संवेदनशीलता और सामाजिक
जिम्मेदारी की कमी है महिलाओ के खिलाफ बढते अपराध के लिए : किरण वालिया
दिल्ली
की मंत्री वालिया ने शनिवार को कहा कि लड़कियां क्या पहनें यह बताने के बजाय वक्त
आ गया है कि परिवार को बताया जाए कि लड़कों की परवरिश कुछ अलग
तरीके से करें.
वालिया ने कहा,
‘‘हमें अपने घरों में लड़कों की अलग तरीके सेपरवरिश करने की जरूरत
है. लड़कों को स्कूल से ही संवेदनशील बनाए जाने की जरूरत है. हमें शुरू से ही
उन्हें बताने की जरूरत है कि शक्तिशाली होने का मतलब सुसंस्कृत होना और महिलाओं से
सम्मानपूर्वक व्यवहार करना है.’’
यह पूछने पर कि इस तरह के सुझाव दिए जा रहे हैं
कि महिलाओं के पश्चिमी कपड़े पहनने से हिंसा को बढ़ावा मिलता है तो वालिया ने कहा
कि यह बकवास विचार है और पुरुष सिर्फ इसलिए नियंत्रण नहीं खो सकते कि किसी महिला
ने पश्चिमी पहनावे पहन रखे हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसे लोग अगर पश्चिमी देशों में जाते हैं
तो क्या करेंगे? पागल हो जाएंगे? और
हमने हर प्रकार की और हर उम्र वर्ग की महिलाओं के खिलाफ हिंसा देखी है. मैं ऐसा
नहीं मानती.’’
उन्होंने कहा,
‘‘परिवर्तन के लिए कानून एक महत्वपूर्ण उपकरण है लेकिन पूरा समाधान
नहीं है.’’
बलात्कार कानून में परिवर्तन और इसे अधिक कड़ा
और जुर्माने वाला बनाने के मुद्दे पर वालिया ने कहा कि जब तक सजा की दर कम है तब
तक इससे कोई ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं है.
उन्होंने कहा कि केवल सजा में बढ़ोतरी होने भर
से ज्यादा बदलाव आने वाला नहीं है जब तक कि तेजी से समाधान की प्रक्रिया लागू नहीं
होती.
वालिया ने कहा कि समाज में आधुनिकता को केवल
आंशिक तौर पर अपनाया गया और नयी पीढ़ी के युवा अगर प्रतिशील और आधुनिक दिखना चाहते
हैं तो उन्हें दहेज जैसी बीते समय की गलत प्रथाओं को छोड़ देना चाहिए.
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि
पुलिस को और जवाबदेह बनाने की जरूरत है और उसे पीड़ित के प्रति ज्यादा जवाबदेह
बनना चाहिए न कि आरोपी के प्रति ताकि लोगों में विश्वास पैदा हो.
उन्होंने कहा,
‘‘पुलिस में सुधार हो, इस बात से मैं सहमत
हूं. लेकिन काम नहीं करने के लिए कोई बहाना नहीं हो सकता. पुलिस को सक्रिय और
पीड़ितों के प्रति सक्रिय होना होगा. मैंने उन अधिकारियों से बात की है जो कहते
हैं कि वे तस्करी के केन्द्रों से अवगत हैं. फिर वे कार्रवाई क्यों नहीं करते और
यह पूरे भारत की पुलिस पर लागू होता है.’’
उन्होंने कहा कि तस्करी पर नियंत्रण लगाने में
सबसे बड़ी भूमिका प्रतिबद्ध पुलिस की होती है.
उन्होंने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कानून के
दुरुपयोग के मामलों और घरेलू हिंसा कानून पर भी चिंता जताई लेकिन कहा कि ऐसे मामले
बहुत कम होते हैं.
वालिया ने कहा कि सरकार ने हाल में विधवाओं और
अभावग्रस्त महिलाओं की सहायता राशि को एक हजार रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 1500 रुपये प्रति महीने कर दिया है और अकेली
एवं परिवारों पर आश्रित वृद्ध महिलाओं के सहयोग के लिए योजना लाने पर विचार कर रही
है.
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