नई दिल्ली।। 30 जुलाई का दिन ब्लैक मंडे बन गया। नॉर्दर्न ग्रिड फेल हो जाने कारण नौ राज्यों में ब्लैक आउट के बाद आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में तमिलनाडु एक्सप्रेस के एस-11 कोच में आग लगने से 47 यात्री जिंदा जल गए, जबकि 28 अन्य बुरी तरह से घायल हो गए। काले सोमवार का अंत इसी बुरी खबर के साथ नहीं हुआ, अमृतसर में एक मानवरहित क्रॉसिंग पर पैसेंजर ट्रेन से स्कूल बस टकरा गई। इस हादसे में 5 बच्चों की मौत हो गई और 19जख्मी हो गए। हरियाणा के भिवानी में भी एक बड़ा हादसा हुआ। श्रद्धालुओं से भरा एक कैंटर ट्रक से टकरा गया। हादसे में 32 लोगों की मौत हो गई और लगभग 15 लोग घायल हैं, जिनकी हालत गंभीर है। भिवानी के एसपी ने बताया कि 22 व्यक्तियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बाकियों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। श्रद्धालु राजस्थान के धुलघा मारी मंदिर से हरियाणा के कैथल जिले के कालायत जा रहे थे। दिल्ली से चेन्नै जा रही तमिलनाडु एक्सप्रेस के एस-11 डिब्बे में तड़के 5 बजे के करीब आग लग गई। डिविजनल रेलवे मैनेजर अनिल कुमार ने बीबीसी वर्ल्ड सर्विस से बातचीत में इस हादसे में 47 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि शॉर्ट सर्किट की वजह से डिब्बे में आग लगी। जब आग लगी तो ज्यादातर लोग सोए हुए थे। सुबह पांच बजे हुए इस हादसे के शिकार ज्यादातर यात्रियों के शव पहचानने लायक भी नहीं रह गए हैं। कई लोग घायल भी हुए हैं, जिन्हें नेल्लोर के अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। रेल मंत्री मुकुल रॉय ने ट्रेन हादसे में मारे गए लोगों के परिवार को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है। नेल्लोर के डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर श्रीधर ने बताया कि डिब्बे में आग टॉयलेट के पास शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी है। मौके पर पुलिस और रेलवे के आला अधिकारी पहुंच गए हैं। आग को पूरी तरह से बुझा लिया गया है और जले हुए डिब्बे को अलग करके बाकी ट्रेन को चेन्नै रवाना कर दिया गया है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब ट्रेन में आग लगी तो कुछ लोगों की आंखें खुल गई। ट्रेन नेल्लोर स्टेशन से थोड़ी देर पहले ही खुलने की वजह से धीरे चल रही थी। कुछ यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर जान बचाई, कुछ यात्रियों ने थोड़ी समझदारी से काम लिया और चेन खींचने के बाद जान बचाने के लिए दूसरे डिब्बे में चले गए। ट्रेन रुकने के बाद अफरातफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ लोग तो अपनी जान बचाने में कामयाब रहे, लेकिन जिनकी आंख खुलने में देर हो गई उन्हें आग ने अपनी आगोश में ले लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब ट्रेन में आग लगी तो कुछ लोगों की आंखें खुल गई। ट्रेन नेल्लोर स्टेशन से थोड़ी देर पहले ही खुलने की वजह से धीरे चल रही थी। कुछ यात्रियों ने ट्रेन से कूदकर जान बचाई, कुछ यात्रियों ने थोड़ी समझदारी से काम लिया और चेन खींचने के बाद जान बचाने के लिए दूसरे डिब्बे में चले गए। ट्रेन रुकने के बाद अफरातफरी मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ लोग तो अपनी जान बचाने में कामयाब रहे, लेकिन जिनकी आंख खुलने में देर हो गई उन्हें आग ने अपनी आगोश में ले लिया।
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