की अवस्था में गुरुवार देर रात चेन्नई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। फारूक के निधन पर राज्य में सात दिनों का राजकीय शोक घोषित किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। ज्ञात हो कि इस महीने की शुरुआत में फारूक को चेन्नई में इलाज कराने के लिए छुट्टी दी गई थी। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री ओमन चांडी जो त्रिशूर की अपनी आधिकारिक यात्रा पर थे, राज्यपाल के निधन के बाद अपना कार्यक्रम स्थगित कर दिया है। वह फारूक को श्रद्धांजलि देने के लिए शुक्रवार सुबह चेन्नई के लिए रवाना होंगे। केरल सरकार ने राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों के लिए अवकाश घोषित किया है। केंद्र सरकार के राजधानी स्थित कार्यालय भी बंद रहेंगे । उल्लेखनीय है कि पुडुचेरी के तीन बार मुख्यमंत्री रहे और पूर्व केंद्रीय मंत्री फारूक ने पिछले साल के आठ सितम्बर को राज्यपाल पद की शपथ ली थी। इसके अलावा फारूक पुडुचेरी से तीन बार 1991, 1996 और 1999 में लोकसभा के लिए चुने गए। वह प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव की सरकार में जून 1991 से दिसम्बर 1992 तक केंद्रीय उड्डयन राज्य मंत्री रहे।

Wednesday, January 25, 2012


माधवान के सरकारी पद संभालने पर रोक
नई दिल्ली: विवादास्पद एंट्रिक्स-देवास करार में भूमिका निभाने को लेकर सरकार ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख जी माधवन नायर और तीन अन्य प्रख्यात अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के खिलाफ अभूतपूर्व अनुशासनात्मक कार्रवाई के तहत उनके किसी भी सरकारी पदभार ग्रहण पर रोक लगा दी है। अपने खिलाफ उठाए गए इस कदम से गुस्साए नायर ने इसके लिए इसरो के मौजूदा अध्यक्ष के. राधाकृष्णन को जिम्मेदार ठहराया है। नायर ने आरोप लगाया कि इसके पीछे उनका हाथ है और वह सरकार को गुमराह करने के लिए एक निजी एजेंडाचला रहे हैं। नायर ने बेंगलूर में बताया, ‘‘यह उनका (राधाकृष्णन का) निजी एजेंडा है। यह व्यक्ति कई लोगों को निशाना बनाने पर तुले हुए हैं और इस प्रक्रिया में वह संगठन का सत्यानाश कर रहे हैं।’’ एंट्रिक्स करार के तहत इसरो ने कथित तौर पर नियमों का उल्लंघन कर एक निजी कंपनी को एस बैंड स्पेक्ट्रम आवंटित किया था। इसरो अधिकारियों ने बताया कि नायर के अलावा इसरो में पूर्व वैज्ञानिक सचिव के. भास्कराचार्य, एंट्रिक्स (इसरो की वाणिज्यिक शाखा) के पूर्व प्रबंध निदेशक केआर श्रीधरमूर्ति, और इसरो अंतरिक्ष केंद्र के पूर्व निदेशक केएन शंकर को अंतरिक्ष विभाग ने दंडित किया है। देवास के साथ उस वक्त करार पर हस्ताक्षर किया गया था जब नायर इसरो के प्रमुख थे। भारत के प्रथम चंद्रमा मिशन चंद्रयान-1 के पीछे भी नायर की अहम भूमिका है। एक उच्चाधिकार समिति (एचपीसी) की रिपोर्ट और इस रिपोर्ट की एक समिति द्वारा पड़ताल किए जाने के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है। प्रधानमंत्री ने एंट्रिक्स और देवास के बीच हुए करार के विभिन्न पहलुओं की पड़ताल के लिए पिछले साल 31 मई को पूर्व केंद्रीय सतर्कता आयुक्त प्रत्युश सिन्हा की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय एक उच्च स्तरीय टीम गठित की थी। नायर ने कहा, ‘‘उन्होंने (राधाकृष्णन) पूरे मुद्दे (देवास करार) पर सरकार को गुमराह किया। इसके पीछे अहम भूमिका निभाने वाले वह मुख्य व्यक्ति हैं, उन्होंने सरकार को गुमराह किया और गलत सूचना दी और उन्होंने कार्रवाई की।’’