एनसीपी का दावा नही
छोडेंगे सरकार का साथ
राष्ट्रवादी कांग्रेस
पार्टी (एनसीपी) ने कहा है कि वह यूपीए का हिस्सा है और केंद्र सरकार को उसका
समर्थन जारी रहेगा। इससे शरद पवार के यूपीए से नाराज होने की खबरों को विराम लग
गया है। कहा जा रहा था कि
महाराष्ट्र में 26 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले के चलते एनसीपी कांग्रेस पर दबाव बना रही है। महाराष्ट्र सदन के निर्माण में भी 1 हजार करोड़ के कथित घोटाले की खबरें आ रहीं हैं। इन घोटालों की जांच से बचने के लिए शरद पवार केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पृथ्वीराज चह्वाण सरकार ने शुक्रवार को सिंचाई परियोजनाओं पर श्वेतपत्र प्रस्तुत किया है। इन परियोजनाओं में 26,000 करोड़ रुपये के घोटाले की आशंका जताई जा रही है। पिछले कई सालों से महाराष्ट्र का जल संपदा मंत्रालय एनसीपी के पास रहा है। इस समय इस विभाग के मंत्री सुनील टत्कारे हैं। आरोप हैं कि महाराष्ट्र में पिछले 8 सालों में सिंचित एरिया में तो महज 0.1 फीसदी की वृद्घि हुई है लेकिन विभाग ने सिंचाई परियोजनाओं पर 50,000 करोड़ खर्च कर दिये हैं। वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री छगन भुजबल भी महाराष्ट्र सदन के निर्माण कथित घोटाले के आरोपों का सामना कर रहे हैं। मुंबई एयरपोर्ट पर एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, 'हम यूपीए को हिस्सा हैं। केंद्र को हम समर्थन करते रहेंगे।' प्रफुल्ल पटेल शनिवार को एनसीपी सुप्रिमो शरद पवार के साथ मुंबई पहुंचे। उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि एनसीपी यूपीए पर दबाव बना रही है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का कोई नेता यदि यह कहता है कि हम यूपीए पर दबाव बना रहे हैं तो यह गलत है। हम ऐसी अटकलों में विश्वास नहीं करते।' इस बीच शरद पवार ने अपने आवास पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राज्य इकाई के अध्यक्ष मधुकर पिचाड़, गृहमंत्री आरआर पाटिल और पीडब्ल्यूडी मंत्री छगन भुजबल के साथ मंत्रणा की। बताया जा रहा है कि उन्होंने यूपीए से समर्थन वापसी के बाद बनने वाले हालात पर चर्चा की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पवार ने बैठक में दिल्ली में हुए घटनाक्रम की चर्चा की और राज्य के राजनीतिक हालात के बारे में बातचीत की। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भी एनसीपी के संबंध कांग्रेस से ठीक नहीं चल रहे हैं। बैठक में राज्य इकाई के अध्यक्ष मधुकर पिचाड़ ने कहा कि एनसीपी को पृथ्वीराज चव्हाण के कामकाज को लेकर परेशानी है।
महाराष्ट्र में 26 हजार करोड़ के सिंचाई घोटाले के चलते एनसीपी कांग्रेस पर दबाव बना रही है। महाराष्ट्र सदन के निर्माण में भी 1 हजार करोड़ के कथित घोटाले की खबरें आ रहीं हैं। इन घोटालों की जांच से बचने के लिए शरद पवार केंद्र सरकार पर दबाव बना रहे हैं। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पृथ्वीराज चह्वाण सरकार ने शुक्रवार को सिंचाई परियोजनाओं पर श्वेतपत्र प्रस्तुत किया है। इन परियोजनाओं में 26,000 करोड़ रुपये के घोटाले की आशंका जताई जा रही है। पिछले कई सालों से महाराष्ट्र का जल संपदा मंत्रालय एनसीपी के पास रहा है। इस समय इस विभाग के मंत्री सुनील टत्कारे हैं। आरोप हैं कि महाराष्ट्र में पिछले 8 सालों में सिंचित एरिया में तो महज 0.1 फीसदी की वृद्घि हुई है लेकिन विभाग ने सिंचाई परियोजनाओं पर 50,000 करोड़ खर्च कर दिये हैं। वहीं, पीडब्ल्यूडी मंत्री छगन भुजबल भी महाराष्ट्र सदन के निर्माण कथित घोटाले के आरोपों का सामना कर रहे हैं। मुंबई एयरपोर्ट पर एनसीपी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, 'हम यूपीए को हिस्सा हैं। केंद्र को हम समर्थन करते रहेंगे।' प्रफुल्ल पटेल शनिवार को एनसीपी सुप्रिमो शरद पवार के साथ मुंबई पहुंचे। उन्होंने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि एनसीपी यूपीए पर दबाव बना रही है। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस का कोई नेता यदि यह कहता है कि हम यूपीए पर दबाव बना रहे हैं तो यह गलत है। हम ऐसी अटकलों में विश्वास नहीं करते।' इस बीच शरद पवार ने अपने आवास पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, राज्य इकाई के अध्यक्ष मधुकर पिचाड़, गृहमंत्री आरआर पाटिल और पीडब्ल्यूडी मंत्री छगन भुजबल के साथ मंत्रणा की। बताया जा रहा है कि उन्होंने यूपीए से समर्थन वापसी के बाद बनने वाले हालात पर चर्चा की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि पवार ने बैठक में दिल्ली में हुए घटनाक्रम की चर्चा की और राज्य के राजनीतिक हालात के बारे में बातचीत की। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में भी एनसीपी के संबंध कांग्रेस से ठीक नहीं चल रहे हैं। बैठक में राज्य इकाई के अध्यक्ष मधुकर पिचाड़ ने कहा कि एनसीपी को पृथ्वीराज चव्हाण के कामकाज को लेकर परेशानी है।
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