Wednesday, April 11, 2012

'कैंसर तो गया अब डर दूर करने पर जोर'
कैंसर को मात देकर स्वदेश लौटे वर्ल्डकप 2012 के हीरो युवराज सिंह ने आज पहली बार मीडिया के सामने अपने दिल की बात साझा की। उन्होंने बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि विश्‍व कप के दौरान मुझे सांस लेने में तकलीफ होती थी। मैंने अपनी तकलीफ के बारे में किसी को नहीं बताया था। मुझे छह महीने तक कैंसर के बारे में नहीं पता था। लांस आर्मस्ट्रांग से मुझे कैंसर से लड़ने की प्रेरणा मिली। युवराज ने कहा कि मैं काफी खुशकिस्मत रहा कि कैंसर का जल्दी पता चल गया। बीमारी का पता चलने के बाद मैं खुश रहने के लिए खुद से अच्छी बातें करता था। स्वेदश वापसी के बाद कैसा महसूस कर रहे हैं के सवाल पर युवी ने कहा कि फिलहाल मैं खुश हूं और राहत महसूस कर रहा हूं। बीमारी के दौरान जब भी मैच देखता था तो मुझे काफी हताशा होती थी।
क्रिकेट के मैदान पर वापसी के बारे में पूछने पर युवराज ने कहा कि उम्मीद है जरूर वापसी करूंगा। क्रिकेट के मैदान पर वापसी करना आसान नहीं होगा। मुझे पता है कि प्रशंसक जल्द से जल्द मैदान पर मेरी वापसी चाहते हैं। देश के लिए फिर से खेलना किसी उपलब्धि से कम नहीं होगा। मुझे जिंदगी वापस मिली है और मैं अपने अनुभवों पर एक किताब लिख रहा हूं।  युवराज की देखभाल कर रहे डॉ. रोहतगी ने कहा कि युवराज की कीमोथेरेपी के नतीजे अच्छे रहे। मां कीमोथेरेपी के दौरान मेरे साथ रही। मां ने कभी एक भी आंसू नहीं बहाया और मुझे लगातार हिम्मत दी। मेरा कैंसर खत्म हो चुका है, अब डर खत्म होना बाकी है। उन्होंने कहा कि मैं इलाज के दौरान सचिन तेंदुलकर से लगातार संपर्क में था। कुंबले का लंदन आकर मिलना मुझे अच्छा लगा।
युवराज इसी साल 26 जनवरी को फेफड़े के कैंसर का इलाज कराने के लिए अमेरिका गए थे। जहां पर उनकी तीन बार कीमोथेरेपी की गई। कैंसर के इलाज के बाद युवराज ने लंदन में कुछ दिन तक आराम किया। लंदन में ही उनसे सचिन तेंदुलकर समेत कई क्रिकेटरों ने मुलाकात की थी। युवराज सिंह पिछले साल वर्ल्ड कप में 'मैन ऑफ द टूर्नामेंट' चुने गए थे।

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