Monday, April 2, 2012


              'चिठी मामले में आर्मी चीफ को क्लीन चिट'
नई दिल्‍ली. सेना की मौजूदा हालत और इसकी तैयारियों को लेकर पीएम को लिखी गई चिट्ठी किसने लीक की, इस पर अभी आखिरी नतीजा नहीं आया है। लेकिन इसके संकेत मिले हैं कि जनरल वीके सिंह ने यह चिट्ठी नहीं लीक की है। सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच कर रही आईबी की शुरुआती रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि पीएमओ को आर्मी चीफ की ओर से लिखी गई यह चिट्ठी जनरल सिंह ने नहीं लीक की है।
 एंटनी ने कहा‍ कि रक्षा के लिए खरीद की प्रक्रिया में सुधार की जरूरत है। उन्‍होंने इस बात पर भी जोर दिया कि सेना के लिए साजो-सामान की कम वक्‍त में जरूरी तकनीकी जांच और ट्रायल होना चाहिए। हथियार खरीद में गड़बड़ी पर जिम्‍मेदारी तय होनी चाहिए।  सेना प्रमुख को रिश्‍वत की पेशकश और चिट्ठी लीक से मचे बवाल के बाद आर्मी चीफ जनरल वी के सिंह और रक्षा मंत्री ए के एंटनी आज पहली बार आमने-सामने हुए। रक्षा मंत्री की जनरल से इस मुलाकात को बेहद अहम माना जा रहा है। रक्षा मंत्री की सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ होने वाली इस बैठक में रक्षा सौदों से जुड़े कई अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इस बैठक में डीआरडीओ के प्रमुख भी मौजूद होंगे। रक्षा मंत्री से मुलाकात के दौरान जनरल रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल तेजिंदर सिंह के खिलाफ लिखित शिकायत भी कर सकते हैं। पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बृजेश मिश्र का कहना है कि सरकार तथा सेना को और किरकिरी से बचाने के लिए सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह को छुट्टी पर भेज दिया जाए। मिश्र से एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि जनरल सिंह को बर्खास्त करने के बजाय छुट्टी पर भेज देना चाहिए। उनसे पूछा गया था कि क्या जनरल सिंह को बर्खास्त कर देना चाहिए या छुट्टी पर भेजना चाहिए? मिश्र ने कहा कि बर्खास्त करने का कदम उठाने से कुछ और मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी। जनरल सिंह को कहना चाहिए कि दो माह सरकारी वेतन पर छुट्टी मनाओ। उसके बाद पेंशन लेकर घर जाएं। उन्होंने कहा कि कथित रिश्वत प्रकरण के मामले में कार्रवाई नहीं करने के लिए सेना प्रमुख और रक्षा मंत्री दोनों ही जिम्मेदार हैं।
 

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