काले धन की वापसी के लिए राजधानी के रामलीला मैदान में 9 अगस्त से शुरू हो रहे अपने आंदोलन से पहले बाबा रामदेव ने कांग्रेस के कुछ पदाधिकारियों पर दुष्प्रचार का आरोप लगाया है। बाबा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से आग्रह किया कि वह इन नेताओं को काबू में रखें।
आंदोलन से पहले बाबा रामदेव गुजरात में लौहपुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल की जन्मस्थली कर्मसाढ़ में तीन दिन तक एकांत साधना करेंगे। रामदेव ने कहा कि आंदोलन से पहले वे तीन दिन का समय एकांत साधना, आत्मचिंतन और राष्ट्र चिंतन में बिताएंगे। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त के आंदोलन से घबराकर कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी शालीनता और मर्यादा की सारी सीमाएं तोड़कर अनर्गल बातें कर रहे हैं। सोनिया गांधी को उन्हें अनुशासन में रखना चाहिए।
रामदेव ने केन्द्र सरकार और दिल्ली पुलिस को भी आगाह किया कि वह अहिंसक और शांतिपूर्ण आंदोलन करने के उनके संवैधानिक अधिकार के प्रयोग से उन्हें रोकने का प्रयास नहीं करें। उन्होंने कहा कि हम अहिंसा और शांतिप्रियता के साथ आंदोलन आगे बढ़ाएंगे। दिल्ली पुलिस और केन्द्र सरकार से हम विनम्रता पूर्वक आग्रह करते हैं कि जब पूरा देश एक बहुत बड़े संकट से गुजर रहा है तो ऐसे समय में आंदोलन करने के हमारे संवैधानिक अधिकार को रोकने का कोई षडयंत्र नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि रामदेव को पिछले साल जून महीने में रामलीला मैदान पर आयोजित अपना आंदोलन पुलिस कार्रवाई के बाद बंद करना पड़ा था। उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के साथ ही रामदेव को भी फटकार लगाई थी। अब रामदेव का आंदोलन ऐसे समय में हो रहा है, जब समाजसेवी अन्ना हजारे जंतर मंतर पर अपना अनशन समाप्त कर देश को राजनीतिक विकल्प देने के अभियान पर निकल पड़े हैं।
आंदोलन से पहले बाबा रामदेव गुजरात में लौहपुरूष सरदार बल्लभभाई पटेल की जन्मस्थली कर्मसाढ़ में तीन दिन तक एकांत साधना करेंगे। रामदेव ने कहा कि आंदोलन से पहले वे तीन दिन का समय एकांत साधना, आत्मचिंतन और राष्ट्र चिंतन में बिताएंगे। उन्होंने कहा कि 9 अगस्त के आंदोलन से घबराकर कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी शालीनता और मर्यादा की सारी सीमाएं तोड़कर अनर्गल बातें कर रहे हैं। सोनिया गांधी को उन्हें अनुशासन में रखना चाहिए।
रामदेव ने केन्द्र सरकार और दिल्ली पुलिस को भी आगाह किया कि वह अहिंसक और शांतिपूर्ण आंदोलन करने के उनके संवैधानिक अधिकार के प्रयोग से उन्हें रोकने का प्रयास नहीं करें। उन्होंने कहा कि हम अहिंसा और शांतिप्रियता के साथ आंदोलन आगे बढ़ाएंगे। दिल्ली पुलिस और केन्द्र सरकार से हम विनम्रता पूर्वक आग्रह करते हैं कि जब पूरा देश एक बहुत बड़े संकट से गुजर रहा है तो ऐसे समय में आंदोलन करने के हमारे संवैधानिक अधिकार को रोकने का कोई षडयंत्र नहीं होना चाहिए।
गौरतलब है कि रामदेव को पिछले साल जून महीने में रामलीला मैदान पर आयोजित अपना आंदोलन पुलिस कार्रवाई के बाद बंद करना पड़ा था। उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के साथ ही रामदेव को भी फटकार लगाई थी। अब रामदेव का आंदोलन ऐसे समय में हो रहा है, जब समाजसेवी अन्ना हजारे जंतर मंतर पर अपना अनशन समाप्त कर देश को राजनीतिक विकल्प देने के अभियान पर निकल पड़े हैं।
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