Friday, February 10, 2012

'जनरल सिंह को सुप्रीम कोर्ट की नसीहत'
नई दिल्ली. थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की उम्र से जुड़े विवाद पर उन्‍हें सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने पूछा कि अगर यूपीएससी में उनका रिकॉर्ड गलत दर्ज हो गया तो उसे उन्‍होंने सही क्‍यों नहीं करवाया। कोर्ट ने जनरल सिंह से अपनी अर्जी वापस लेने को कहते हुए यह भी साफ किया है कि अगर वे अपनी अर्जी वापस नहीं लेते हैं तो अदालत फैसला सुनाएगी। सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच ने जनरल वीके सिंह की उम्र से जुड़े विवाद पर कोई फैसला सुनाने से इनकार करते हुए कहा है कि इस मामले में कोर्ट की तरफ से दखल देने का कोई तुक नहीं है। कोर्ट ने कहा कि सरकार और सेना प्रमुख आपस में बातचीत करके कोई फैसला लें। सुप्रीम कोर्ट ने के वकील यू यू ललित से कहा, 'जन्मतिथि पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के दस्तावेज अंतिम माने जाने चाहिए। यूपीएससी के पास मौजूद दस्तावेज में जनरल वीके सिंह की जन्मतिथि 10 मई, 1950 दर्ज है।'  कोर्ट ने इससे पहले जनरल के वकील से कहा, 'जनरल सिंह की जन्मतिथि से जुड़ा प्राथमिक दस्तावेज यूपीएससी के पास था, जिसने उनकी जन्मतिथि कभी नहीं बदली। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं, तो आप क्या करेंगे?' सर्वोच्च अदालत ने यह भी कहा कि वीके सिंह के आईएमए और एनडीए ज्वाइन करते समय के सभी रिकॉर्ड उनकी जन्मतिथि 10 मई, 1950 ही बता रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा है कि यूपीएससी के रिकॉर्ड अहम हैं और असल उम्र का बहुत ज़्यादा मतलब नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने जनरल से यह भी पूछा है कि उन्होंने 10 मई, 1950 को अपनी जन्मतिथि मानते हुए प्रमोशन क्यों लिया? जनरल सिंह ने २००८ में सेना को दी गई अंडरटेकिंग में अपने जन्म का साल १९५० माना था।  सुप्रीम कोर्ट ने वीके सिंह से कहा है, 'कोर्ट उनकी ईमानदारी पर शक नहीं कर रहा है। लेकिन इस मामले में हमारे लिए कोई स्कोप नहीं है।' इस मामले की सुनवाई न्यायाधीश आरएम लोढ़ा और एचएल गोखले की खंडपीठ कर रही है।  इससे पहले थलसेना प्रमुख जनरल वीके सिंह की उम्र से जुड़े विवाद पर सरकार झुक गई। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल जी.ई. वाहनवती ने कोर्ट को यह जानकारी दी कि सरकार ने 30 दिसंबर के उस फैसले को वापस ले लिया है, जिसमें सरकार ने जनरल वीके सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें जनरल ने अपनी जन्मतिथि 10, मई 1951 बताई थी।  

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