Wednesday, February 22, 2012

  'सहवाग, सचिन सवालों के घेरे में'
नई दिल्‍ली. टीम इंडिया में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। मंगलवार को ब्रिसबेन में जहां श्रीलंका से एक और वनडे में भारत की हार के बाद सहवाग की कप्‍तानी पर सवाल उठे हैं, वहीं सचिन तेंडुलकर पर संन्‍यास लेने का दबाव बढ़ता जा रहा है। कपिलदेव के बाद अब सौरव गांगुली ने भी कहा है कि सचिन को संन्‍यास ले लेना चाहिए। हालांकि क्रिकेट के दीवाने इस राय से इत्‍तफाक रखते नहीं लगते।   मंगलवार के मैच में टीम इंडिया की हार के बाद सहवाग की कप्तानी पर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि वीरू नेगेंदबाजी मेंचतुराई से परिवर्तन नहीं किया। उदाहरण के लिए आखिरी ओवर अनियमित गेंदबाज विराट कोहली से कराया, जिन्होंने दो चौके सहित 14 रन दे दिए। 49वें ओवर की पहली गेंद पर सुरेश रैना ने विकेट लिया, लेकिन सहवाग ने उनसे सिर्फ एक ही ओवर कराया और खुद दो ओवर किए। अकेले विनय कुमार एक मेडन ओवर कर पाए, लेकिन उनसे आठ ओवर ही कराए गए। पठान व अश्विन जैसे सफल गेंदबाजों का निर्धारित कोटा पहले ही खत्म हो गया।   धोनी की गैरमौजूदगी में कप्‍तानी कर रहे सहवाग बल्लेबाजी में भी  लापरवाह रहे। ओपन करने आए और मलिंगा के ओवर की दूसरी ही गेंद पर डीप थर्ड मैन की ओर गेंद को उड़ाने के प्रयास में आउट हो गए। यदि वे टीम को अच्छी शुरुआत दे पाते तो परिणाम कुछ और हो सकता था।  फील्डिंग में भीसहवाग ब्रिगेड ढीली नजर आई। कई ओवर थ्रो हुए।  इस बीच, सचिन तेंडुलकर को संन्यास की सलाह देने वालों में कपिल देव के बाद अब सौरव गांगुली भी शामिल हो गए हैं। गांगुली ने एक टीवी चैनल से कहा कि सचिन को टेस्ट कॅरिअर लंबा खींचने के लिए वनडे प्रारूप को अलविदा कह देना चाहिए। वे ट्राई सीरीज की पांच पारियों में कुल 90 रन ही बना सके हैं। ऐसे में संन्यास लेना ही उचित है। उन्होंने कहा कि सचिन अभी 39 साल के हैं और वे 2015 वर्ल्‍ड कप तक शायद ही खेल सकें। इस वजह से अब उनके वनडे छोडऩे का समय आ गया है। उल्लेखनीय है कि कपिल ने सोमवार को कहा था कि सचिन को पिछले साल वल्र्डकप के बाद वनडे से संन्यास ले लेना चाहिए था। गांगुली ने यह भी कहा कि बीसीसीआई को तीनों शैलियों के लिए अलग कप्तान चुनने चाहिए। पिछले कुछ समय से क्रिकेट काफी ज्यादा हो गया है, फॉर्मेट भी बढ़ गए हैं। इस कारण यह फॉर्मूला मददगार साबित हो सकता है। उन्होंने धोनी के उस बयान की भी आलोचना की, जिसमें उन्होंने टीम के सीनियर्स को सुस्त फील्डर बताया था। गांगुली ने कहा कि कोई टीम ऐसी नहीं है, जिसमें सभी 11 खिलाड़ी बेहतरीन फील्डर हों।



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