Saturday, August 4, 2012

स्पेक्ट्रम की कीमतों के बढने से अब होगी महंगी काल दरें

cost of the spectrum increased call rates can be expensive केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्पेक्ट्रम कीमत के मसले पर गठित अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह की सिफारिशों को मानते हुए पांच मेगाहर्ट्ज टूजी स्पेक्ट्रम का आधार मूल्य (बेस प्राइस) 14 हजार करोड़ रुपये तय कर दिया है। सरकार ने ट्राई की ओर से तय कीमत से 20 फीसदी कम पर आधार मूल्य तय किया है, मगर टेलीकॉम कंपनियों ने अब भी इसका विरोध करते हुए मोबाइल फोन कॉल दरों की कीमतों में इजाफा होने की बात कही है। मगर टेलीकॉम विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही कंपनियां डर दिखाएं लेकिन उनके लिए ऐसा करना इतना आसान नहीं होगा। 
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में स्पेक्ट्रम नीलामी का आधार मूल्य तय किया गया। बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने इसका ऐलान किया। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने 2 जी स्पेक्ट्रम का आधार मूल्य 18 हजार करोड़ रुपये तय किया था, जिसका टेलीकॉम कंपनियों ने विरोध किया था। अब कंपनियां कैबिनेट की ओर से तय 20 फीसदी कम मूल्य का भी विरोध कर रही हैं। 
टेलीकॉम कंपनियों के संगठन सेल्यूलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया और सीडीएमए ऑपरेटर संगठन एयूएसपीएआई ने इसका विरोध किया है। संगठनों ने मोबाइल कॉल दरों में इजाफा करने के संकेत दिए हैं। वहीं, टेलीकॉम विशेषज्ञ महेश उप्पल का मानना है कि कंपनियां भले ही जितना भी सरकार और ग्राहकों को चेताएं मगर उनके लिए कॉल दरें बढ़ाना इतना आसान नहीं होगा। प्रतिस्पर्धा के दौर में मुनाफे को भूलकर कॉल दरें बढ़ाना संभव नहीं है। 
बहरहाल, कंपनियों के ऐतराज को देखते हुए स्पेक्ट्रम की कीमत चुकाने में सरकार ने इनको राहत देने की भी कोशिश की है। सरकार ने कंपनियों को स्पेक्ट्रम की कीमत किस्तों के जरिए चुकाने का विकल्प दिया है। आवंटन मूल्य के भुगतान का कुछ हिस्सा चुकाने के बाद बाकी की राशि चुकाने के लिए कंपनियों को दस साल का समय मिलेगा। वहीं बैंक से मोरगेज कर्ज लेने की सुविधा भी होगी। 
सिब्बल ने कहा कि कंपनियों को निवेश राशि जुटाने के लिए स्पेक्ट्रम को मोरगेज करने की छूट दी जाएगी। इससे कर्ज देने वाले बैंकों को भी अपने निवेश की गारंटी मिलेगी। कैबिनेट ने सीडीएमए आधारित मोबाइल कंपनियों के लिए पांच मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की कीमत 18, 200 करोड़ रुपये तय की है। सिब्बल ने कहा कि सरकार स्पेक्ट्रम नीलामी करने के लिए सुप्रीम कोर्ट से और समय मांग सकती है। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक नीलामी की समयसीमा तय कर रखी है।

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