
अरोड़ा ने 2005 में तत्कालीन कैबिनेट सचिव बी के चतुर्वेदी को यह चिट्ठी लिखी थी। एक तरह से देखें तो अरोड़ा ने उस वक्त व्हिसल ब्लोअर का रूप अख्तियार किया था। अरोड़ा ने उस वक्त के नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल और उनके ओएसडी के एन चौबे के ऊपर गंभीर आरोप लगाए हैं। मुख्य आरोप है कि इंडियन एयरलाइंस को फायदा पहुंचाने वाले रूट पर जाने से रोका गया। खासकर कि इस पूरी प्रक्रिया में प्राइवेट एयरलाइंस को फायदा पहुंचाया गया। इसके अलावा अरोड़ा ने यह भी आरोप लगाया है कि प्रफुल्ल के कार्यकाल में जरूरत से ज्यादा ही जेट खरीदे गए। और साथ ही कुछ जेट मेकिंग कंपनीज को फायदा पहुंचाया गया। यह सब बोर्ड मीटिंग के बहाने किया गया। एआई की बोर्ड मीटिंग से पहले ही फैसला कर लिया जाता था और फोन पर मौखिक रूप से प्रबंधन को आदेश दे दिया जाता था। 2005 की इस चिट्ठी को लेकर दो संसद सदस्यों ने सीवीसी से जांच की मांग की है। साफ तौर पर पूर्व सीएमडी ने तत्कालीन नागरिक उड्डयन मंत्री पर बेहद गंभीर आरोप लगाया है। भ्रष्टाचार, महंगाई जैसे मुद्दों पर पहले से निशाने पर रही यूपीए सरकार को यह चोट भी गहरा जख्म देगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
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