येरुशलम। अमेरिका ने ईरान की ओर से खतरा बढ़ने और वार्ता टूटने की स्थिति में उस पर कार्रवाई की योजना बना ली है। अमेरिका ने आकस्मिक हमले की यह योजना अपने करीबी सहयोगी इजरायल के साथ साझा भी की है। एक इजरायली अखबार के मुताबिक, अमेरिकी राष्ट्रपति के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार थामस डोनिलॉन ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की मुलाकात के दौरान इस ब्योरे को साझा किया गया। अमेरिका ने ईरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर उसपर हमले की योजना बनाई है। हालांकि, इस सनसनीखेज खुलासे पर इजरायल सरकार ने कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है।
इजराइली समाचार-पत्र ‘हारित्ज’ में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुलाकात के दौरान नेतन्याहू को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की अमेरिकी योजना के बारे में बताया गया। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से हारित्ज की रिपोर्ट में बताया गया कि डोनिलॉन ने मुलाकात के दौरान नेतन्याहू को हमलों के संदर्भ में अमेरिका के कई विकल्पों के बारे में भी बताया था। नेतन्याहू ने तीन घंटे तक चले एक रात्रिभोज की मेजबानी की थी जिसमें डोनिलॉन भी मौजूद थे। इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार याकोव अम्रिडोर भी इस दौरान कुछ देर के लिए वहां मौजूद थे।
डोनिलॉन ने इजरायली प्रधानमंत्री से कहा कि अमेरिका की तैयारी न सिर्फ इजरायली चिंताओं को कम करने के लिए है, बल्कि अमेरिका ऐसी स्थिति के लिए भी खुद को तैयार कर रहा है जिसमें सैन्य कार्रवाई आवश्यक हो जाए। हालांकि, वार्ता में शामिल एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने अखबार को बताया कि मौजूद खुफिया जानकारी के मुताबिक अमेरिका को लगता है कि अब भी कूटनीतिक रास्ते के लिए वक्त बचा हुआ है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने नेतन्याहू और डोनिलॉन के बीच हुई निजी बातचीत के ब्योरे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी ने कहा है कि ईरान क्षेत्र और दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है। देश में इजरायल समर्थक व यहूदी समुदाय के वोटों को अपने पक्ष में करने के उद्देश्य से इजरायल की यात्रा पर आए रोमनी ने खुलकर ईरान का विरोध किया। रोमनी ने तो यहां तक कह दिया कि वह इजरायल की ओर से ईरान पर किए गए किसी आक्रमण का भी समर्थन करेंगे। रोमनी ने इजरायल के राष्ट्रपति शिमोन पेरेज, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ-साथ देश की मुख्य पार्टियों के नेताओं से भी बातचीत की।
इजराइली समाचार-पत्र ‘हारित्ज’ में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस मुलाकात के दौरान नेतन्याहू को ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले की अमेरिकी योजना के बारे में बताया गया। एक वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी के हवाले से हारित्ज की रिपोर्ट में बताया गया कि डोनिलॉन ने मुलाकात के दौरान नेतन्याहू को हमलों के संदर्भ में अमेरिका के कई विकल्पों के बारे में भी बताया था। नेतन्याहू ने तीन घंटे तक चले एक रात्रिभोज की मेजबानी की थी जिसमें डोनिलॉन भी मौजूद थे। इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार याकोव अम्रिडोर भी इस दौरान कुछ देर के लिए वहां मौजूद थे।
डोनिलॉन ने इजरायली प्रधानमंत्री से कहा कि अमेरिका की तैयारी न सिर्फ इजरायली चिंताओं को कम करने के लिए है, बल्कि अमेरिका ऐसी स्थिति के लिए भी खुद को तैयार कर रहा है जिसमें सैन्य कार्रवाई आवश्यक हो जाए। हालांकि, वार्ता में शामिल एक अन्य अमेरिकी अधिकारी ने अखबार को बताया कि मौजूद खुफिया जानकारी के मुताबिक अमेरिका को लगता है कि अब भी कूटनीतिक रास्ते के लिए वक्त बचा हुआ है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने नेतन्याहू और डोनिलॉन के बीच हुई निजी बातचीत के ब्योरे पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।
अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी ने कहा है कि ईरान क्षेत्र और दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है। देश में इजरायल समर्थक व यहूदी समुदाय के वोटों को अपने पक्ष में करने के उद्देश्य से इजरायल की यात्रा पर आए रोमनी ने खुलकर ईरान का विरोध किया। रोमनी ने तो यहां तक कह दिया कि वह इजरायल की ओर से ईरान पर किए गए किसी आक्रमण का भी समर्थन करेंगे। रोमनी ने इजरायल के राष्ट्रपति शिमोन पेरेज, प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ-साथ देश की मुख्य पार्टियों के नेताओं से भी बातचीत की।
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