नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने अनशन पर बैठे टीम अन्ना के सदस्यों को पत्र भेजकर उनसे अस्पताल जाने का अनुरोध किया है। पुलिस ने उस हलफनामे का हवाला दिया है, जिसमें अनशन की मंजूरी के लिए कहा गया था कि जरूरत पड़ने पर अनशनकारी अस्पताल जाएंगे। टीम अन्ना के अनशन का आज आठवां दिन है। टीम अन्ना के अहम सदस्य अरविंद केजरीवाल की हालत खराब है और गोपाल राय की तबीयत भी बिगड़ रही है। डॉक्टरों ने दोनों को अस्पताल ले जाने की सलाह दी है। उधर, टीम अन्ना की बैठक में फैसला लिया गया है कि अनशन जारी रहेगा। टीम अन्ना ने कहा है कि सरकार ने अगर जोर-जबरदस्ती की कोशिश की तो वह किसी से बात नहीं करेंगे।
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि मेरा अनशन जारी रहेगा और मैं खुदकुशी के लिए नहीं, बल्कि बलिदान के लिए अनशन पर बैठा हूं। केजरीवाल ने कहा कि सरकार उन्हें जबरन अनशन स्थल से उठाकर अस्पताल ले जा सकती है और अगर ऐसा हुआ तो समर्थकों को उन्हें वहां से बाहर निकालने के लिए आगे आना होगा।
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह कमजोरी महसूस कर रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पताल में नहीं जाएंगे, क्योंकि उन्हें लगता है कि वहां वह निश्चित रूप से मर जाएंगे। उन्होंने अनशन स्थल जंतर-मंतर पर समर्थकों से कहा कि वह सरकारी अस्पताल राम मनोहर लोहिया की उनके स्वास्थ्य के संबंध में दी जा रही जानकारियां लेना बंद कर कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इस अस्पताल पर भरोसा नहीं है। केजरीवाल ने समर्थकों से कहा, मैं कमजोर हो गया हूं, लेकिन सरकार कह रही है कि वह मुझे अस्पताल में भर्ती करेगी, क्योंकि मैं आत्महत्या की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन यदि वह ऐसा करती है, तो आप लोगों को मुझे अस्पताल से बाहर निकाल लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया, तो वह निश्चित रूप से मर जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह आत्महत्या नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लोगों के लिए बलिदान है। अन्ना हजारे ने वहां मौजूद लोगों से कहा, लोग तभी आत्महत्या करते हैं, जब वे किसी परेशानी का सामना कर रहे हों, लेकिन केजरीवाल के साथ ऐसा नहीं है। बुधवार को अन्ना के अनशन का जहां चौथा दिन है, वहीं केजरीवाल को ऐसा करते हुए एक सप्ताह हो गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि वह कमजोर हो गए हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य स्थिर है। केजरीवाल के अलावा टीम अन्ना के दो और सदस्य मनीष सिसौदिया व गोपाल राय भी अनशन पर हैं। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री टीम अन्ना से मुलाकात करके मध्यस्थता कर सकते हैं। वह फिलहाल हालात का जायजा ले रहे हैं। वैसे , सरकार के मुताबिक जिन भ्रष्ट मंत्रियों की जांच के लिए टीम अन्ना एसआईटी बनाने की मांग कर रही है, उनके खिलाफ टीम के पास कोई सबूत नहीं है और अगर सबूत हैं भी, तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। लोकपाल बिल के मुद्दे पर सरकार का पक्ष है कि राज्यसभा में उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है, इसी वजह से बिल अटक गया है। सेलेक्शन कमेटी संशोधन तय करेगी, फिर इसे पास कराया जाएगा। उधर, जंतर-मंतर पर अनशन कर रहे अन्ना हजारे के करीब दो हजार समर्थक मंगलवार को अचानक रामलीला मैदान में पहुंच गए। इतनी बड़ी संख्या में इन समर्थकों के आने से एक बारगी ऐसा लगने लगा कि अन्ना का अनशन जंतर-मंतर पर न होकर रामलीला मैदान में हो रहा है।
नारेबाजी करते हुए अन्ना समर्थक सड़कों पर बैठ गए और रास्ते को कुछ देर के लिए जाम कर दिया। गौरतलब है कि रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के अनशन की तैयारियां चल रहीं हैं। रामदेव 9 अगस्त से यहां अनशन करेंगे। अन्ना के इन समर्थकों ने लोगों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम में साथ आएं।
टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि मेरा अनशन जारी रहेगा और मैं खुदकुशी के लिए नहीं, बल्कि बलिदान के लिए अनशन पर बैठा हूं। केजरीवाल ने कहा कि सरकार उन्हें जबरन अनशन स्थल से उठाकर अस्पताल ले जा सकती है और अगर ऐसा हुआ तो समर्थकों को उन्हें वहां से बाहर निकालने के लिए आगे आना होगा।
अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वह कमजोरी महसूस कर रहे हैं, लेकिन सरकारी अस्पताल में नहीं जाएंगे, क्योंकि उन्हें लगता है कि वहां वह निश्चित रूप से मर जाएंगे। उन्होंने अनशन स्थल जंतर-मंतर पर समर्थकों से कहा कि वह सरकारी अस्पताल राम मनोहर लोहिया की उनके स्वास्थ्य के संबंध में दी जा रही जानकारियां लेना बंद कर कर रहे हैं क्योंकि उन्हें इस अस्पताल पर भरोसा नहीं है। केजरीवाल ने समर्थकों से कहा, मैं कमजोर हो गया हूं, लेकिन सरकार कह रही है कि वह मुझे अस्पताल में भर्ती करेगी, क्योंकि मैं आत्महत्या की कोशिश कर रहा हूं। लेकिन यदि वह ऐसा करती है, तो आप लोगों को मुझे अस्पताल से बाहर निकाल लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया, तो वह निश्चित रूप से मर जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह आत्महत्या नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लोगों के लिए बलिदान है। अन्ना हजारे ने वहां मौजूद लोगों से कहा, लोग तभी आत्महत्या करते हैं, जब वे किसी परेशानी का सामना कर रहे हों, लेकिन केजरीवाल के साथ ऐसा नहीं है। बुधवार को अन्ना के अनशन का जहां चौथा दिन है, वहीं केजरीवाल को ऐसा करते हुए एक सप्ताह हो गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि वह कमजोर हो गए हैं, लेकिन उनका स्वास्थ्य स्थिर है। केजरीवाल के अलावा टीम अन्ना के दो और सदस्य मनीष सिसौदिया व गोपाल राय भी अनशन पर हैं। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री टीम अन्ना से मुलाकात करके मध्यस्थता कर सकते हैं। वह फिलहाल हालात का जायजा ले रहे हैं। वैसे , सरकार के मुताबिक जिन भ्रष्ट मंत्रियों की जांच के लिए टीम अन्ना एसआईटी बनाने की मांग कर रही है, उनके खिलाफ टीम के पास कोई सबूत नहीं है और अगर सबूत हैं भी, तो वह कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती है। लोकपाल बिल के मुद्दे पर सरकार का पक्ष है कि राज्यसभा में उसके पास पूर्ण बहुमत नहीं है, इसी वजह से बिल अटक गया है। सेलेक्शन कमेटी संशोधन तय करेगी, फिर इसे पास कराया जाएगा। उधर, जंतर-मंतर पर अनशन कर रहे अन्ना हजारे के करीब दो हजार समर्थक मंगलवार को अचानक रामलीला मैदान में पहुंच गए। इतनी बड़ी संख्या में इन समर्थकों के आने से एक बारगी ऐसा लगने लगा कि अन्ना का अनशन जंतर-मंतर पर न होकर रामलीला मैदान में हो रहा है।
नारेबाजी करते हुए अन्ना समर्थक सड़कों पर बैठ गए और रास्ते को कुछ देर के लिए जाम कर दिया। गौरतलब है कि रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के अनशन की तैयारियां चल रहीं हैं। रामदेव 9 अगस्त से यहां अनशन करेंगे। अन्ना के इन समर्थकों ने लोगों से अपील की कि वे ज्यादा से ज्यादा संख्या में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम में साथ आएं।
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