Friday, June 15, 2012


राष्ट्रपति चुनाव : कलाम राजी 'ममता ने दी अग्रिम बधाई'
नई दिल्ली। राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर चल रही राजनीतिक गतिविधियों में शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम के बतौर उम्मीदवार रुचि दिखाने से दिलचस्प मोड़ आ गया है। राष्ट्रपति के लिए सबसे पहले ममता और मुलायम कलाम के नाम का प्रस्ताव किया था। आज कलाम से जब इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह अच्छा प्रस्ताव है तथा इसपर वे सही समय आने पर फैसला करेंगे। उन्होंने दोबारा राष्ट्रपति पद के लिए उनका नाम प्रस्तावित करने के लिए राजनीतिक दलों का आभार जताया। कलाम के इस वक्तव्य का ममता बनर्जी ने स्वागत करते हुए उन्हें अग्रिम बधाई दे डाली तथा सभी राजनीतिक दलों से अपील की कि वे कलाम का समर्थन करें। ममता ने कहा कि इस मामले पर अभी भी मुलायम उनके साथ हैं जबकि कलाम की उम्मीदवारी पर मुलायम ने चुप्पी साध ली। दिलचस्प हो सकता है मुकाबला अभी तक पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम का नाम सिर्फ राजनीतिक दलों या नेताओं द्वारा व्यक्तिगत रूप से उठाया जा रहा था। इस पर कलाम पूरी तरह मौन थे। अब चूंकि उन्होंने कह दिया है कि सही समय आने पर वे फैसला लेंगे तो कांग्रेस के लिए प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति बना पान उतना आसान नहीं रह जाएगा। राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के तौर पर कलाम का नाम का प्रस्ताव करने वाली ममता केंद्र में कांग्रेस की सहयोगी हैं। सपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का स्टैंड अभी भी स्पष्ट नहीं है। भाजपा ने पहले ही कह दिया है कि वह कलाम के नाम का समर्थन करेगी।इसी मसले पर आपसी सहमति बनाने के लिए यूपीए ने आज सहयोगी दलों की बैठक बुलाई है। सूत्रों के अनुसार आज शाम चार बजे प्रधानमंत्री आवास पर यूपीए सहयोगी दलों की बैठक है जिसके बाद वे उपने उम्मीदवार की घोषणा करेंगे।भाजपा नीत एनडीए भी इस मामले पर सक्रिय हो गई है। एनडीए ने भी राष्ट्रपति चुनाव के मद्देजर आज बैठक बुलाई है। इससे पहले भाजपा ने गुरुवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि यदि राष्ट्रपति उम्मीदवार के तौर पर कलाम का नाम आता है तो वे इसका समर्थन करेंगे। गुरुवार को भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने तमिलनाडू की मुख्यमंत्री जयललिता से मुलाकात की। सबसे संदेहास्पद स्थिति यूपीए को बाहर से समर्थन दे रहे सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव की है। दो दिन पहले तो उन्होंने तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी के साथ कांग्रेस के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी को खारिज करते हुए कलाम के नाम का प्रस्ताव किया था। दूसरी तरफ उनके छोटे भाई राम गोपाल यादव ने प्रणव की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। आज जबकि इस मामले पर यूपीए की अहम बैठक होने वाली है मुलायम ने लखनऊ की राह पकड़ ली है। इसी बीच राम गोपाल यादव ने आज कहा है कि न तो सपा यूपीए सरकार में शामिल होगी न ही वह देश पर मध्यावधि चुनाव के पक्ष में है।

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