अब मैला ढोने वालों के दर्द को लेकर
पीएम से मिलें 'आमिर'
पीएम से मिलें 'आमिर'
हाथों से
मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने के लिए अभिनेता आमिर खान ने प्रधानमंत्री मनमोहन
सिंह से उनके आवास पर जाकर मुलाकात की। मुलाकात के बाद आमिर ने पत्रकारों से कहा
कि प्रधानमंत्री ने बड़े ध्यान से उनकी बातों को सुना और उनके मांग का समर्थन किया
है।
प्रधानमंत्री ने इस व्यवस्था को दूर करने के लिए नए कानून बनाने का भी आश्चासन दिया। आमिर ने बताया कि कई राज्य मैला ढोने वालों के आंकड़े छुपाते हैं। वे कहते हैं कि उनके राज्य में हाथों से मैला ढोने की प्रथा खत्म हो चुकी है। जबकि उन राज्यों में आज भी एक बड़ा वर्ग हाथों से मैला ढोते हैं। प्रधानमंत्री के कहने पर आमिर खान केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री मुकुल वासनिक से भेंट की। दिल्ली के शास्त्री भवन में मुकुल वासनिक से भेंट के दौरान भी आमिर ने हाथों से मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने की मांग की। इसपर वासनिक ने आश्वासन दिया कि देशभर में इस प्रथा को खत्म करने के लिए कड़े कानून बनाए जाएंगे। साथ ही इस प्रथा से जुड़े लोगों की नए सिरे से गणना कराई जाएगी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान वासनिक ने कहा कि यह काफी दुखद है कि आजादी के छह दशक से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी एक वर्ग हाथों से मैला ढोने का काम करता है। इस प्रथा को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्घ है। उन्होंने कहा कि इस प्रथा को खत्म करने के लिए राज्यों से भी सहयोग मांगा जाएगा। गौरतलब है कि आमिर खान ने हाल ही में इस मुद्दे को अपने लोकप्रिय टेलीविजन कार्यक्रम 'सत्यमेव जयते' में उठाया था। अनुमानत: देश में 300,000 लोग अभी भी सिर पर मैला ढोने के काम में लगे हैं और समाज में उपेक्षा की दृष्टि से देखे जाते हैं।
प्रधानमंत्री ने इस व्यवस्था को दूर करने के लिए नए कानून बनाने का भी आश्चासन दिया। आमिर ने बताया कि कई राज्य मैला ढोने वालों के आंकड़े छुपाते हैं। वे कहते हैं कि उनके राज्य में हाथों से मैला ढोने की प्रथा खत्म हो चुकी है। जबकि उन राज्यों में आज भी एक बड़ा वर्ग हाथों से मैला ढोते हैं। प्रधानमंत्री के कहने पर आमिर खान केंद्रीय समाज कल्याण मंत्री मुकुल वासनिक से भेंट की। दिल्ली के शास्त्री भवन में मुकुल वासनिक से भेंट के दौरान भी आमिर ने हाथों से मैला ढोने की प्रथा को खत्म करने की मांग की। इसपर वासनिक ने आश्वासन दिया कि देशभर में इस प्रथा को खत्म करने के लिए कड़े कानून बनाए जाएंगे। साथ ही इस प्रथा से जुड़े लोगों की नए सिरे से गणना कराई जाएगी। पत्रकारों से बातचीत के दौरान वासनिक ने कहा कि यह काफी दुखद है कि आजादी के छह दशक से भी ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी एक वर्ग हाथों से मैला ढोने का काम करता है। इस प्रथा को जड़ से खत्म करने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्घ है। उन्होंने कहा कि इस प्रथा को खत्म करने के लिए राज्यों से भी सहयोग मांगा जाएगा। गौरतलब है कि आमिर खान ने हाल ही में इस मुद्दे को अपने लोकप्रिय टेलीविजन कार्यक्रम 'सत्यमेव जयते' में उठाया था। अनुमानत: देश में 300,000 लोग अभी भी सिर पर मैला ढोने के काम में लगे हैं और समाज में उपेक्षा की दृष्टि से देखे जाते हैं।
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