Saturday, August 18, 2012

संसद आई पूर्वोत्तर के लोगों के साथ

कर्नाटक: पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन जारी, पांच गिरफ्तार  पूर्वोत्तर के लोग भयमुक्त होकर देश में कहीं भी रहें। उनकी रक्षा की जवाबदेही सरकार की है। सरकार इसे पूरी ताकत से निभाएगी। कुछ लोग देश को संकट में डालना चाहते हैं, लेकिन सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी।  
बेंगलुरू और पुणे समेत कई शहरों से पलायन कर रहे पूर्वोत्तर के लोगों में विश्वास बनाए रखने के लिए शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों ने पूर्वोत्तर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई। सदन में सरकार ने आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा की जाएगी और अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लोकसभा में जहां इस मसले पर लगभग दो घंटे तक चर्चा हुई, वहीं राज्यसभा में भी पूर्वोत्तर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए संकल्प पारित किया गया।  मामले की नजाकत को समझते हुए स्पीकर मीरा कुमार ने प्रश्नकाल स्थगित करके इस मसले पर चर्चा की इजाजत दी। चर्चा की शुरुआत लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने की। उन्होंने कहा कि दलगत भावना से उठकर पूर्वोत्तर के लोगों को यह संदेश देने की जरूरत है कि उन्हें भयभीत होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों के लिए हेल्पलाइन बनाने और पुलिस गश्त बढ़ाने की भी मांग की। कांग्रेस की ओर से निनांग एरिंग ने कहा कि अफवाहों की वजह से लोगों में दहशत है। अफवाह फैलाने वाले देश के दुश्मन हैं और इनसे कड़ाई से निपटा जाए। जेडीयू के शरद यादव ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत का मुकुट है और इसकी रक्षा की जानी चाहिए। 
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वस्त किया कि वे भयमुक्त होकर देश में कहीं भी रहें। उनकी रक्षा की जवाबदेही सरकार की है। सरकार इसे पूरी ताकत से निभाएगी। कुछ लोग देश को संकट में डालना चाहते हैं, लेकिन सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी। शिवसेना के अनंत गीते ने पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की साजिश की आशंका जताते हुए कदम उठाने की मांग की।  

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