Tuesday, July 17, 2012


भष्टाचार  कालेधन : के मामले मे अन्ना व रामदेव के 
 निशाने पर सरकार'
दिल्ली में अपने प्रस्तावित अनशन से पहले अन्ना हजारे और योगगुरु रामदेव ने मंगलवार को संप्रग सरकार पर एक बार फिर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने और विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए पर्याप्त इच्छाशक्ति नहीं दिखा रही। हजारे और रामदेव ने कहा कि वे संघर्ष में एक दूसरे का साथ देंगे। टीम अन्ना 25 जुलाई से जंतर मंतर पर बेमियादी अनशन की शुरुआत कर रही है, वहीं रामदेव का विरोध प्रदर्शन नौ अगस्त से रामलीला मैदान में शुरू होगा। हजारे ने संवाददाताओं से कहा कि रामदेव काला धन वापस लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत लोकपाल की मांग कर रहे हैं। लेकिन सरकार का ऐसा करने का कोई इरादा नहीं दिखाई देता। उनके पास दृढ़ इच्छाशक्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के प्रयास क्यों नहीं किये जा रहे। सरकार में भी लोग हो सकते हैं जिन्होंने काला धन छिपाया हो। यही वजह हो सकती है। उन्हें कार्रवाई करने में क्या दिक्कत आ रही है। रामदेव ने कहा कि जनता मजबूत लोकपाल बनाने और काला धन वापस लाये जाने का एक साल से अधिक समय से इंतजार कर रही है लेकिन सरकार ने फिर से जनता को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का मजबूत लोकपाल लाने को लेकर सही इरादा नहीं दिखाई देता। इसलिए अब निर्णय लेना होगा कि कब तक आंदोलन करना है, हम मजबूत लोकपाल विधेयक कैसे हासिल कर सकते हैं और हम काला धन कैसे वापस ला सकते हैं। हजारे ने कहा कि बिना स्वतंत्र जांच के सचाई सामने नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि हम सरकार द्वारा नहीं बल्कि स्वतंत्र जांच की मांग करते हैं। हम सीबीआई जांच नहीं चाहते क्योंकि एजेंसी सरकार के नियंत्रण में है। हजारे ने आरोप लगाया कि सरकार मजबूत लोकपाल इसलिए नहीं ला रही, क्योंकि यदि कानून बन गया तो कई मंत्री जेल में चले जाएंगे और सरकार गिर जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने लोकपाल के मुद्दे पर बार-बार लोगों को धोखा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि मामला स्थाई समिति को गया। लोगों के साथ धोखा हुआ। यह संसद में पहुंचा। तब भी हमें छला गया। सरकार ने बार बार लोगों को धोखा दिया। हजारे ने कहा कि जब तक मजबूत लोकपाल नहीं लाया जाएगा और काला धन देश में वापस नहीं आएगा उनका आंदोलन जारी रहेगा। रामदेव ने कहा कि अब अगर सरकार कुछ बड़े फैसले नहीं करती तो जनता निराश हो जाएगी।

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