Tuesday, January 17, 2012


उम्र विवाद: थलसेना प्रमुख पहुचें सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्‍ली. थलसेना प्रमुख जनरल वी. के. सिंह भले ही अपनी उम्र को लेकर उठे विवाद के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं, लेकिन बावजूद इसके सरकार उन्हें बर्खास्त करने जैसा कोई कदम नहीं उठाएगी। सरकार से जुड़े सूत्रों के हवाले से आ रही खबरों में कहा गया है कि सरकार जनरल सिंह के खिलाफ कोई कड़ा कदम नहीं उठाएगी। सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले की सुनवाई कर सकता है। इस बीच, इस मुद्दे को लेकर सरकार में हलचल तेज हो गई है। रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सेना अध्यक्ष की उम्र के मुद्दे को लेकर सोमवार देर रात प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारियों से चर्चा की। एटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती रक्षा मंत्रालय से आज इस मुद्दे पर चर्चा कर सकते हैं। सोमवार को दायर अपनी याचिका में जनरल सिंह का दावा है कि सरकार ने यदि उनके जन्म के साल को बदलकर 1951 से 1950 नहीं किया होता तो वह 31 मई 2013 को रिटायर होते। याचिका में यह भी कहा गया है कि यूपीएससी के फॉर्म में लिपिकीय चूक की वजह से गलत जन्मतिथि दर्ज हो गई है। सेना प्रमुख की ओर से वकील पवन बाली ने यह याचिका दाखिल की है। वरिष्‍ठ वकील यू यू ललित सुप्रीम कोर्ट में जनरल सिंह का पक्ष रखेंगे। ताजा घटनाक्रम को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने अहम बैठक बुलाई है। देश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है जब किसी सेनाध्‍यक्ष ने सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। केंद्र सरकार के सूत्रों ने इसे जनरल का निजी मामला करार दिया है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने इस विवाद के लिए केंद्र सरकार को जिम्‍मेदार ठहराया है। बीजेपी प्रवक्‍ता बलबीर पुंज ने कहा है कि यूपीए सरकार ने इस मसले से ठीक तरीके से निपटने की कोशिश नहीं की। गौरतलब है कि एक दिन पहले सेना दिवस के मौके पर जनरल सिंह के बयान से ऐसा लगा कि अब यह मामला शांत हो जाएगा। रक्षा मंत्री ए के एंटनी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा, ‘हम संस्‍था के लिए काम करते हैं और उनके भरोसे की हम सराहना करते हैं। अब उनके भरोसे पर खरा उतरने का प्रयास करेंगे।’  सेना प्रमुख ने सरकार के साथ अपने उम्र विवाद को तूल न देते हुए गुरुवार को कहा था कि उम्र का मसला निष्ठा और सम्मानसे जुड़ा है। गुरुवार को हालांकि उन्‍होंने इससे इनकार किया था कि वह उम्र विवाद के मसले पर सुप्रीम कोर्ट का रुख करने वाले हैं। सेना प्रमुख ने कहा था कि सरकार के साथ उनका कोई मतभेद नहीं है।
यह है पूरा विवादसेना मुख्यालय के एडजुटेंट जनरल एवं सैन्य सचिव शाखा में सेना प्रमुख की उम्र से सम्बंधित अलग-अलग दस्तावेज होने से यह विवाद पैदा हुआ है। एडजुटेंट जनरल के कार्यालय में सिंह के जन्म का वर्ष 1951 दर्ज है जबकि सैन्य सचिव शाखा में यह 1950 है। सेना प्रमुख का कहना है कि उनका जन्म 1951 को हुआ। वह दलील दे रहे हैं कि 10 मई 1951 को उनका वास्तविक जन्म दिन माना जाना चाहिए क्योंकि उनके मैट्रिक के प्रमाण पत्र में इसी का उल्लेख है। वहीं, रक्षा मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया और कहा कि संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) प्रवेश परीक्षा के लिए उनकी जन्म की तारीख 10 मई 1950 दर्ज की थी। सरकार के फ़ैसले के मुताबिक वह इस साल 31 मई को सेवानिवृत हो जाएंगे।  

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