न्यूयॉर्क: अमेरिका के एक संघीय न्यायाधीश ने एक व्यापक प्रतीकात्मक फैसले में सुझाव दिया है कि ईरान, अलकायदा और तालिबान को चाहिए कि वह 11 सितंबर 2001 के आतंकी हमले के शिकार हुए लोगों के परिवारों को छह अरब डॉलर की आर्थिक मदद दें। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए इस हमले में मारे गए कैप्टन विक्टर की पत्नी एलेन सारासिनी ने डेली न्यूज से कहा कि जो कुछ हुआ, उसकी भरपाई तो असंभव है लेकिन फिर भी वे मैनहट्टन के संघीय मजिस्ट्रेट फ्रैंक मास की इस अनुशंसा से खुश हैं। एलेन कहती हैं, खुश होना आसान नहीं है, पर मैं खुश हूं। बहरहाल, इस फैसले ने हमारे पुराने घावों को फिर से हरा कर दिया। हम कभी मुकदमे के चक्कर में नहीं पड़े मैं जानना चाहती थी कि मेरे पति के साथ आखिर हुआ क्या था?’’ विक्टर उन अपहृत विमानों में से एक के कैप्टन थे जिन्हें अपहरण के बाद वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकराया गया था।
पिछले साल इस हमले में मारे गए 47 लोगों के परिजनों की ओर से दाखिल एक याचिका पर जज जॉर्ज डेनियल्स ने अलकायदा, तालिबान और ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने मजिस्ट्रेट को आदेश दिया था कि वे इन हमलों में हुई क्षति का आकलन करें। फ्रैंक मास की ओर से की गई इन अनुशंसाओं को स्वीकारना या नकारना अब डेनियल्स पर निर्भर है। मास ने प्रत्येक पीड़ित और अपनों को गंवाने वाले परिजनों के लिए दंडात्मक और क्षतिपूरक दोनों तरह के नुकसान का आकलन किया। डेनियल्स ने पिछले साल पीड़ितों के परिजनों के इस तर्क को सही ठहराया था कि 2001 के हमले अलकायदा को मिली मदद के जरिये अंजाम दिए गए थे। जांच में यह पाया गया कि ईरान की ओर से अलकायदा को मदद जारी है और उसके नेताओं को भी यहां सुरक्षित पनाह मिली है हालांकि ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने 11 सितंबर के हमलों का अपने देश से कोई भी संबंध होने से बार-बार इनकार किया है।
अलकायदा और ईरान वैसे तो एक-दूसरे के दुश्मन हैं लेकिन दोनों के बीच, अमेरिका से दुश्मनी के चलते सुविधाजनक रिश्ता बना हुआ है। ईरान ने 11 सितंबर के हमलों के लिए विमानों का अपहरण करने वालों को अपने देश से होकर गुजरने दिया था लेकिन इन हमलों की जांच कर रहा आयोग ऐसा कोई सबूत नहीं जुटा पाया था कि ईरान को इस हमले की जानकारी पहले से थी।
पिछले साल इस हमले में मारे गए 47 लोगों के परिजनों की ओर से दाखिल एक याचिका पर जज जॉर्ज डेनियल्स ने अलकायदा, तालिबान और ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने मजिस्ट्रेट को आदेश दिया था कि वे इन हमलों में हुई क्षति का आकलन करें। फ्रैंक मास की ओर से की गई इन अनुशंसाओं को स्वीकारना या नकारना अब डेनियल्स पर निर्भर है। मास ने प्रत्येक पीड़ित और अपनों को गंवाने वाले परिजनों के लिए दंडात्मक और क्षतिपूरक दोनों तरह के नुकसान का आकलन किया। डेनियल्स ने पिछले साल पीड़ितों के परिजनों के इस तर्क को सही ठहराया था कि 2001 के हमले अलकायदा को मिली मदद के जरिये अंजाम दिए गए थे। जांच में यह पाया गया कि ईरान की ओर से अलकायदा को मदद जारी है और उसके नेताओं को भी यहां सुरक्षित पनाह मिली है हालांकि ईरान के राष्ट्रपति महमूद अहमदीनेजाद ने 11 सितंबर के हमलों का अपने देश से कोई भी संबंध होने से बार-बार इनकार किया है।
अलकायदा और ईरान वैसे तो एक-दूसरे के दुश्मन हैं लेकिन दोनों के बीच, अमेरिका से दुश्मनी के चलते सुविधाजनक रिश्ता बना हुआ है। ईरान ने 11 सितंबर के हमलों के लिए विमानों का अपहरण करने वालों को अपने देश से होकर गुजरने दिया था लेकिन इन हमलों की जांच कर रहा आयोग ऐसा कोई सबूत नहीं जुटा पाया था कि ईरान को इस हमले की जानकारी पहले से थी।
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