Friday, July 27, 2012

इस बार बदला बदला सा रहा पुलिस का रुख


 रायबरेली, जागरण संवाददाता: यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी के दो दिवसीय दौरे के पहले दिन गुरुवार को शहर का माहौल बदला बदला सा दिखा। शहर में लोग भी वही थे और पुलिस भी स्थानीय थी, लेकिन उसका पांच माह पहले वाला रूप नहीं दिखा। अधिकारी सहयोग की भावना से काम करते दिखे और पुलिसकर्मियों ने हेकड़ी किनारे रखकर विनम्रता के साथ लोगों को कार्यक्रम स्थल तक जाने दिया। बसपा शासन के दौरान सोनिया गांधी के रायबरेली दौरे के समय स्थानीय पुलिस पूरी फार्म में होती थी। आम जनता और कार्यकर्ताओं को तो दूर कांग्रेस के पदाधिकारियों और मीडियाकर्मियों तक को कार्यक्रम स्थल के आस पास पहुंचने में नाकों चने चबाने पड़ते थे। कई बार तो पुलिसकर्मियों की लाठियों से भी दो चार होना पड़ा। लेकिन शुक्रवार को फीरोज गांधी कालेज परिसर में बदला हुआ माहौल दिखा। सुरक्षा व्यवस्था तो सख्त थी। जगह जगह पर चेकिंग के मेटल डिटेक्टर और एसपीजी के जवान तथा स्थानीय पुलिस मौजूद थी। परंतु किसी के साथ जोर जबरदस्ती नहीं की गयी। पुलिसकर्मियों ने सहयोग भी किया और लोगों को कार्यक्रम स्थल तक पहुंचाने में मदद भी की।
सर मोबाइल स्विच आफ कर लें अमूमन सोनिया गांधी के कार्यक्रम स्थल पर लोगों को मोबाइल नहीं ले जाने दिया जाता है। लेकिन शुक्रवार को लोग धड़ल्ले से अपने सेलफोन लेकर अंदर गए। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों व एसपीजी के जवानों ने एक विनम्र निवेदन किया। सर मोबाइल स्विच आफ कर लें। इसके बाद लोग अंदर चले गए।
सरकार के प्रति दिखी नरमी कांग्रेस और प्रदेश सरकार के बीच अच्छे रिश्तों की महक सोनिया गांधी के भाषण के दौरान भी देखने को मिली। जब उन्होंने कई बार प्रदेश सरकार की शान में कसीदे पढ़ते हुए कहा कि सरकार का सपोर्ट मिल रहा है।    हाल में भिड़े कांग्रेसी कोई भी अच्छा काम हो और कांग्रेसी आपा न खोएं ऐसा कैसे हो सकता है। गुरुवार के एफजी कालेज के सभागार में भी कांग्रेसियों ने एक बार अनुशासन तोड़ा। सीट को लेकर एक नेताजी सेवादल के पदाधिकारी से भिड़ गए। सेवादल के पदाधिकारी ने संगठन से शिकायत करने की चेतावनी दी तो नेताजी आपे से बाहर हो गए। सबको देख लेने की धमकी दीं। कुछ वरिष्ठ कांग्रेसियों ने देखा कि माहौल खराब हो रहा है तो बमुश्किल उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया।

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