केशुभाई ने कहा कि मुझसे कई लोगों ने कहा कि 'अब इस उम्र में मुझे शांति से बैठना चाहिए क्योंकि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में मैंने सब कुछ पा लिया है। मगर, मैंने देखा कि गुजरात की जनता कितनी पीड़ित है और ऐसे हालात में मैं चुप नहीं बैठ सकता।'
उन्होंने कहा कि मोदी ऐसे राक्षस हैं जो गुजरात की जनता की दुख-तकलीफों के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि 'पुराने जमाने के किस्सों में जो राक्षस होते थे, उनकी जान कहीं किसी तोते में बसती थी। राक्षस को खत्म करने के लिए नायक उस तोते को मार डालते थे। ऐसे ही इस राक्षस की जान आपके वोटों में है। आप उसे वोट देना बंद कर दें और वह खत्म हो जाएगा।'
केशुभाई ने कहा कि 'पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2002 में मोदी को राजधर्म का पालन करने की सलाह दी थी। अब राज्य में लोगों की हालत देख कर मैंने प्रजा धर्म का पालन करने का फैसला किया है।'
No comments:
Post a Comment