नई दिल्ली।। राहुल गांधी पर रेप के आरोप वाली याचिका दायर करने वाले समाजवादी पार्टी (एसपी) के पूर्व विधायक किशोर समरिते ने सनसनीखेज खुलासा किया है। किशोर ने कहा कि मुझे ऐसा करने के लिए मेरी तत्कालीन पार्टी ने ही कहा था। किशोर ने यह बात सुप्रीम कोर्ट को दिए बयान में कही।
किशोर ने 2010 में इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की थी। याचिका में राहुल गांधी पर अमेठी की एक लड़की को बंधक बनाकर रेप करने का आरोप लगाया गया था।
किशोर ने यह बात तब कही, जब अखिलेश यादव की सरकार ने ऐफिडेविट में कहा कि किशोर अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। किशोर ने कहा, 'इस वक्त राज्य में शासन कर रही पार्टी के सीनियर नेताओं ने जब याचिका दायर करने के लिए कहा तो मुझे ऐसा करना पड़ा। राज्य में बदले हुए राजनीतिक समीकरणों के तहत अब वे इससे पीछे हट रहे हैं। वे इससे पल्ला झाड़कर मुझे बलि का बकरा बनाना चाहते हैं।' मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की लांजी सीट से एसपी के टिकट पर विधायक रह चुके किशोर ने बताया कि वह यूपी सरकार के रवैये से हैरान हैं। किशोर ने बताया, 'मुझे 2010 में सीनियर नेताओं ने मिलने के लिए दिल्ली बुलाया गया था। वे नेता संसद सत्र चलने की वजह से दिल्ली में थे। वहां मुझे इस घटना के बारे में बताया गया। मैंने पहले भी जनहित में कई काम किए हैं, यह देखते हुए उन्होंने मुझसे इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दायर करने के लिए कहा।'
उन्होंने बताया कि जब वह हाई कोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए तो सीबीआई ने उनसे पूछताछ की। उस वक्त सीबीआई को भी उन्होंने सारी बात बता दी थी। किशोर ने कहा, 'यह सब सीबीआई की उस स्टेटस रिपोर्ट में भी होना चाहिए, जो वह सुप्रीम कोर्ट में देने वाली है।'
इस मामले में 7 मार्च, 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किशोर की याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने किशोर पर झूठे आरोप लगाने के लिए 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था और सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के ऑर्डर पर स्टे लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 6 अप्रैल को राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ चार और लोगों को नोटिस जारी किया था। राहुल गांधी ने इसी महीने ऐफिडेविट दिया था कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं।
किशोर ने यह बात तब कही, जब अखिलेश यादव की सरकार ने ऐफिडेविट में कहा कि किशोर अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं। किशोर ने कहा, 'इस वक्त राज्य में शासन कर रही पार्टी के सीनियर नेताओं ने जब याचिका दायर करने के लिए कहा तो मुझे ऐसा करना पड़ा। राज्य में बदले हुए राजनीतिक समीकरणों के तहत अब वे इससे पीछे हट रहे हैं। वे इससे पल्ला झाड़कर मुझे बलि का बकरा बनाना चाहते हैं।' मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की लांजी सीट से एसपी के टिकट पर विधायक रह चुके किशोर ने बताया कि वह यूपी सरकार के रवैये से हैरान हैं। किशोर ने बताया, 'मुझे 2010 में सीनियर नेताओं ने मिलने के लिए दिल्ली बुलाया गया था। वे नेता संसद सत्र चलने की वजह से दिल्ली में थे। वहां मुझे इस घटना के बारे में बताया गया। मैंने पहले भी जनहित में कई काम किए हैं, यह देखते हुए उन्होंने मुझसे इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में एक जनहित याचिका दायर करने के लिए कहा।'
उन्होंने बताया कि जब वह हाई कोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए तो सीबीआई ने उनसे पूछताछ की। उस वक्त सीबीआई को भी उन्होंने सारी बात बता दी थी। किशोर ने कहा, 'यह सब सीबीआई की उस स्टेटस रिपोर्ट में भी होना चाहिए, जो वह सुप्रीम कोर्ट में देने वाली है।'
इस मामले में 7 मार्च, 2011 को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने किशोर की याचिका को खारिज कर दिया था। हाई कोर्ट ने किशोर पर झूठे आरोप लगाने के लिए 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था और सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद किशोर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के ऑर्डर पर स्टे लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 6 अप्रैल को राहुल गांधी, उत्तर प्रदेश सरकार के साथ चार और लोगों को नोटिस जारी किया था। राहुल गांधी ने इसी महीने ऐफिडेविट दिया था कि उन पर लगाए गए आरोप झूठे हैं।
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