Saturday, January 28, 2012


   कंगारूओं : ने किया टीम इडिंया का सूफडा साफ
एडिलेड. एडिलेड में सफाए के साथ ही टीम इंडिया ने विदेशी धरती पर लगातार 8 वीं हार दर्ज कर ली है। इंग्लैंड में 4-0 से सूपड़ा साफ होने के बाद ऑस्ट्रेलिया में भी टीम की 4-0 से छुट्टी हो चुकी है। इसके साथ ही टीम इंडिया आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में 111 अंकों के साथ तीसरे स्थान पर आ गई है। हालांकि, आईसीसी की तरफ से इसका कोई औपचारिक ऐलान नहीं हुआ है।  कंगारुओं ने टीम इंडिया को एडिलेड टेस्ट समेत पूरी सीरीज़ में खेल के हर विभाग में पछाड़ा है। टीम की लगातार हार के लिए सबसे ज़्यादा जिम्मेदार टीम के स्टार बल्लेबाजों को ही माना जा रहा है। पूर्व क्रिकेटर टीम के वरिष्ठ बल्लेबाजों पर बरस रहे हैं। पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर, सबा करीम, विनोद कांबली, अरुण लाल और अतुल वासन सचिन तेंडुलकर, वीवीएस लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ को सहवाग के साथ टीम इंडिया की हार के लिए जिम्मेदार मानते हैं। गावस्कर ने सचिन, द्रविड़, लक्ष्मण और सहवाग की तरफ इशारा करते हुए कहा है कि ऑस्ट्रेलिया में खेल रही टीम में से तीन-चार खिलाड़ियों को बाहर कर नए खिलाड़ियों को मौका दिया जाना चाहिए। वहीं, पूर्व टेस्ट क्रिकेटर अरुण लाल इन खिलाड़ियों के संन्यास के फैसले को उनका निजी फैसला मानते हैं। अरुण का कहना है, 'खेल कब छोड़ना है कि ये फैसला इन खिलाड़ियों को लेना है। लेकिन समय आ गया है कि चयनकर्ता कुछ कठोर फैसले लें। अगर ये खिलाड़ी संन्यास नहीं लेते, तो उन्हें टीम से हटाकर नए खिलाड़ियों को मौका दिया जाना चाहिए। ये खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट खेलें और अपनी दावेदारी पेश करें।' अतुल वासन ने भी अरुण का समर्थन किया है, लेकिन उनका कहना है कि स्टार खिलाड़ी खुद ऐसा नहीं करते, ऐसे कड़े फैसले बीसीसीआई को लेने होंगे। वहीं, पूर्व क्रिकेटर सबा करीम तो इन खिलाड़ियों के संन्यास लेने के पक्ष में हैं।  टीम के बल्लेबाज किस तरह से इस दौरे पर फ्लॉप रहे हैं, इसका अंदाजा उनके आंकड़ों से लग जाता है। लक्ष्मण ने 19.37 की औसत से इस सीरीज़ में रन बनाए हैं। सहवाग ने 24.75, राहुल द्रविड़ ने 24.25, गौतम गंभीर ने 22.62, तेंडुलकर ने 35.87 और धोनी ने 20.40 की औसत से रन बनाए हैं। सबसे बढ़िया प्रदर्शन विराट कोहली का रहा। कोहली ने 37.50 की औसत से 300 रन बनाए। यही वजह है कि नए खिलाड़ियों को टीम में जगह दिए जाने की बात कही जा रही है।  हालांकि, टीम के गेंदबाजों का भी प्रदर्शन खराब रहा है। इशांत शर्मा चार टेस्ट मैचों में महज पांच विकेट लिए हैं। हरभजन सिंह की जगह लाए गए रविचंद्रन अश्विन भी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं। जहीर खान ने भी प्रशंसकों को निराश किया है। 

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