अफजल मामले में प्रणव दा ने साधी चुप्पी
देश के अगले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने संसद पर हमले के
दोषी अफजल गुरु की
फांसी पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया है। एक निजी
हिंदी
न्यूज चैनल से
बातचीत में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि वो जनता के राष्ट्रपति
बनेंगे।
लेकिन जब प्रणब
मुखर्जी से अफजल गुरु की फांसी पर सवाल पूछा गया तो
उन्होंने इसपर कुछ
भी
कहने से मना कर दिया।
लगभग दो तिहाई वोट पाकर विजयी हुए प्रणब ने सभी
दलों का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि हर दल का समर्थन मिलना उनके लिए सम्मान की
बात है। उधर शिवसेना ने प्रणब मुखर्जी से
अफजल गुरु की दया याचिका को खारिज कर उसकी फांसी पर मुहर लगाने की अपील की है।
ठाकरे ने पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में प्रकाशित संपादकीय में लिखा है कि प्रणब
मुखर्जी अफजल की दया याचिका को रद्द करें और उसे फांसी की सजा दी जाए। शिवसेना
अफजल की दया याचिका का विरोध करती रही है। अफजल गुरु को 2001 में संसद पर हुए हमले के मामले में फांसी की सजा दी गई है। राष्ट्रपति
प्रतिभा पाटिल ने अफजल गुरु की दया याचिका पर कोई फैसला नहीं लिया। उल्लेखनीय है
एनडीए की घटक दल शिवसेना ने गठबंधन से अलग जाकर राष्ट्रपति चुनाव में प्रणब
मुखर्जी का समर्थन किया है।
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