नई दिल्ली।। टीम अन्ना का अनशन इस बार कितने दिन चलेगा? जंतर-मंतर पर टीम अन्ना के समर्थन में बेहद कम भीड़ देखकर अब यह सवाल उठने लगा है। टीम अन्ना भी लोगों की बेरुखी से परेशान है। हालांकि, अन्ना हजारे ने शुक्रवार को इस पर कहा कि वह कम भीड़ को लेकर परेशान नहीं हैं। उन्होंने साफ किया टीम अन्ना कोई पार्टी भी नहीं बनाने जा रही है। गुरुवार को टीम अन्ना के समर्थकों ने मीडियावालों से भी बदसलूकी कर दी। अनशन के तीसरे दिन अब भीड़ जुटाने के लिए रामदेव का सहारा लिया जाएगा। रामदेव आज दोपहर करीब 3 बजे जंतर-मंतर पहुंचकर अन्ना के आंदोलन को समर्थन देंगे। अरविंद केजरीवाल को कम पसंद बाबा रामदेव आज अगर भीड़ जुटाते हैं, तो टीम अन्ना का हौसला कुछ बढ़ सकता है। लेकिन इसी के साथ बाबा रामदेव का रोल भी तय हो जाएगा। टीम अन्ना की नजर वीकेंड की भीड़ पर भी है। खास बात यह है कि इस बार अन्ना के समर्थन में गांवों से तो लोग आ रहे हैं, लेकिन यूथ गायब है।
उधर, दूसरे ही दिन अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया का शुगर और ब्लड प्रेशर गिरने से भी मामला गड़बड़ा रहा है। दूसरे तरफ टीम अन्ना को उम्मीद के मुताबिक समर्थन न मिलने का असर चंदे पर भी दिख रहा है। टीम अन्ना को दो दिन में महज तीन लाख का चंदा मिला है। पिछली बार इससे कई गुना ज्यादा चंदा इकट्ठा हो गया था।
भीड़ क्यों नहीं आ रही, इस पर टीम के अंदर काफी माथापच्ची हो रही है। लेकिन यह समझ में नहीं आ रहा है कि पब्लिक का समर्थन कैसे बढ़ाया जाए। सरकार और सिस्टम पर कई तरह के अटैक के बीच अन्ना हजारे द्वारा सीधे किसी का नाम लेने से बचना, यह सब मतभेद का मेसेज दे रहा है।
अन्ना ने गुरुवार को राष्ट्रपति बन गए प्रणव मुखर्जी को शुभकामनाएं भी दे दीं। सूत्रों के मुताबिक अन्ना से रात में कहा गया कि वह भीड़ बढ़ाने के लिए कुछ करें। वहीं खतरा यह है कि अन्ना भी यदि अनशन पर बैठ जाएं और भीड़ न बढ़े, तो क्या होगा? इन सब कारणों से टीम अन्ना के लोग दुविधा में हैं। इस स्थिति के मद्देनजर खुफिया सूत्रों का मानना है कि टीम अन्ना 4-5 दिन से ज्यादा का अनशन अफोर्ड नहीं कर पाएगी?
उधर, दूसरे ही दिन अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसौदिया का शुगर और ब्लड प्रेशर गिरने से भी मामला गड़बड़ा रहा है। दूसरे तरफ टीम अन्ना को उम्मीद के मुताबिक समर्थन न मिलने का असर चंदे पर भी दिख रहा है। टीम अन्ना को दो दिन में महज तीन लाख का चंदा मिला है। पिछली बार इससे कई गुना ज्यादा चंदा इकट्ठा हो गया था।
भीड़ क्यों नहीं आ रही, इस पर टीम के अंदर काफी माथापच्ची हो रही है। लेकिन यह समझ में नहीं आ रहा है कि पब्लिक का समर्थन कैसे बढ़ाया जाए। सरकार और सिस्टम पर कई तरह के अटैक के बीच अन्ना हजारे द्वारा सीधे किसी का नाम लेने से बचना, यह सब मतभेद का मेसेज दे रहा है।
अन्ना ने गुरुवार को राष्ट्रपति बन गए प्रणव मुखर्जी को शुभकामनाएं भी दे दीं। सूत्रों के मुताबिक अन्ना से रात में कहा गया कि वह भीड़ बढ़ाने के लिए कुछ करें। वहीं खतरा यह है कि अन्ना भी यदि अनशन पर बैठ जाएं और भीड़ न बढ़े, तो क्या होगा? इन सब कारणों से टीम अन्ना के लोग दुविधा में हैं। इस स्थिति के मद्देनजर खुफिया सूत्रों का मानना है कि टीम अन्ना 4-5 दिन से ज्यादा का अनशन अफोर्ड नहीं कर पाएगी?
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