नई दिल्ली. टीम अन्ना भीड़ आने के लिए सप्ताहांत का इंतेजार कर रही थी लेकिन शनिवार को भी जंतर-मंतर पर गिने चुने लोग ही पहुंचे। लेकिन भीड़ के न आने से अन्ना हजारे के हौसले नहीं डिगे हैं। अन्ना हजारे रविवार से एक बार फिर लोकपाल की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे।
भ्रष्टाचार के खिलाफ टीम अन्ना के अनशन का चौथा दिन भी फीका ही रहा। सुबह जंतर-मंतर पर गिने चुने ही लोग थे। यही नहीं आंदोलन के नेता भी करीब दस बजे तक गायब थे। अन्ना हजारे अपनी करीबी सहयोगी किरण बेदी और कुमार विश्वास के साथ करीब साढ़े दस बजे अनशन स्थल पहुंचे। भीड़ का रुझान शनिवार को भी ढीला ही रहा। दोपहर १२ बजे तक करीब ४०० लोग ही अनशन स्थल पर पहुंचे थे। गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल और अगस्त में हुए अनशन में हजारों की तादाद में लोगों ने हिस्सा लिया था।
मंच से बोलते हुए अन्ना हजारे ने कांग्रेस और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि देश का भविष्य इन राजनीतिक दलों के हाथ में सुरक्षित नहीं है। अन्ना हजारे ने एक बार फिर यह स्पष्ट किया कि वो खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे लेकिन अच्छे उम्मीदवारों का समर्थन करेंगे। अन्ना हजारे ने सरकार पर लगातार धोखा देने और देश को अंधेरे में रखने के आरोप लगाए। अन्ना हजारे ने कहा, 'लोकपाल के मुद्दे पर सरकार ने हमेशा धोखा दिया है और वो एक बार फिर अनशन करने के लिए मजबूर हैं।' अन्ना ने कहा कि मैं रविवार से अनशन करने जा रहा हूं। मैं जानता हूं कि मेरा स्वास्थ्य खराब है और अनशन करना आसान नहीं है।
अन्ना ने कहा कि जब तक जनलोकपाल नहीं मिलेगा मैं अनशन करता रहूंगा। दोपहर को करीब एक हजार लोगों की भीड़ जंतर-मंतर पर इकट्ठा हो गई थी। भीड़ को संबोधित करते हुए अन्ना ने कहा कि उन्होंने सरकार को लोकपाल पर फैसला लेने के लिए चार दिन का अल्टीमेटम दिया था जो रविवार को समाप्त हो रहा है इसलिए वो अब खुद अनशन पर बैठेंगे।
इस बार मीडिया में भी अन्ना हजारे के अनशन को कम कवरेज मिल रहा है। शनिवार सुबह को इइलेक्ट्रानिक मीडिया से टीम अन्ना के अनशन की खबरें नदारद रहीं। यही नहीं अभी तक अनशन को राजधानी दिल्ली के लोगों का समर्थन मिलना भी बाकी है।
शनिवार को भी अनशन स्थल पर करीब 200 लोग टीम अन्ना के साथ अनशन कर रहे थे। तबियत खराब होने के बाद तीन अनशनकारियों को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।
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