Monday, July 16, 2012


अमरमणि की सजा बरकरार : मधुमिता हत्याकांड
नैनीताल। उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल लाने वाले मधुमिता शुक्ला हत्याकांड में सोमवार को उत्तराखंड हाई कोर्ट की खंड पीठ उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी को राहत देने से मना कर दिया है। कोर्ट ने अमरमणि की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है। कोर्ट ने इस मामले में अन्य आरोपियों की भी सजा को बरकरार रखा है। मधुमिता हत्याकांड में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी, उनकी पत्नी समेत अन्य आरोपी फिलहाल आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। उन्होंने सीबीआइ देहरादून की कोर्ट के आजीवन कारावास के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। वहीं हत्याकांड की मुख्य वादी मधुमिता की बहन निधि शुक्ला ने मुख्य अभियुक्त पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी पर सपरिवार जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है। इससे तंग आकर उसने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर इच्छा मृत्यु की मांग की है। दिल्ली से फोन पर निधि ने बताया कि पिछले दस साल से वह इंसाफ की लड़ाई लड़ रही है। उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार के सत्तासीन होने के बाद अमरमणि जेल प्रशासन और कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखा रहे हैं। पत्र में आरोप है कि उम्रकैद की सजा पाए मंत्री जनता दरबार लगाकर लोगों को इंसाफ दिलाने का आश्वासन भी दे रहे हैं। साथ ही लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर रहे हैं। निधि का कहना है कि उसने गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक और कमिश्नर को धमकियों के संबंध में पत्र भी भेजे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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