2जी घोटाला में
बेहुरा की याचिका पर सीबीआई को नोटिस
नई
दिल्ली।। सुप्रीम कोर्ट ने 2जी
घोटाले के आरोपी पूर्व टेलिकॉम सेक्रेटरी सिद्धार्थ बेहुरा की जमानत याचिका पर
सीबीआई को सोमवार को नोटिस जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जी. एस. सिंघवी की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह नोटिस जारी किया। बेहुरा ने पिछले माह दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
बेहुरा, पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर ए. राजा और उनके पूर्व सेक्रेटरी आर. के. चंदोलिया को 2जी मामले में दो फरवरी 2011 को गिरफ्तार किया गया था।
सोमवार के आदेश के बाद निचली अदालत की ओर से जमानत पाए गए चंदोलिया अगली सुनवाई तक जेल से बाहर रहेंगे। इस मामले के 14 आरोपियों में से 12 व्यक्तियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है और केवल मुख्य आरोपी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और बेहुरा ही जेल में बंद हैं।
विशेष अदालत की ओर से एक दिसम्बर 2011 को चंदोलिया को प्रदान की गई जमानत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के आदेश के खिलाफ चंदोलिया की याचिका पर विचार करने पर पीठ राजी हो गई। चंदोलिया को जमानत मिलने के दिन ही तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया था।
चंदोलिया ने अपनी जमानत पर रोक लगाने के निर्णय को 'अनुचित और गलत' बताते हुए उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बेहुरा ने 16 दिसम्बर 2011 के हाई कोर्ट के उस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी जिसमें उसने इस आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने राजा के अवैध इरादों को साजिश का रुप दिया और वह जमानत पर रिहा 10 अन्य आरोपियों की तर्ज पर जमानत का दावा नहीं कर सकते।
चंदोलिया को जमानत मिलने के एक दिन बाद न्यायमूर्ति वी के शाली की हाई कोर्ट की बेंच ने जमानत मिलने के बारे में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि यदि वह जेल से बाहर नहीं आ गए हैं तो यह रोक लागू होगी।
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जी. एस. सिंघवी की अध्यक्षता वाली बेंच ने यह नोटिस जारी किया। बेहुरा ने पिछले माह दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है।
बेहुरा, पूर्व टेलिकॉम मिनिस्टर ए. राजा और उनके पूर्व सेक्रेटरी आर. के. चंदोलिया को 2जी मामले में दो फरवरी 2011 को गिरफ्तार किया गया था।
सोमवार के आदेश के बाद निचली अदालत की ओर से जमानत पाए गए चंदोलिया अगली सुनवाई तक जेल से बाहर रहेंगे। इस मामले के 14 आरोपियों में से 12 व्यक्तियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है और केवल मुख्य आरोपी पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा और बेहुरा ही जेल में बंद हैं।
विशेष अदालत की ओर से एक दिसम्बर 2011 को चंदोलिया को प्रदान की गई जमानत पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के आदेश के खिलाफ चंदोलिया की याचिका पर विचार करने पर पीठ राजी हो गई। चंदोलिया को जमानत मिलने के दिन ही तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया था।
चंदोलिया ने अपनी जमानत पर रोक लगाने के निर्णय को 'अनुचित और गलत' बताते हुए उसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। बेहुरा ने 16 दिसम्बर 2011 के हाई कोर्ट के उस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी जिसमें उसने इस आधार पर जमानत देने से इनकार कर दिया था कि उन्होंने राजा के अवैध इरादों को साजिश का रुप दिया और वह जमानत पर रिहा 10 अन्य आरोपियों की तर्ज पर जमानत का दावा नहीं कर सकते।
चंदोलिया को जमानत मिलने के एक दिन बाद न्यायमूर्ति वी के शाली की हाई कोर्ट की बेंच ने जमानत मिलने के बारे में आई खबरों पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि यदि वह जेल से बाहर नहीं आ गए हैं तो यह रोक लागू होगी।
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