नई दिल्ली : कराधान मामले में और पारदर्शिता लाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को एक समिति गठित की। यह समिति सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) और अनुसंधान एवं विकास से जुड़ी गतिविधियों से संबद्ध मामलों को देखेगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के पूर्व अध्यक्ष एन रंगाचारी की अध्यक्षता वाली समिति सामान्य कर-वंचन रोधी नियम (गार) के प्रावधानों की समीक्षा के लिए गठित समिति से अलग होगी। गार समिति विदेशी निवेशकों की समस्या का समाधान करेगी। चार सदस्यों वाली नई समिति विकास केंद्रों के कराधान के तरीके को अंतिम स्वरूप देने और उचित पहल सुझाने के लिए संबद्ध पक्षों और संबंधित विभागों से परामर्श करेगी।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी के काराधान से जुड़े कुछ अन्य मामलों के समाधान मसलन विकास केंद्र के कराधान के तरीके, घरेलू साफ्टवेयर कंपनियों की आनसाइट सेवाओं की कर व्यवस्था और बजट 2010 में घोषित सुरक्षित ठिकाने (सेफ हार्बर) के प्रावधान को अंतिम स्वरूप देने के लिए और ध्यान देने की जरूरत महसूस की गई । सेफ हार्बर अंतरराष्ट्रीय खुलासे की प्रक्रिया है ताकि ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े कानूनी मामलों में कमी की जा सके। ट्रांसफर प्राइसिंग लेखा प्रक्रिया है जो बहुराष्ट्रीय कंपनियां कर देनदारी कम करने के लिए अख्तियार करती हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, सूचना प्रौद्योगिकी के काराधान से जुड़े कुछ अन्य मामलों के समाधान मसलन विकास केंद्र के कराधान के तरीके, घरेलू साफ्टवेयर कंपनियों की आनसाइट सेवाओं की कर व्यवस्था और बजट 2010 में घोषित सुरक्षित ठिकाने (सेफ हार्बर) के प्रावधान को अंतिम स्वरूप देने के लिए और ध्यान देने की जरूरत महसूस की गई । सेफ हार्बर अंतरराष्ट्रीय खुलासे की प्रक्रिया है ताकि ट्रांसफर प्राइसिंग से जुड़े कानूनी मामलों में कमी की जा सके। ट्रांसफर प्राइसिंग लेखा प्रक्रिया है जो बहुराष्ट्रीय कंपनियां कर देनदारी कम करने के लिए अख्तियार करती हैं।
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