रोहित कहते हैं कि एनडी तिवारी उनके नाजायज बाप हैं। वह कहते हैं, 'कोई भी मासूम नाजायज कैसे हो सकता है, नाजायज तो वह बाप होता है जिसने बच्चे को पैदा किया। तिवारी की कानूनी मुश्किलें तो अब शुरू होने वाली हैं। मैं अपने हर कानूनी अधिकार लूंगा। मां के साथ हुए अन्याय की कीमत चुकानी होगी।'
रोहित का कहना है कि लोग तो जायज औलाद का हक पाने के लिए लड़ते हैं, लेकिन दुनिया के शायद वह इकलौते शख्स हैं, जो खुद को जायज औलाद घोषित कराने के लिए अदालत पहुंचे। वह दुनिया को बताना चाहते थे कि एनडी तिवारी ही उनके पिता हैं। रोहित के मुताबिक बचपन बीतने के बाद जब वह बड़े हो रहे थे तो अक्सर अपनी मां पर बरस पड़ते थे कि उन्होंने उनका जीवन बर्बाद कर दिया।
87 साल के नारायण दत्त तिवारी को शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर रोहित शर्मा का जैविक पिता घोषित कर दिया था। 32 साल के रोहित पिछले पांच साल से अदालती लड़ाई जारी रखे हुए थे। देश में यह अपने तरह का पहला मामला है जब कोर्ट में किसी का पिता होना साबित किया गया है।
रोहित शेखर ने 2007 में कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि तिवारी उनके जैविक पिता (देखें संबंधित तस्वीरें) हैं। कोर्ट के आदेश पर रोहित और उनकी मां उज्ज्वला शर्मा ने ब्लड सैंपल दिए। लेकिन तिवारी इससे मना करते रहे। कोर्ट ने जबरदस्ती सैंपल लेने का आदेश दिया। इस साल मई में डॉक्टरों के दल ने जिला जज की मौजूदगी में उनके घर जाकर सैंपल लिया। तिवारी इसके बाद डीएनए रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किए जाने की कोशिश करते रहे।
रोहित का कहना है कि लोग तो जायज औलाद का हक पाने के लिए लड़ते हैं, लेकिन दुनिया के शायद वह इकलौते शख्स हैं, जो खुद को जायज औलाद घोषित कराने के लिए अदालत पहुंचे। वह दुनिया को बताना चाहते थे कि एनडी तिवारी ही उनके पिता हैं। रोहित के मुताबिक बचपन बीतने के बाद जब वह बड़े हो रहे थे तो अक्सर अपनी मां पर बरस पड़ते थे कि उन्होंने उनका जीवन बर्बाद कर दिया।
87 साल के नारायण दत्त तिवारी को शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने डीएनए रिपोर्ट के आधार पर रोहित शर्मा का जैविक पिता घोषित कर दिया था। 32 साल के रोहित पिछले पांच साल से अदालती लड़ाई जारी रखे हुए थे। देश में यह अपने तरह का पहला मामला है जब कोर्ट में किसी का पिता होना साबित किया गया है।
रोहित शेखर ने 2007 में कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि तिवारी उनके जैविक पिता (देखें संबंधित तस्वीरें) हैं। कोर्ट के आदेश पर रोहित और उनकी मां उज्ज्वला शर्मा ने ब्लड सैंपल दिए। लेकिन तिवारी इससे मना करते रहे। कोर्ट ने जबरदस्ती सैंपल लेने का आदेश दिया। इस साल मई में डॉक्टरों के दल ने जिला जज की मौजूदगी में उनके घर जाकर सैंपल लिया। तिवारी इसके बाद डीएनए रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किए जाने की कोशिश करते रहे।
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