नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को राष्ट्र की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 68वीं जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वरिष्ठ नेताओं ने भी राजीव गांधी के समाधि स्थल वीरभूमि में पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी।
राजीव गांधी की पत्नी एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनकी पुत्री प्रियंका गांधी और पति रावर्ट वडेरा ने भी समाधिस्थल में पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। राजीव गांधी के पुत्र एवं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी हालांकि प्रार्थना कार्यक्रम के दौरान नहीं दिखाई दिए। रक्षा मंत्री एके एंटनी, लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने भी समाधि स्थल में पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। बाद में विद्यालय के छात्रों ने समाधि स्थल की ओर मार्च किया। श्वेत वस्त्र पहने हुए बच्चे सामुदायिक सद्भावना के प्रतीक स्वरूप हाथ में तिरंगा लिये हुये थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान शास्त्रीय संगीत की मधुर ध्वनि बजाई जा रही थी।
देश में सूचना तकनीक क्रांति के प्रणेता राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। उन्होंने 1984 से 1989 तक देश के छठे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 21 मई 1991 को तमिलनाडु में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान लिट्टे आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी।
राजीव गांधी की पत्नी एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनकी पुत्री प्रियंका गांधी और पति रावर्ट वडेरा ने भी समाधिस्थल में पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। राजीव गांधी के पुत्र एवं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी हालांकि प्रार्थना कार्यक्रम के दौरान नहीं दिखाई दिए। रक्षा मंत्री एके एंटनी, लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने भी समाधि स्थल में पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। बाद में विद्यालय के छात्रों ने समाधि स्थल की ओर मार्च किया। श्वेत वस्त्र पहने हुए बच्चे सामुदायिक सद्भावना के प्रतीक स्वरूप हाथ में तिरंगा लिये हुये थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान शास्त्रीय संगीत की मधुर ध्वनि बजाई जा रही थी।
देश में सूचना तकनीक क्रांति के प्रणेता राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। उन्होंने 1984 से 1989 तक देश के छठे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 21 मई 1991 को तमिलनाडु में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान लिट्टे आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी।
No comments:
Post a Comment