Tuesday, July 24, 2012


 सुप्रीम कोर्ट 'ने लगाई बाघ अभारण्यों में प्रर्यटन पर रोक'

 सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश के अभयारण्यों के भीतरी इलाकों में पर्यटन संबंधी गतिविधियों पर पाबंदी लगा दी है। न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार और न्यायमूर्ति इब्राहिम कलीफुल्ला की पीठ ने कहा कि अदालत जब तक अंतिम आदेश जारी नहीं करती, बाघ अभयारण्य के भीतरी इलाकों का पर्यटन के लिए उपयोग नहीं किया जाएगा।
कोर्ट ने बाघ अभयारण्यों में बफर जोन अधिसूचित न करने पर राज्यों के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई करने और जुर्माना लगाने की भी चेतावनी दी है। अदालत ने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि 4 अप्रैल और 10 जुलाई को आदेश दिए जाने के बाद भी कई राज्यों ने अभयारण्यों में बफर जोन अधिसूचित नहीं किए हैं।
न्यायालय ने कहा कि अगर राज्यों ने तीन सप्ताह के अंदर उसके आदेश का पालन नहीं किया तो प्रत्येक से 50,000 रुपए का जुर्माना वसूला जाएगा। यह राशि संबद्ध राज्य के मुख्य वन सचिव ली जाएगी। आदेशों का पालन न करने पर कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और झारखंड राज्यों पर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना ठोका है।

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