नरोदा से तीन बार विधायक रही मायाबेन कोडनानी को मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का करीबी माना जाता है.गुजरात में मंत्री बनने वाली वह पहली सिंधी नेता हैं.गोधरा के दंगे में सजा पाने वाली वह पहली महिला और पहली विधायक हैं.माया कोडनानी 1998 में पहली बार नरोदा से विधायक बनी थीं. इसके बाद इस सीट से वो दो बार और जीतीं. 2007 में उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री बनाया गया था. इस मामले में उन्हें 2009 में गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह मंत्री थीं, जिसके बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था.वीएचपी का पूर्व नेता है बाबू बजरंगी. बाबू बजरंगी ने भी नरोडा पाटिया में खून की होली खेली थी.नरोदा पाटिया में 2002 के दंगों के दौरान बाबू ने दंगाइयों को इकट्ठा किया, हथियार जुटाए और खुद अगुवाई करते हुए नरसंहार को अंजाम दिया.गौरतलब है कि 2007 में एक स्टिंग ऑपरेशन में बाबू बजरंगी ने माना था कि वे दंगों में शामिल था.नरोडा पाटिया इलाके में हुए नरसंहार के मामले में अदालत आज पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 28 साल और बाबू बजरंगी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। करीब साढ़े दस साल पहले हुए इस दंगे में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 70 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनके खिलाफ 325 से ज्यादा लोगों ने गवाही दी। आरोपियों में से 7 की मौत हो चुकी है, जबकि दो फरार हैं।
बुधवार को विशेष अदालत ने इस मामले में 32 लोगों को दोषी करार दिया था, जबकि 29 को बरी कर दिया था। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी मानी जाने वाली पूर्व मंत्री माया कोडनानी को अपराधिक साजिश, हत्या, हत्या के प्रयास के तहत दोषी करार दिया गया था।अन्य को दंगा फैलाने, आगजनी सहित अन्य आरोपों में दोषी पाया। एक आरोपी सुरेश उर्फ रिचर्ड चारा पर बलात्कार का भी आरोप साबित हुआ है।
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